‘बैंग बैंग’ ऐक्शन थ्रिलर है. इस फिल्म में आप को सलमान खान की फिल्मों ‘दबंग’, ‘एक था टाइगर’, ‘किक’, ‘वांटेड’ में देखे गए ऐक्शन सीन देखने को मिल जाएंगे. इस में कोई शक नहीं है कि निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने इन दृश्यों को फिल्माने में बड़ी मेहनत की है. फिल्म को विदेशों की लोकेशनों पर शूट किया है, फिर भी ‘बैंग बैंग’ में से फ्रिज में रात के बचे रखे खाने की सी स्मैल आती है. ऐसा लगा जैसे निर्देशक ने दीवाली के मौके पर ‘सेल’ का माल सजाधजा कर पेश किया है.
‘बैंग बैंग’ में रितिक रोशन और कैटरीना कैफ की औनस्क्रीन कैमिस्ट्री काफी अच्छी बन पड़ी है. कैटरीना कैफ की रितिक के साथ यह दूसरी फिल्म है. इस से पहले वह ‘जिंदगी मिलेगी न दोबारा’ में नजर आई थी. ‘बैंग बैंग’ में उसे आईज कैंडी की तरह दिखाया गया है. इस हौट बाला ने अपनी क्लीवेज दिखा कर दर्शकों को आंखें सेंकने का मौका दिया है. रितिक के साथ उस ने खुल कर रोमांटिक सीन किए हैं. फिर भी यह फिल्म न तो पूरी तरह रोमांटिक बन पाई है, न ही पूरी तरह से ऐक्शन थ्रिलर. निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने जितनी मेहनत रितिक के ऐक्शन सीन और विदेशी लोकेशनें दिखाने में की है उतनी मेहनत अगर वह कहानी और पटकथा पर करता तो फिल्म अच्छी बन सकती थी.
टौम कू्रज और कैमरून डियाज की 2010 में आई फिल्म ‘नाइट ऐंड डे’ की रीमेक है ‘बैंग बैंग’. फिल्म में दिखाए गए स्टंट सीन हौलीवुड की फिल्मों की कमजोर नकल भर लगते हैं. फिल्म की कहानी कोहिनूर हीरे को चुराने की है लेकिन यह चोरी की कहानी दर्शकों के दिमाग से फुर्र होती जाती है, दर्शक रितिक के स्टंट दृश्यों में खोते चले जाते हैं.
कहानी की शुरुआत लंदन के एक म्यूजियम से कोहिनूर हीरे की चोरी से होती है. इस चोरी से भारत में भी हलचल मची है. उधर, शिमला में चोर राजवीर (रितिक रोशन), हामिद (जावेद जाफरी) की प्यादों के साथ सौदेबाजी कर रहा है. सौदेबाजी नहीं हो पाती तो राजवीर वहां से भाग निकलता है. हामिद के साथी हाथ मलते रह जाते हैं. राजवीर की मुलाकात शिमला के एक बैंक में काम करने वाली हरलीन (कैटरीना कैफ) से होती है. अब हामिद के आदमी राजवीर के साथसाथ हरलीन की भी जान के पीछे पड़ जाते हैं. राजवीर हरलीन को ले कर एक अनजान टापू पर पहुंचता है. अब राजवीर द्वारा उमर जफर (डैनी) की तलाश शुरू होती है जो कोहिनूर हीरे का मालिक बनना चाहता है. राजवीर उमर जफर को मार डालता है. तभी रहस्य खुलता है कि राजवीर को एक खुफिया मिशन पर भारत सरकार द्वारा भेजा गया था. अब उस की पोस्टिंग किसी गुप्त जगह पर की जाएगी. लेकिन हरलीन राजवीर को छिपतेछिपाते उस के मातापिता के पास पहुंचा देती है.
फिल्म की इस कहानी में कब क्या क्यों हो रहा है, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. मारधाड़, गोलीबारी, गाडि़यों का हवा में उड़ना, नायकनायिका का एक देश से दूसरे देश में बिना पासपोर्ट के पहुंच जाना, फिर वापस लौट आना जैसी सिर धुनने वाली बातें हैं. फिल्म का क्लाइमैक्स भी जानापहचाना है. फिल्म की गति तेज है. रितिक ने ‘कृष’ और ‘धूम’ फिल्मों जैसे ऐक्शन सीन किए हैं. कैटरीना कैफ हौट लगी है. मगर वह हिंदी में संवाद ठीक ढंग से नहीं बोल पाई. डैनी की भूमिका और ज्यादा होती तो अच्छा था. फिल्म की लंबाई ज्यादा है. इसे कम किया जा सकता था. गीतसंगीत कामचलाऊ है. रितिक और कैटरीना के डांस अच्छे बन पड़े हैं. फिल्म के अंत में फिल्माया गया गाना भी अच्छा है. छायांकन अच्छा है.