यह रोमांस 70-80 के दशक का नहीं है जब युवा एकदूसरे की बांहों में बांहें डाले किसी पार्क या सुनसान जगहों पर जा कर अपने प्यार का इजहार करते थे. बौलीवुड वाले भी प्यार का इजहार कराने के लिए गार्डनों में हीरोहीरोइन को ले जाते थे जहां वे दोनों गाना गाते थे, जैसे ‘बागों में बहार है, कलियों पे निखार है, मुझ को तुम से प्यार है...’ इस फिल्म में दिखाया गया रोमांस एकदम देसी है यानी एकदम तेज वाला फास्ट अट्रैक्शन. लड़के को लड़की मिली, लड़की ने कहा, ‘तुम मुझे किस कर सकते हो?’ लड़के ने झट से अपने होंठ लड़की के होंठों से चिपका दिए. लो, हो गया प्यार. नहींनहीं, यह प्यार नहीं, सिर्फ अट्रैक्शन है. जब मामला शादी तक पहुंचता है तब दोनों भाग निकलते हैं. यही है ‘शुद्ध देसी रोमांस.’ दरअसल, इसे विदेशी रोमांस कहा जाए तो ज्यादा सही होगा.

फिल्म का टाइटल तो ‘शुद्ध देसी रोमांस’ है परंतु इस में बहुत सारे किस सीन हैं और किस करने का तरीका विदेशी है. आज के युवा किस तरह की जिंदगी जीते हैं और उन के प्रपोज करने का तरीका क्या है, फिल्म इस बारे में बताती है.

‘शुद्ध देसी रोमांस’ एक फन फिल्म है जिस के मुख्य किरदार आप को कन्फ्यूज लगेंगे, साथ ही आप को भी कन्फ्यूज करते दिखेंगे और आप उन के कन्फ्यूजन को खुल कर एंजौय करेंगे. हमारेआप के बीच बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो हर वक्त कन्फ्यूज रहते हैं. वे प्यार करने की हिम्मत तो जुटा लेते हैं पर शादी के मामले में कन्फ्यूज रहते हैं. जिस से प्यार किया है उस से शादी करें या नहीं, इस बात का फैसला वे नहीं कर पाते. ‘शुद्ध देसी रोमांस’ में कुछ इसी तरह का कन्फ्यूजन है. फिल्म युवाओं के मतलब की है.

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