सलमान खान की यह किक स्कूटर या बाइक की नहीं है, यह किक सलमान खान की है. तभी तो उस ने फिल्म में ‘किक’ शब्द का प्रयोग कई बार किया है. बौलीवुड में एक सलमान खान ही ऐसा ऐक्टर है जो अपनी बेशर्मी, बेहूदगियों से भी अपने फैंस को इंप्रैस कर लेता है.
उस के फैंस उस की हर बेहूदगी को ऐंजौय करते हैं. ‘किक’ में उस ने बड़े प्यार से किक मारी है और उस के फैंस हैं कि किक खा कर भी उस पर वारीवारी जा रहे हैं. फिल्म के अंत में सलमान खान कहता दिखाई देता है कि मेरे बारे में मत सोचो. जिंदगी की सब से बड़ी किक इसी में है.
‘किक’ 2009 में इसी शीर्षक से बनी तेलुगु फिल्म की रीमेक है. इस फिल्म में सलमान ने सीरियस हो कर ऐक्ंिटग नहीं की है. उसे गरीब बच्चों के इलाज के लिए खजाना लूटते दिखाया गया है. इसीलिए उसे तालियां मिली हैं.
जिस फिल्म में सलमान खान हो उस फिल्म की कहानी क्या है और उस में कौनकौन से कलाकार हैं, इस पर ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती. सलमान खान ही काफी है. उस का ऐक्टिंग का अपना स्टाइल है. ‘किक’ में उस ने ‘दबंग’,‘बौडीगार्ड’ और ‘एक था टाइगर’ वाली स्टाइल को बरकरार रखा है. इसीलिए यह फिल्म सलमान के फैंस को तो किक देती है लेकिन बाकियों को जोर से किक मारती है.
फिल्म की कहानी पोलैंड की एक टे्रन में डाक्टर शाइना (जैकलीन फर्नांडीस) और भारत से पोलैंड गए इंस्पैक्टर हिमांशु त्यागी (रणदीप हुड्डा) की बातचीत से शुरू होती है. शाइना उसे एक दिलचस्प आदमी देवी लाल सिंह (सलमान खान) के बारे में बताती है. शाइना की मुलाकात देवी लाल सिंह से होती है. वह मनमौजी किस्म का आदमी है और जिंदगी में रोमांच चाहता है. शाइना को उस से प्यार हो जाता है. एक दिन अचानक वह गायब हो जाता है. इस बीच शाइना की जिंदगी में हिमांशु त्यागी आ जाता है. हिमांशु को डेविल नाम के आदमी की तलाश है.