Entertainment : बौलीवुड में नेपो किड्स को ‘पेड पीआर’ की बदौलत ‘जबरिया स्टार’ बताया जाता है. ऐसे में नेपो किड्स खुद बरबाद होने के साथ ही अपने साथ कईयों को बरबाद करते हैं और इस का सब से ताजा उदाहरण ‘स्काई फोर्स’ से कैरियर की शुरूआत करने वाले अभिनेता वीर पहाड़िया हैं.

वक्त बदल चुका है. अब सोशल मीडिया और प्रचारतंत्र का जमाना है. अब हर चीज यहां तक कि हर इंसान भी ‘पीआर’ के मार्फत बेचा जा रहा है पर अहम सवाल यह है कि क्या तेल, साबुन, कार की तरह किसी ‘प्रतिभाहीन इंसान’ को ‘अति प्रतिभावान इंसान’ बनाया जा सकता है? सदियों से कहा जाता रहा है कि गधे को चाहे जितना साबुन से नहलाएं, वह घोड़ा नहीं बन सकता.
मगर इन दिनों पीआर टैक्टिक्स और सोशल मीडिया की ताकत पर गधे को भी साबुन से नहला कर घोड़ा बनाने का काम बहुत तेजी से हो रहा है. सोशल मीडिया के सभी प्लेटफौर्म पर नकली फौलोअर्स व फैंस खरीदे जा रहे हैं. यही कृत्य जब बौलीवुड के नेपो किड्स के साथ होता है और उसे ‘पेड पीआर’ की बदौलत ‘जबरिया स्टार’ बताया जाता है तो ऐसा नेपो किड खुद बरबाद होने के साथ ही अपने साथ कईयों को बरबाद करता है तथा सब से बड़ा नुकसान तो वे सिनेमा का करते हैं.

‘स्काई फोर्स’ से अक्षय कुमार के साथ कैरियर की शुरूआत

हाल के दिनों में बौलीवुड में एक नेपोकिड को भी ‘जबरिया स्टार’ बनाया जा रहा है. कुछ लोग गाली देते हुए कह रहे हैं कि क्यों फोर्सफुली स्टार बना रहे हो. इस कलाकार को ले कर ‘न्यू स्टार बौर्न’, ‘न्यू सुपर स्टार बौर्न’, ‘जीता लोगों का दिल’ सहित कई तरह के तमगों के साथ दर्शकों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया जा रहा है. यह सारा खेल ‘पेड पीआर’ का है. सोशल मीडिया और यूट्यूबर के नाम पर पत्रकार बने हुए लोग जम कर पीआर के इशारे पर नाचते हुए अंटशंट कह रहे हैं. पर क्या वास्तव में दर्शक मूर्ख हैं, जो इन की बात को सच मान लेंगे, ऐसा लग तो नहीं रहा.
हम बात कर रहे हैं

24 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘स्काई फोर्स’ से अक्षय कुमार के साथ अभिनय कैरियर की शुरूआत करने वाले अभिनेता वीर पहाड़िया की, जिन्हें ‘न्यू बौर्न स्टार’ कहा जा रहा है. लोग उस के अभिनय के ऐसे कसीदे पढ़ रहे हैं कि क्या कहें. ऐसा किसी राज दरबार के चापलूस कवि भी नहीं करते रहे होंगे. उन का भी अपना कुछ जमीर रहा होगा पर जब ‘पेड पीआर’ का जमाना हो तो कैसा जमीर. किस का जमीर. पैसे की ताकत का ही असर है कि 24 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘स्काई फोर्स’ लगभग मुफ्त में दिखाई जा रही है, फिर भी दर्शक नहीं मिल रहे हैं.
सब से पहले यह जानना जरुरी है कि वीर पहाड़िया कौन हैं? वीर पहाड़िया भी ‘नेपोकिड’ ही हैं, जो कि ‘नेपोटिजम की बयार को आगे बढ़ाने का झंडा ले कर मैदान में कूद चुके हैं. वह एक मशहूर राजनीतिक, उद्योगपति व सिनेमा के परिवार का ही हिस्सा हैं. वीर पहाड़िया के नाना सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व गृहमंत्री रह चुके हैं. वीर पहाड़िया के पिता संजय पहाड़िया बहुत बड़े उद्योगपति हैं और मुकेश अंबानी के साथ उन के व्यावसायिक संबंध हैं.

 

संजय पहाड़िया की 3 कंपनिया हैं- वमोना डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड, महाशन रियालिटी प्रा. लिमिटेड, बुटाला फार्म लैंड्स प्रा. लिमिटेड. उन का नाम ‘मिनिस्ट्री औफ कौरपोरेट अफेयर’ के साथ रजिस्टर्ड है. वीर पहाड़िया की मां स्मृति संजय शिंदे फिल्म निर्माता हैं, उन के प्रोडक्शन हाउस का नाम ‘‘सोबो फिल्मस’ है. इस बैनर के तले वह ‘एक महानायक डाक्टर बीआर आंबेडकर, तुक्ष्यात जीव रंगला, ‘राजा बेटा’, ‘काशीबाई बाजीराव बलाल’ सहित कुछ मराठी में फिल्मों व सीरियलों का निर्माण कर चुकी हैं. यह अलग बात है कि 2008 में वीर के मातापिता का तलाक हो चुका है. पर वीर पर दोनों का वरदहस्त है.

सारा अली खान को डेट कर रहे थे वीर पहाड़िया

 

1995 में जन्मे वीर पहाड़िया की शिक्षा धीरूभाई अंबानी इंटरनैशनल स्कूल के बाद लंदन की रीजेंट यूनिवर्सिटी से हुई. अभिनेता बनने से पहले वह सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान के साथ डेट कर रहे थे. अब सारा अली खान के साथ ही वीर की जोड़ी फिल्म ‘स्काई फोर्स’ में नजर आ रही है. पर इन के बीच कोई कैमिस्ट्री नहीं है.

वीर पहाड़िया मुकेश अंबानी की कंपनी ‘जियो स्टूडियो’ और दिनेश वीजन की कंपनी ‘मैडोक फिल्म्स’ निर्मित फिल्म भेड़िया में बतौर सहायक निर्देशक काम कर चुके हैं. तो वहीं 2018 में वीर पहाड़िया ने अपने छोटे भाई शिखर पहाड़ि़या संग ‘इंडिया विन गेमिंग’ की नींव भी रखी थी. इन दिनों वीर पहाड़िया, मानुशी छिल्लर संग डेट कर रहे हैं.

वीर पहाड़िया ने फिल्म ‘स्काई फोर्स’ से अभिनय कैरियर की शुरूआत की है. इस फिल्म में उन्होंने एयरफोर्स पायलट शहीद स्क्वार्डन लीडर अज्जामदा बोप्पय्या देवय्या का किरदार निभाया है. इसी फिल्म के आधार पर उन की पीआर टीम उन्हें बौलीवुड का सब से बड़ा स्टार साबित करने पर तुली हुई है. जिस में कई यूट्यूबरों का भी साथ मिल रहा है.

 

इतना ही नहीं पैसे दे कर ‘बौम्बे टाइम्स’ जैसे अखबारों में उन्हें नए जन्मे स्टार के रूप में स्थापित कलाकार बताया जा रहा है. मजेदार बात यह है कि इन अखबारों में वीर पहाड़िया के अभिनय का महिमामंडन करते हुए इन्हें चने के झाड़ पर चढ़ाया जा रहा है. पर यह एडोटोरियल है और इन लेखों को लिखने वाले पत्रकार अपना नाम देना तक गंवारा नहीं समझते. सभी को पता है कि ‘बौम्बे टाइम्स’ में आप चैक से 2 लाख रूपए से ले कर 20 लाख रूपए तक की पेमेंट कर अपने संबंध में कुछ भी छपवा सकते हैं.

वास्तव में फिल्म ‘स्काई फोर्स’ कथानक, निर्दशन सहित हर स्तर पर बहुत बेकार बनी है. टीए विजय के किरदार में वीर पहाड़िया कहीं से भी उत्कृष्ट अभिनेता नजर नहीं आते. उन के अंदर हीरो मटेरियल भी नहीं है. यूं तो निर्देशक को वीर की कमजोरी पता थी, इसलिए वीर पहाड़िया के हिस्से ऐसे दृश्य कम ही आए हैं, जहां उन की अभिनय क्षमता का आंकलन किया जा सके.
शहीद देवय्या के किरदार के लिए जिस तरह का जुनून कलाकार के अंदर चाहिए, उस का वीर पहाड़िया में घोर अभाव नजर आता है. फाइटर प्लेन में बैठ कर पायलट के रूप में प्लेन चलाते हुए आधे से ज्यादा चेहरा ढंक कर जो कुछ एक्शन होता है, उसे अभिनय का नाम देना मूर्खता ही है. दर्शक भी समझता है कि इस तरह के दृश्यों को वीएफएक्स की मदद से गढ़ा जाता है.

फिल्म ‘स्काई फोर्स’ की एडवांस बुकिंग 22 जनवरी को देर शाम शुरू हुई थी. 23 की दोपहर तक एडवांस बुकिंग बामुश्किल कुछ हजार रूपए की हुई. शाम होतेहोते विज्ञापन आ गया कि ‘स्काई फोर्स’ की हर टिकट पर 250 रूपए की छूट मिलेगी. इस तरह जो दर्शक 250 रूपए तक की टिकट खरीद रहे थे उन के लिए तो यह फिल्म फ्री में थी. इस के बावजूद पहले दिन 24 जनवरी को सिनेमाघरों की क्षमता का 20 प्रतिशत दर्शक भी फिल्म देखने नहीं पहुंचा, तब पेड पीआर ने वीर पहाड़िया को देश का महान अभिनेता बताने की मुहीम शुरू की.

फिलहाल इस का भी असर नहीं हो रहा है, बल्कि अब तो लोग गाली देने लगे हैं कि भाई कितना फोर्सफुली किसी को अच्छा कलाकार बताओगे. इसी के साथ अब यह मीडिया में चर्चा शुरू हो गई है कि सिनेमाघरों को जो रकम चुकानी पड़ रही है, वह वीर पहाड़िया के मातापिता चुका रहे हैं.

वीर पहाड़िया को लोग ‘जबरदस्ती बनवाया जा रहा स्टार’ तक कहने लगे हैं. वीर पहाड़िया को महान कलाकार बताने वाले सैकड़ों वीडियो इंस्टाग्राम पर छाए हुए हैं. मजेदार बात तो यह है कि पाकिस्तान में फिल्म ‘स्काई फोर्स’ रिलीज नहीं हुई, मगर वहां के दो यूट्यूबरों ने वीर पहाड़िया के अभिनय की तरीफ करते हुए वीडियो बना कर इंस्टाग्राम पर डाले हुए हैं. सोशल मीडिया पर दो दिन से केवल वीर पहाड़िया ही ट्रेंड कर रहे हैं.

‘न्यू बोर्न स्टार’ की संज्ञा कितना सही 

अफसोस की बात यह है कि वीर पहाड़िया और उन्हें ‘न्यू बोर्न स्टार’ की संज्ञा देने वाले लोगों को याद रखना चाहिए कि अगर कलाकार के अंदर अभिनय क्षमता नहीं है तो वह अपनी अगली फिल्मों में क्या करेगा. कब तक आप फ्री में टिकट दे कर या पेड पीआर के बल पर अपनेआप को स्टार साबित करेंगे.

कलाकार के अंदर अभिनय क्षमता होगी तो पत्रकार ही नहीं दर्शक भी उस की कला की तारीफ करेंगे. अन्यथा इस पानी के बुलबुले को फूटने से कोई रोक नहीं पाएगा, पर तब तक सिनेमा को काफी नुकसान हो चुका होगा. जब 2007 में नेपोकिड रणबीर कपूर की फिल्म ‘सांवरिया’ आई थी, तब पहली बार कहा गया था कि ‘न्यू स्टार बौर्न’. फिल्म सांवरिया असफल हो गई थी. मगर रणबीर कपूर के अंदर प्रतिभा थी, जिस ने रणबीर कपूर को स्टार बना दिया.

वीर पहाड़िया के इस हौव्वा का नतीजा यह होगा कि कुछ दिन में धर्मा प्रोडक्शन, यशराज फिल्म्स सहित कई बड़े बैनर उसे अपनी फिल्मों से लौंच करने की घोषणा करेंगे, क्योंकि उन्हें पीछे से पैसा मिल जाएगा. उस के बाद कई नए छोटे निर्माता अपनी जमीन बेच कर वीर पहाड़िया को ले कर फिल्में बनाएंगे और नतीजा वही होगा जो कि वरूण धवन जैसे नेपोकिड की फिल्मों का हो रहा है. इस से सिनेमा का ही नुकसान हो रहा है.

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