रेटिंग : 5 में से 2 स्टार

‘स्टार्टअप’ ट्रैंड की शुरुआत होते ही कई युवाओं ने अलगअलग क्षेत्र में छोटी कंपनी के तहत ‘स्टार्टअप’ बिजनैस की शुरुआत की. इसी दौर में दिल्ली के 2 युवकों प्रशांत टंडन और गौरव अग्रवाल ने हर इनसान के घर तक दवाएं पहुंचाने के स्टार्टअप बिजनैस ‘वन एमजी’ की शुरुआत की, जिस का बाद में ‘टाटा’ ने अधिग्रहण कर लिया और अब इस का नाम ‘टाटा वन एमजी’ हो गया है.

यह कहानी अपने सपनों को पूरा करने की जिद व विजेता बनने की है. इसी तर्ज पर वरुण अग्रवाल और उन के दोस्त रोहण मल्होत्रा ने भी स्टार्टअप कंपनी ‘अमला मैटर’ की शुरुआत की थी जो स्कूलकालेजों में कस्टमाइज कपड़े पहुंचाने का काम करती थी. वरुण अग्रवाल की मां को उन की मां की सहेली और उन के एक दोस्त की मां ने जो कुछ किया और उन की कंपनी के साथ जो कुछ हुआ, उसी पर वरुण अग्रवाल ने ‘आटोबायोग्राफिक’ उपन्यास ‘हाउ आई ब्रेव्ड अनु आंटी एंड कोफाउंडेड ए मिलियन डालर कंपनी’ लिखा, जो वर्ष 2012 में प्रकाशित हुआ था.

इसी किताब को आधार बना कर फिल्मकार अभिषेक सिन्हा फिल्म ‘तुम से न हो पाएगा’ ले कर आए हैं, जो 29 सितंबर से ओटीटी प्लेटफार्म ‘डिज्नी प्लस हौटस्टार' पर स्ट्रीम हो रही है. पहले इस फिल्म का नाम ‘बस करो आंटी’ था, फिल्म देखने के बाद कहा जा सकता है कि इस कहानी पर ‘बस करो आंटी’ नाम ज्यादा सटीक बैठता है.

फिल्म युवा पीढ़ी के असमंजस, दुविधा, संघर्ष के साथ ही समाज के ‘लोग क्या कहेंगे’ के कारण बढ़ने वाले संघर्ष का सजीव चित्रण करती है. इस में कारपोरेट नौकरी की कठिनाइयों, अपने बचपन के प्यार का पीछा करने से ले कर अपना खुद का कुछ शुरू करने के सपनों की दास्तां है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...