अगर हिन्दी सिनेमा की बात करें तो हीरो को लोगों की नजर में हीरो बनाने में विलेन का सबसे बड़ा हाथ होता है. विलेन ना हो तो हीरो किससे लड़ेगा, किसकी बेटी से प्यार करेगा या किसकी दौलत गरीबों में बांटेगा. 80 और 90 के दशक में कुछ ऐसे ही विलेन थे जिनके बच्चे अब बड़े हो गये हैं.
बौलीवुड के सबसे बड़े विलेन थे अमजद खान जो गब्बर बन लोगों को डराता था और आज भी गब्बर का नाम लोगों के जुबान पर बातों बातों में आ जाता है. फिर आया मुगैम्बो, मुगैम्बो खुश हुआ उनका ये डायलोग काफी चर्चित है. शाकाल और भी बहुत से. चलिए आज आपको उन विलेन के बेटों को दिखाते हैं शायद इस बारे में आप नहीं जानते होंगे.
अमरीश पुरी और राजीव पुरी
अमरीश पुरी सभी विलेन में सबसे यादगार और खूंखार विलेन थे. इन्होंने मिस्टर इंडिया, दामिनी, शहंशाह, जान, तहलका, गदर, कोयला, करन अर्जुन, बादशाह, राम लखन, घायल, ऐलान, विरासत, ताल जैसी सुपरहिट फिल्मों में विलेन के किरदार को निभाया और उसे अमर कर दिया. लेकिन इनके बेटे राजीव पुरी ने बिजनेस की राह चुनी. क्योकि उन्हें फिल्मों में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी. इसलिये इन्होंने एक बिजनेस मैन बनने का रास्ता चुना. आज राजीव एक सफल बिजनेस मैन हैं.
रजा मुराद और अली मुराद
रजा मुराद मोहरा, राम तेरी गंगा मैली, गुलामी, हीना, राम लखन, जोधा अखबर, बाजीराव मस्तानी, आंखे, फूल और कांटे, नमक हराम जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके हैं. इनके बेटे का नाम अली मुराद है. रजा मुराद के काम की तारीफ फिल्म प्रेम रोग में खूब हुई थी. एक प्रेस वार्ता में इन्होंने बताया था की उनका बेटा अभी लंडन में एक थियेटर स्कूल में पढ़ाई कर रहा है, वहां से आने के बाद वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ेगा.
गुलशन ग्रोवर और संजय ग्रोवर
बैड मैन के नाम से मशहूर गुलशन ग्रोवर के बेटे बहुत ही शांत स्वभाव के हैं. उनके बेटे का नाम संजय ग्रोवर है. गुलशन ग्रोवर ने खिलाड़ियों का खिलाड़ी, राम लखन, विजयपथ, मोहरा, गैगस्टर, यमराज, दिलवाले, बुलेट राजा, हेरा फेरी, राजा बाबू, सदमा, लज्जा, यश बौस, अनाड़ी, 16 दिसम्बर, मशाल, अवतार जैसी फिल्में कर चुके हैं. खबरें हैं कि संजय कुछ समय बाद किसी फिल्म से डेब्यू करने वाले हैं.
शक्ति कपूर और सिद्धांत कपूर
आआऊऊ ललीता इस डायलौग से फेमस हुए शक्ति कपूर ने बौलीवुड में विलेन के रूप में कदम रखा था. उनके बेटे का नाम सिद्धांत है. और बेटी का नाम श्रद्धा कपूर है. शक्ति कपूर ने अंदाज अपना-अपना, राजा बाबू, चुप-चपुके, चालबाज, कूली नम्बर वन, जांबाज, बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी, आंखे, भाई, मुकाबला, लाडला, नसीब जैसी फिल्मों में काम किया है. सिद्धांत भी काफी अच्छे एक्टर हैं. इन्होने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत भूल भूलैया, भागंमभाग जैसे फिल्मों से कि थी. कुछ समय पहले आऐ फल्म शूटआउट ऐट वडाला में विलेन के रोल में नजर आऐ थे. जिसको दर्शको द्वारा काफी सराहा गया.
अमजद खान और शादाब खान
फिल्म शोले के गब्बर को तो कोई भूल ही नहीं सकता. फिल्म में गब्बर जैसे विलेन का किरदार निभाने वाले अमजद खान 90 के दशक में ही दुनिया को अलविदा कर चुके हैं. इनके बेटे ने फिल्मों में कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. अमजद खान ने शोले, याराना, गंगा की सौगंध, कालिया, मुकद्दर का सिकंदर, सत्ते पे सत्ता, नसीब, चमेली की शादी, राम बलराम, मिस्टर नटवरलाल, सुहाग, नास्तिक, सम्राट, चरस, दौलत, लूटमार जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.