‘इफला इंटरनेशनल फिल्मफेस्टिवल’ के प्रतियोगिता खंड मेंआशीष पंत की फिल्म ‘उलझन‘ ‘द नॉट‘ का हुआ चयन ‘द फिल्मलैंड‘, ‘अंधे घोड़ेदादान‘, ‘द फोर्थडाइरेक्शन‘, ‘सोनी‘ तथा ‘कन्हौर‘ जैसी चर्चित व पुरस्कृत फिल्मों के निर्माता कार्तिकेय नारायण सिंह की फिल्म ‘‘उलझन’’‘द नाट’’ अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में जबरदस्त परचम लहरा रही है.

‘‘सांता बार बरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’में काफी वाह वाही बटोरने के बाद फिल्म ‘उलझन दनॉट‘ को ‘इफला फिल्म फेस्टिवल’ में प्रतियोगिता खंड के लिए चुना गया है.कार्तिकेय नारायण सिंह ने अपनी इस फिल्म का निर्माण क्रिस्टो फरजल्ला के सहयोग से ‘रूट वन प्रोडक्शंस’के तहत किया है.
नवोदित निर्देषक आशीष पंत निर्देषित फिल्म ‘उलझन दनॉट‘ की कहानी एक विवाहित जोड़े, सलोनी बत्रा (सोनी) तथा विकास कुमार (हामिद) के इर्द गिर्द घूमती है. गीता और शिरीष से एक दुर्घटना हो जाती है. इस दुर्घटना के बाद उनके जीवन मेें भूचाल आ जाता है और दोनों किस तरह अपने जीवन में घटित होने वाले व्यावहारिक और भावनात्मक प्रभावों से निपटते हैं, उसी की दास्तान है यह फिल्म.

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मूल रूप से लखनऊ निवासी आशीष पंत वर्तमान समय में न्यूयॉर्क में अभिनय की शिक्षा दे रहे हैं. जब हमने निर्देषक आशीष पंत से उनकी फिल्म ‘‘उलझन द नाॅट’’ की चर्चा की,तो उन्होने कहा-“एनएफडीसी द्वारा साउथ एशियन फिल्म्स के लिए सबसे बड़े को-प्रोडक्शन मार्केट फिल्म बाजार में आवेदन करने के बाद मेरी पहली फिल्म ‘उलझन दनॉट‘ की यात्रा की शुरूआत हुई.‘उलझन दनॉट‘ की पटकथा को-प्रोडक्शन मार्केट के लिए चुनी गई 18 परियोजनाओं में से एक थी. वहीं पर मेरी मुलाकात कार्तिकेय नारायण सिंह से हुई .मैंउ नकी फिल्मों का हमेशा से प्रशंसक रहा हूँ.

मेरे विशेष आग्रह पर ही उन्होंने पटकथा पढ़ने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की और मेरा ‘उलझन द नॉट‘ का सपना साकार हुआ.‘‘जबकि फिल्म निर्माता कार्तिकेय नारायण सिंह ने कहा-“मैं हमेशा उभरती हुई नई नई प्रतिभाओं की तलाश में रहता हूँ. एनएफडीसी फिल्म बाजार में स्क्रिप्ट पढ़ने और आशीष से मिलने के बाद, मैंने तुरंत पहचान लिया किआशीष, ईमानदारी, फोकस, कड़ी मेहनत और कला कौशल से प्रेरित प्रतिभावान शख्स है. एक निर्माता के रूप में मैं सदैव उन निर्देशकों की तलाश में रहता हूँ जिनमें कला और परिश्रम का सही संतुलन हो.मेरा मानना है एक ही विचार धारा के दो लोगों की सही बैठक के साथ शुरू हुई कहानी के अलावा सभी पर एक साथ काम किया जा सकता है.‘‘

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मशहूर विदेशी पत्रकार डेविडस्टार्क ने ‘‘सांता बार बरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’ मेें इस फिल्म को देखने के बाद समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए लिखा है-‘‘शिरीष और गीता को कुमार और बत्रा ने बखूबी चित्रित किया है.दोनों में न सिर्फ जबरदस्त के मिस्ट्री है,बल्कि जिस सहजता से दोनों स्क्रीन पर नजर आए हैं,वह काबिले तारीफ है. ‘द नॉट‘ एक दुर्भाग्य पूर्ण दुर्घटना के माध्यम से बदलते भारत की जाति गत तस्वीर को पात्रों के अलग-अलग दृष्टिकोण की पड़ताल करती है.‘‘

जबकि एक अन्य पत्रकार लिजविहटेमोर ने ‘‘सांता बार बरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’में फिल्म‘उलझन/दनाॅट’को देखने के बाद लिखा-‘‘फिल्म के कलाकारों का प्रदर्शन अद्भुत है. फिल्म का लुक काफी रसीला है.पंत ने जातिका चित्रण करने के लिए जिस तरह भाषा,संगीत और बोली में सूक्ष्म बदलाव किया है वह भी सराहनीय है.यह एक बुद्धिमान और साहसिक स्क्रीन प्ले है.‘द नॉट‘एक विस्फोट क समापन समेटे हुए है.

अंत में यही कहूंगा कि सिनेमैटोग्राफी और चैथी दीवार का टूटना काफी डरावना है. ‘‘
पत्रकार लाॅरी कोकर ने ‘‘सांता बार बरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’में देखने के बाद लिखा-‘‘फिल्म द नॉट‘, शक्तिशाली कलाकारों, जबरदस्त साउंडट्रैक, और व्यक्तिगत कैमरा कोण के साथ बनी एक खूबसूरत फिल्म है जिसके चरित्र भारत के जातिगत ढाँचे को बड़ी ही खूबसूरती से प्रतिबिंबित करते हैं.‘‘

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