2010 में प्रदर्शित हास्य फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन’’ का यह सिक्वअल है. इस फिल्म में ओसामा बिन लादेन की मौत हुई या वह जिंदा है, इस बात को लेकर रस्साकसी है. छह साल पहले की फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन’’ में कहानी व हास्य के साथ कलाकारों की परफार्मेंस ऐसी थी कि इस फिल्म ने लोगो के दिलों में जगह बना ली थी. लेकिन छह साल बाद उसी फिल्म का सिक्वअल ‘‘तेरे बिन लादेन डेड आर एलाइव’’ देखकर एक ही सवाल दिमाग में आता है कि जब कहानी नहीं है, तो फिर सिक्वअल बनाने की जिद क्यों?

फिल्म की कहानी शुरू होती है 2009 में दिल्ली के एक हलवाई के बेटे शर्मा (मनीष पॉल)से. वह अपने पिता की हलवाई की दुकान पर बैठने की बजाय फिल्म बनाने के लिए मुंबई पहुंच जाता है. अब उसे इंतजार है कि कोई उसे फिल्म निर्देशित करने का अवसर दे दे. तभी एक दिन बस में यात्रा करते हुए शर्मा की मुलाकात ओसामा बिन लादेन के हमशक्ल पद्दी सिंह (प्रदुम्न सिंह) से हो जाती है. शर्मा के दिमाग में पद्दी सिंह को ओसामा बिन लादेन बनाकर फिल्म निर्माण का ख्याल आता है. शर्मा को एक निर्माता भी मिल जाता है. फिल्म की शूटिंग शुरू होते ही खबर आती है कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मौत के घाट उतार दिया. पर अमेरिका कोई सबूत नहीं दे पाता.

अमेरिका बार बार साबित करना चाहता है कि उनके सैनिकों ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर ओसामा बिन लादेन को मौत के घाट उतार दिया. मगर एक आतंकवादी संगठन के प्रमुख खलीली (पीयूष मिश्रा) साबित करना चाहता है कि ओसामा बिन लादेन जिंदा है, जिससे उनके संगठन को लगातार पैसा मिलता रहे. अमेरिकन सरकार और आतंकवादी खलीली के बीच शर्मा फंस जाता है. क्योंकि खलीली और अमेरिकन सरकार को पद्दी सिंह के बारे में खबर लग जाती है. अब अमेरिका के राष्ट्रपति के कहने पर सीआईए एजेंट डेविड (सिकंदर खेर)  कुछ अमेरिकी सैनिक व बिना आवाज वाला एअरक्राफ्ट लेकर भारत पहुंचता है. उसका मकसद ओसामा बिन लादेन के हमशक्ल पद्दी सिंह को अमेरिकन सैनिकों के हाथों मारकर उसका वीडियो दुनिया के सामने रखना है. जबकि खलीली, पद्दी सिंह का अपहरण कर उसका वीडियो बनाकर लोगों के बीच संदेश देना चाहता है कि ओसामा बिन लादेन जिंदा है और वह खलीली के साथ है. डेविड खुद को शर्मा व पद्दी सिंह के सामने हालीवुड फिल्म निर्माता बताता है. दोनों अपने हिसाब से योजना बनाते हैं और शर्मा खुद के साथ साथ पद्दी सिंह को बचाने का प्रयास करता है, जिसकी वजह से कई हास्यप्रद घटनाएं घटित होती हैं.

छोटे परदे पर मनीष पॉल की कॉमिक टाइमिंग के सभी कायल हैं. मगर फिल्म का मामला बहुत अलग होता है. यूं तो मनीष ने स्क्रिप्ट के अनुसार उन्हे जो सामग्री मिली, उसका उपयोग करने के अलावा प्रदुम्न सिंह के साथ कदमताल कर दर्शकों को हंसाने का प्रयास करते है. पर कई जगह वह असफल नजर आते हैं. कई सीन में वह जरुरत से ज्यादा लाउड नजर आते हैं.

कई फनी सीन प्रभाव पैदा करने में असफल हैं. फिल्म में कहानी कहने की बजाय जोक्स दोहराने की कोशिश ज्यादा की गयी है. फिल्म के संवाद भी फिल्म को बेहतर बनाने में मदद नहीं करते हैं. फिल्म में अस्वाभाविक सीन की भरमार है. अमेरिका जैसे देष का राष्ट्रपति और अमेरिका की सीआईए का एजेंट, ओसामा बिन लादेन के मारे जाने का सबूत जुटाने के लिए फिल्म निर्माता पर निर्भर होगा, यह सेाच ही अपने आप में बचकानी है. निर्देशक ने सिनेमाई स्वतंत्रता का बेजा इस्तेमाल भी किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी पद्दी सिंह यानी कि नकली ओसामा बिन लादेन को मारने पहुंचते हैं, यह बड़ा अजीब सा है. भले ही फिल्मकार अभिषेक शर्मा इसे व्यंग व हास्य की दृष्टि से सही ठहराएं. फिल्म को एक व्यंग फिल्म के रूप में प्रचारित किया गया, जबकि यह फिल्म ‘दिमाग विहीन हास्य फिल्म’ के रूप में प्रचारित की जानी चाहिए थी. फिल्मकार ने इस फिल्म में अली जफर को कैमियों मे क्या सोचकर पेश किया, यह बात समझ से परे है. अली जफर का चरित्र फिल्म की गति व कथानक में रूकावट डालता है. निर्देशक अभिषेक शर्मा के सामने पहले वाली फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन’’ के मुकाबले इस सिक्वअल फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन डेड आर एलाइव’ को ज्यादा बेहतर बनाने की थी. इसमें वह असफल रहे हैं. लेखक के तौर पर भी अभिषेक शर्मा असफल ही कहे जाएंगे.

नकली ओसामा बने प्रदुम्न सिंह के किरदार को बेहतर तरीके से लिखा जाता, तो शायद बात बन जाती. पीयूष मिश्रा शानदार अभिनेता हैं. इसमें कोई दो राय नहीं.

2010 में हास्य फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन’’ निर्देशित कर अभिषेक शर्मा ने अभिनेता अली जफर को स्टार बना दिया था. मगर उसके बाद अभिषेक शर्मा निर्देशित हास्य फिल्म ‘‘द शौकीन’’ बाक्स आफिस पर बुरी तरह से मात खा गयी थी. अभिषेक शर्मा ने ‘‘द शौकीन’’ की असफलता का दोष फिल्म की मार्केटिंग पर मढ़कर अपना दामन बचा लिया था. मगर अब अपनी तीसरी हास्य फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन डेड आर एलाइव’’ के रिलीज के बाद अभिषेक शर्मा क्या कहेंगे, इस पर नजर रखनी पड़ेगी.

‘‘वॉकवाटर मीडिया’’ के बैनर तले बनी फिल्म ‘‘तेरे बिन लादेन डेड आर एलाइव’’ की निर्माता पूजा शेट्टी देवड़ा और आरती शेट्टी, लेखक व निर्देशक अभिषेक शर्मा, संगीतकार अली जफर व राम संपत, गायक राम संपत, कैमरामैन अमलेंदु चैधरी तथा एक्शन परवेज शेख का है.

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