‘‘सेंट्ल बोर्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन’’ के खिलाफ मुंबई न्यायालय से एक कट और तीन डिस्कलेमर के साथ ‘ए’ सर्टीफिकेट के साथ फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ को पास करवाने के बाद फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ की पूरी टीम जीत का जश्न मना रही है. इस फिल्म से जुड़ा हर शख्स ट्विटर व सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर जीत का जश्न मनाते हुए नजर आ रहा है. शाहिद कपूर ने तो इंस्टाग्राम पर जीत का जश्न मनाते हुए एक वीडियो भी डाल दिया है. इतना ही नहीं इस जीत के अहम में चूर फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ की पूरी टीम ने मंगलवार, 14 जून की दोपहर में मुंबई के एक पांच सितारा हाटल में मीडिया को बुलाकर खुशी जाहिर की कि कैसे उन्होंने विजय हासिल की है.

सभी ने जीत के लिए अदालत, मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री के सभी निर्माता व निर्देशकों का शुक्रिया अदा किया. मगर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाहिद कपूर तनाव में नजर आए. वह झल्लाए हुए थे. गुस्से में थे. अब उनका यह गुस्सा किसके प्रति और क्यों था? समझ में नहीं आ रहा था. पत्रकारों से बात करते हुए शाहिद कपूर ने कहा -‘‘मैं आज यहां निजी स्तर पर कोई बात नहीं करना चाहता. क्योंकि यह जीत हमारी पूरी टीम की है. हमने तय किया है कि हम आज जो भी कहेंगे, वह पूरी टीम की तरफ से की गयी बात मानी जाएगी.

हम अदालत का धन्यवाद अदा करते हैं कि उन्होंने हमारी अभिव्यक्ति की आजादी का ख्याल रखते हुए हमारे लिए सही निर्णय सुनाया है. पर मेरी समझ में नहीं आता कि लोग हमारी फिल्म का ट्रेलर देखकर ही तरह तरह की बातें क्यों कर रहे हैं. ट्रेलर दो ढाई मिनट का है. जबकि हमारी फिल्म दो घंटे 20 मिनट की है. लोग तरह तरह के आरोप लगा रहे हैं. लोगों का यह एटृीट्यूड गलत है. लोगों को चाहिए कि वह पहले हमारी फिल्म देखें, उसके बाद यदि उन्हें लगता है कि हमने कुछ गलत किया है, तो वह हमसे सवाल करें. हम उनके सवालों का जवाब देंगे.’’

इतना ही नहीं जब एक पत्रकार ने सवाल पूछना चाहा कि ‘सेंसर बोर्ड’में बदलाव होना चाहिए? तो उस पत्रकार का सवाल पूरा होने से पहले ही शाहिद कपूर ने रोकते हुए कहा कि आप ‘सेंसर बोर्ड’ नहीं ‘बोर्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन’ कहें. पर जब उस पत्रकार ने दुबारा ‘सेंसर बोर्ड’ कहा, तो शाहिद कपूर ने अपनी बात दोहराते हुए उसे सवाल ही नहीं पूछने दिया. शाहिद कपूर यह भूल गए कि लोग जिसे ‘सेंसर बोर्ड’ कहते रहे हैं या कह रहे हैं, उसका नाम ‘सेट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन’ही है. पर पूरी फिल्म इंडस्ट्री सेंसर बोर्ड ही कहती है.

जब पत्रकारों ने पूछा कि वह फिल्म कब दिखाएंगे? इस पर उन्होने कहा कि, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी 17 जून को थिएटर में इस फिल्म को देखेगें.’’ इस जश्न वाली प्रेस कांफ्रेंस में जहां सारे लोग मीडिया के सहयोग का धन्यवाद अदा कर रहे थे. वहां शाहिद कपूर के मुंह से गुस्सा निकल रहा था. पर यह गुस्सा किसके प्रति था, क्यों था, यह समझ से परे रहा.

सूत्रों का मानना है कि फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ से जुड़े किसी भी कलाकार, निर्माता या निर्देशक का कैरियर दांव पर नही लगा है. इस फिल्म से सिर्फ शाहिद कपूर का करियर दांव पर लगा है. शाहिद कपूर के करियर में ‘हैदर’ जैसी दो तीन फिल्मों को छोड़ दें, तो सिर्फ असफल फिल्मों की ही सूची है. इतना ही नहीं आलिया भट्ट के साथ उनकी पिछली फिल्म ‘‘शानदार’’ ने बाक्स आफिस पर पानी तक नहीं मांगा था. फिल्म ‘‘शानदार’’ के निर्देशक विकास बहल फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ की निर्माण कंपनी ‘‘फैंटम’’ के चार भागीदारों में से एक हैं. तो क्या शाहिद कपूर का गुस्सा फैंटम के लोगों से हैं कि इस फिल्म को इस कदर विवादित क्यों बनाया गया? या शाहिद कपूर का गुस्सा अपने आप से है कि उन्होंने इस तरह की फिल्म क्यों चुनी? अब उनके गुस्से की वजह तो वही जानते होंगे.

शाहिद कपूर की झल्लाहट या गुस्से का दूसरा नमूना यह है कि अब उन्होंने कंगना रानौट के खिलाफ भी अपनी भड़ास निकाली है. ज्ञात है कि शाहिद कपूर ने कंगना रानौट और सैफ अली के साथ विशाल भारद्वाज के निर्देशन में फिल्म ‘‘रंगून’’ में अभिनय किया है. लगभग दो माह पहले कंगना रानौट ने कहा था कि फिल्म ‘‘रंगून’’ में एक दो नहीं बल्कि तीन हीरो हैं. यानी कंगना ने भी अपने आपको फिल्म का हीरो बताते हुए यह कहने की कोशिश की थी कि उनका किरदार हीरो के बराबर है. इसी वजह से एक माह पहले इरफान खान ने कहा था कि, ‘जब वह कंगना के साथ हीरोइन बनकर आ सकेंगे, तभी वह उनके साथ काम करेंगे.’

बहरहाल,कंगना की इस बात को लेकर दो माह से चुप्पी साध रहे शाहिद कपूर को अब क्यों गुस्सा आ गया हैं? अब शाहिद कपूर ने कहा है-‘‘कंगना यह क्यों नहीं कहती कि फिल्म में तीन हीरोइन हैं. हीरोइन होना क्या कमतर है. उन्हे ऐसा कहना चाहिए कि फिल्म में तीन प्रमुख किरदार हैं. मुझे तो लगता है कि निर्माता निर्देशक हीरो हीरोइन में कोई अंतर नहीं देखते. यदि आपको लगता है कि फिल्म में हीरो, हीरोइन से बड़ा है, तो आपकी यह सोच गलत है.’’

सूत्रों की माने तो हीरो व हीरोइन की समानता व दोनों को समान रूप से पारिश्रमिक मिले, इसकी मांग कंगना पिछले कई वर्षो से करती आ रही हैं. सूत्र बताते हैं कि फिल्म ‘रंगून’ में कंगना को हीरो के बराबर ही पैसे मिले हैं. ऐसे में जब कंगना ने सरेआम ऐलान किया कि फिल्म ‘‘रंगून’’ में तीन हीरो हैं, तो पुरूषों के अहम को चोट लगनी स्वाभाविक है. पर सवाल यह है कि शाहिद कपूर को दो माह बाद उस वक्त चोट क्यों लगी, जब उनकी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ विवादों से घिरी.

इस मसले पर बालीवुड के तमाम जानकार मानते हैं कि शाहिद कपूर अपने करियर को लेकर आशंकित हैं. मुंबई उच्च न्यायालय से जीत हासिल करने के बावजूद ‘‘उड़ता पंजाब’’ के सही ढंग से प्रदर्शित होने की उम्मीदें नजर नही आ रही हैं, भले ही निर्माता अनुराग कश्यप व एकता कपूर ने 14 जून को दावा किया है कि वह अपनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को 17 जून को ही रिलीज करेंगे. इस बात को षाहिद कपूर अंदर ही अंदर बाखूबी समझ रहे हैं. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के खिलाफ पंजाब या हरियाणा कोर्ट में भी मामला है, जिसकी सुनवायी 16 जून को होनी है. इसके बावजूद यदि फिल्म रिलीज हो गयी, तो इस  फिल्म को लोग किस तरह से पसंद करेंगे? यह सवाल भी शाहिद कपूर को अंदर ही अंदर परेशान कर रहा है. यानी कि इस फिल्म के साथ जो कुछ भी होगा, उसका खामियाजा कही न कहीं शाहिद कपूर को ही भुगतना पड़ेगा..क्योंकि वह फिल्म के हीरो हैं..तो शाहिद कपूर का करियर ‘उड़ता पंजाब’ की वजह से दांव पर लगा हुआ हैं. शायद यही उनके गुस्से का कारण है. 

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