शिवसेना नेता, सांसद व बालासाहेब ठाकरे की बायोपिक फिल्म ‘‘ठाकरे’’ के निर्माता संजय राउत ने सेंसर बोर्ड से दो दो हाथ करने की ठान ली है. मुंबई के वडाला स्थित आईमैक्स सिनेमाघर में फिल्म के ट्रेलर लौंच पर संजय राउत ने कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्म ‘ठाकरे’ के साथ अपनी मनमानी नहीं कर सकता.
संजय राउत ने कहा - ‘‘फिल्म से कोई संवाद नहीं हटेगा. फिल्म ‘ठाकरे’ पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता. यह बालासाहेब ठाकरे की कहानी है. बाला साहेब ने खुद अपने समय में कई लोगों पर प्रतिबंध लगाया था, क्या आप लोग इसे भूल गए. उनके जिंदा रहते कोई उनकी किसी बात पर सेंसर नहीं लगा सका, तो अब कैसे लगा सकता है? कैसे सीबीएफसी यह निर्णय कर सकती है कि बालासाहेब की जिंदगी में क्या सही था या क्या गलत था?
बाला साहेब की बायोपिक फिल्म ‘ठाकरे’ में क्या सही है और क्या गलत? इसका निर्णय सिर्फ उनके परिवार के सदस्य यानी कि खुद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही ले सकते हैं. सच केवल परिवार के लोग ही जानते हैं. मैं निश्चिन्त हूं कि सेंसर बोर्ड बालासाहेब के दृष्टिकोण को समझेगा. वह समय लेंगे, लेकिन वह समझ जाएंगे.’’
किन संवादो पर है विवाद?
यूं तो उद्धव ठाकरे व संजय राउत ने स्पष्ट नहीं किया कि सेंसर बोर्ड को फिल्म के किन संवादों पर आपत्ति है. मगर सूत्रों के अनुसार सेंसर बोर्ड ने फिल्म के तीन संवादों को हटाने के लिए कहा है. जिनमें से दो संवाद दक्षिण भारतीयों के संबंध में कहे गए हैं, जबकि एक संवाद अयोध्या के विवादित ढांचे को गिराने से जुड़ा है.’’
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