मशहूर राजस्थानी लोकगायक,शास्त्रीय गायक व बौलीवुड गायक मामे खान की बेटी की शादी में उपहार स्वर बौलीवुड गायक दलेर मेहंदी ने पारंपरिक ‘‘घूमर‘‘ मिश्रण के साथ स्वरचित विशेष राजस्थानी लोकगीत ‘‘आओजी..‘‘पेश किया

बौलीवुड के लोकप्रिय पाश्व गायक व राजस्थानी लोकगायक मामे खान किसी परिचय के मोहताज नही हैं. वह ‘लकबाय चांस’,‘आई एम’,‘नोवन किल्ड जेसिका’, ‘मिर्जिया’, सोन चिरैया’ सहित कई बौलीवुड फिल्मों के लिए पाश्व गायनकर शोहरत बटोर चुके हैं.

उन्हें विश्व  स्तर पर लोकप्रियता हासिल है और उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायक के ‘जीमा’अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में जैसलमेर से सत्तर किलोमीटर दूर मामे खान के पैतृक गांव सत्तो में उनकी बेटी की शादी थी. इस अवसर पर मामे खान ने मशहूर बौलीवुड गायक दलेर मेहंदी को खासतौर पर निमंत्रित किया था.

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इस खास मौके पर बेटी को उपहार देते हुए दलेर मेंहदी ने ‘घूमर’के साथ राजस्थानी लोक संगीत मिरित स्व रचित स्वागत गीत ‘‘आओ जी’’को गाया.इस शादी के अवसर पर जैसलमेर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पद्मश्री अनवर खान और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गाजी खान(जिन्होंने कुछ संगीतकारों,ग्रैमी विजेताओं और जाकिर हुसैन खान के साथ परफार्म कर चुके हैं.)सहित सैकड़ों महान शास्त्रीय गायक भी मौजूद थे.

जैसलमेर से लगभग 70 किलोमीटर दूर सत्तो गांव में दलेर मेहंदी ने कट्टर शास्त्रीय और लोक गायकों के साथ स्वरचित गीत ‘आओजी’ गाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया.भीषण गर्मी और पसीना था,लेकिन लोगों में संगीत के प्रति प्रेम में ऊर्जा थी.राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और लोक संगीतकार गाजी खान ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि,दलेर का गायन ‘‘सच्चा‘‘, ‘‘कठिन‘‘ और अपनी तरह का एक था. उन्होंने कहा-‘‘आरोहका रंग कुछ और या अवरोह का रंग बिलकुल अलग और बीच में कहां कहां से घूमकर इतना सुरीला गाना उलेर मेहंदी ने गायाहै.

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राजस्थानी लोकगीत ‘आओ जी’को तीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय रागों में खुद दलेर मेहंदी ने लिखा और संगीत बद्ध किया है, जिनमें से प्रत्येक एक फुर्तीले पैरों वाली बैलेरीना की कृपा के साथ एक दूसरे में सम्मिश्रणथा.राग देस के स्वरोंसे शुरू होकर, गीत जय जयवंती से होकर राग सरस्वती में अंतर की ओर ले जाता है.मामे खान की बेटी को उसकी शादी में गीत उपहार में देने के लिए देलर मेहंदी और उनकी टीम ने इस गीत को रिकॉर्ड करने के लिए मिक्स मास्टर, शूट आदि के लिए चैबीसों घंटे काम किया था.

अपनी गायकी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और राजस्थानी लोकगायक अनवर खान भी दलेर मेहंदी की परफार्मेंस से मंत्र मुग्ध होकर श्रद्धा से उनके पैर छूते हुए कहा- ‘‘आपने अपने गायन से यहाँ की धरती को धन्य कर दिया … आप सरताज हो…मुझे एक ऐसे चेहरे की आवाज सुनकर बहुत अच्छा लगा, जिसे मैंने अब तक केवल टीवी और रेडियो पर देखा और सुना था.मैं दलेर को ‘भारतीय संगीत जगत गुरु‘ की उपाधि से सम्मानित करता हॅूं.‘‘

उसके बाद अनवर खान साहब पर दलेर मेहंदी ने चुटकी लेते हुए कहा-‘‘खान साहब का एक ‘सा‘ लगाने से ही आत्मा एक ग्राचित्त हो जाती है. ‘‘ मामे खान की बेटी की शादी में दलेर मेहंदी के साथ मौजूदगाजी खान ने कहा-“मैंने कई बार 15 से अधिक ग्रैमी पुरस्कार विजेताओं के साथ प्रदर्शन किया है,लेकिन मैं दलेर पाजी से हैरान हूं.तुम्हें पता है, यह मुश्किल है … हर स्थिर में राग अलग है और अंदर में राग अलग है … उसे मिश्रा नकर एक जगलाना वाकई मुश्किल है … और यही दलेर जी ने किया है.उन्होंने इसे उन लोगों के लिए स्वादिष्ट बना दिया है,जो शास्त्रीय संगीत से अनजान हैं.‘‘

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उधर मेजबान मामे खान भी अपनी बेटी के लिए दलेर मेंहदी द्वारा एक विशेष उपहार के रूप में ‘‘आओ जी‘‘पाकर अचंभित थे. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था किपॉ पस्टार दलेर मेहंदी उनकी बेटी को आशीर्वाद देने के लिए इतनी दूर आजा सकते हैं और दिल को छूले ने वाले भाव के साथ अनूठा उपहार भी देंगे.मामे खान को दलेर मेंहदी के भोजन के प्रति प्रेम के बारे में पता था,इसलिए शादी समारोह की व्यस्तता होने के बावजूद मामे खान ने दलेर मेहंदी, उनके परिवार और उनकी टीम के लिए खाना बनाने के लिए कुछ समय निकाला.

दलेर मेहंदी ने राजस्थानी लोक कलाकारों की बहुत प्रशंसा की.उन्होने कहा-‘‘यह कलाकार हमारा गौरव हैं.यह हमारे देश की नींव हैं.उनकी भलाई और समृद्धि की देखभाल करना हमारी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है.जो मुझे प्रतिध्वनित होता है,वह है उनकी मुस्कान,दृढ़ता,संगीत के लिए शुद्ध प्रेम.‘‘

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