इंटरव्यूःरोहितपरशुराम 
अपने समय के हिंदी व मराठी भाषा के मशहूर अभिनेता व फिल्म निर्माता स्व.दादा कोंड के के गांव भोर निवासी रोहित परशुराम लगभग ग्यारह वर्ष तक राष्ट्रीय  स्तर पर बाॅडी बिल्डर के रूप में शोहरत बटोरने के बाद अचानक अभिनेता बन गए और शाज उनकी गिनती उत्कृष्ट कलाकारो में होती है.वह खुद को एक्सीडेंटल एक्टर मानते हैं.क्योंकि वह अभिनेता बनना ही नही चाहते थे,मगर फिल्म निर्माता जीवन बबनराव ने उन्हें सड़क से उठाकर मराठी भाषा की  फिल्म ‘‘मिठुन’’मेंअभिनेता बना दिया था.फिल्म इंडस्ट्री में यह किसी चमत्कार से कम नही  है.लेकिन उसके बाद रोहित परशुराम ने पीछे मुड़कर नही  देखा.

आपको अभिनय का चस्का कैसे लगा?
-मैं पुणे के नजदीक मशहूर अभिनेता व फिल्म निर्माता दादा कोंड के के इलाके भोर, जिला पुणे,महाराष्ट् का रहने वाला हॅूं.शायद वहां के पानी में ही अभिनय का चस्का है.जबकि मैं तो 2006 से 2017 तक राष्ट्रीय स्तर का बाॅडी बिल्डर था.मैने महाराष्ट् का प्रतिनिधित्व किया है.लेकिन मैं एक्सीडेंटल एक्टर हॅूं.

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मतलब?
-वास्तव में मैं एक दिन सुबह उठकर अपने जिम की तरफ जा रहा था,तभी किसी ने मुझे देखा और उसने मुझसे पूछा कि अभिनय करोगे.इसे अभिनय की दुनिया में लोग जादू  समझते हैं,जो कि मेरा साथ हकीकत में घटित हुआ.अन्यथा सभी जानते हैं कि यहां कलाकार कई वर्ष तक संघर्ष करते हैं,तब उन्हे पहली फिल्म मिलती है.मगर मुझे तो अनायास ही पहली मराठी भाषा  की फिल्म ‘‘मिठुन’’में मुख्य नगेटिब किरदार युवराज निभाने का अवसर बुलाकर दिया गया था.यह  फिल्म 2018 मेंरिली ज हुई थी.इस फिल्म से जुड़ने से पहले मैंने सपने में भी अभिनेता बनने की बात पही सोची थी.मैं बाॅडी बिल्डर था और मेरे पाॅंच  छह जिम थे.लेकिन इस फिल्म में अभिनय करने के बाद मैने पुणे में ‘विक्रम गोखले के अभिनय स्कूल में प्रवेश ले लिया.पूरे एक वर्ष  तक मैने विक्रम गोखले सर के सानिध्य में रहकर अभिनय सीखा.कुछ नाटकों में अभिनय किया.फिर मैने वेब सीरीज, मराठी का सीरियल और हिंदी सीरियल‘‘रामसिया के लवकुश ’’में प्रहस्त का किरदार निभाया. सभी जानते है कि प्रहस्त,रावण का प्रमुख सेनापति था.इसके अलावा सीरियल‘देवी पराषक्ति’में अभिनय  किया.

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