भारत में अपने आप में स्वायत्त संस्थाएं कहलाने वाली संस्थाएं भी इस कदर अपने अपने मंत्रालयों के अधीन होती हैं, कि इन संस्थाओं से जुड़ने वाले शख्स चाहकर भी कोई अच्छा काम नही कर पाते हैं. ऐसा ही कुछ इन दिनों बड़ी तेजी से उभरकर आ रहा है. स्मृति ईरानी के सूचना प्रसारण मंत्री बनने के बाद तथाकथित दो स्वायत्त संस्थाओं के चेयरमैन के जाने के बाद यह बात खुलकर सामने आ गयी है. स्मृति ईरानी के केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री बनते ही दो संस्थाओं के चेयरमैन हट गए.
सबसे पहले ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ के चेयरमैन पहलाज निहलानी की छुट्टी हुई. सूचना प्रसारण मंत्रालय ने पहलाज निहलानी को उनके पद से बर्खास्त किया था. मगर‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी औफ इंडिया’ के चेयरमैन मुकेश खन्ना ने तो अपना कार्यकाल खत्म होने के दो माह पहले ही सूचना प्रसारण मंत्रालय व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी की कार्यशैली के विरोध में त्यागपत्र दे दिया.
कई फिल्मों के अलावा कई सीरियलों में अभिनय कर चुके मुकेश खन्ना की पहचान ‘शक्तिमान’ के रूप में होती है. मुकेश खन्ना ने बच्चों के लिए ‘शक्तिमान’ नामक सीरियल का निर्माण और उसमें पहले भारतीय सुपर हीरो शक्तिमान का मुख्य किरदार भी निभाया था. यह सीरियल पूरे सात वर्ष तक प्रसारित हुआ. आज भी ‘शक्तिमान’ बच्चों का सबसे पसंदीदा सीरियल माना जाता है.
लगभग तीन वर्ष पहले जब मुकेश खन्ना को ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ का चेयरमैन बनाया गया था, तब उम्मीद जगी थी कि अब बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन फिल्मों का निर्माण ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ करेगी. मगर परिणाम वही ढाक के तीन पात रहे. अब अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हे बच्चों के लिए बेहतर काम करने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय और इस मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों से आपेक्षित सहयोग नहीं मिला. मुकेश खन्ना का दावा है कि उनके हर कदम का विरोध किया गया.