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सुबह 9 बजे जब आंखें खुलीं तो वहां अर्पिता नहीं थी. खोजबीन करने पर उसी बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर उस की लाश डक्ट पर झूलती हुई मिली.

पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो कमरे में महंगी शराब की कई खाली बोतलें मिलीं. जांचपड़ताल से पता चला कि अर्पिता की मौत वाशरूम की खिड़की से गिरने से हुई थी. पुलिस ने जब वाशरूम का दरवाजा खोला तो वह भीतर से बंद था. फिर इस से अनुमान लगाया गया कि अर्पिता ने आत्महत्या के लिए वाशरूम की खिड़की तोड़ कर छलांग लगाई होगी. पुलिस वाशरूम का दरवाजा तोड़ कर भीतर दाखिल हुई. खिड़की के कांच के टुकड़े फर्श पर बिखरे पड़े थे, अब तक की परिस्थितियां आत्महत्या की ओर इशारा कर रही थीं.

जहां पुलिस अभिनेत्री अर्पिता तिवारी की मौत को एक हादसा मान कर चल रही थी, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उस का नजरिया बदल गया. रिपोर्ट में मल्टीपल इंजरी यानी शरीर पर लगी जगहजगह चोट किसी और तरफ इशारा कर रही थी. यानी अर्पिता की मौत एक हादसा नहीं, बल्कि हत्या थी.

श्वेता जैसी बनना चाहती थी अर्पिता

त्रिवेणीनाथ तिवारी की तहरीर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मालवणी पुलिस ने मृतका के प्रेमी पंकज जाधव सहित 5 आरोपियों अमित हाजरा, श्रवण सिंह, मनीष जायसवाल और कृष्णा के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया.

जैसेजैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ती गई, वैसेवैसे अर्पिता की मौत का राज भी गहराता गया. पुलिस ने पांचों आरोपियों पंकज, अमित, श्रवण, मनीष और कृष्णा को थाने बुला कर उन से पूछताछ की.

एंकर अर्पिता तिवारी की रहस्यमयी मौत को तकरीबन एक महीना होने जा रहा था, लेकिन अभी तक मौत की वजह को ले कर पुलिस के हाथ खाली थे. इस गुत्थी को सुलझाने के लिए मुंबई पुलिस ने वारदात के दौरान अर्पिता के साथ मौजूद रहे पांचों लोगों का कलिना स्थित डाइरेक्टोरेट औफ फोरैंसिक साइंस लेबोरेटरी (डीएफएसएल) में लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया. डीएफएसएल स्टाफ ने पौलीग्राफी टेस्ट करने से पहले जांच करने वाले पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ की.

5 लोग जिन में एक कुक भी था, उन्हें मालवणी पुलिस स्टेशन में बुला कर रोज पूछताछ की जा रही थी, लेकिन पुलिस पांचों आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों की कडि़यों को मिलाने में नाकाम रही.

पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच की तो जो जानकारी सामने निकल कर आई, वह काफी दिलचस्प निकली.

24 वर्षीया अर्पिता त्रिवेणीनाथ तिवारी की 3 बेटियों में सब से छोटी और चुलबुली थी. तिवारीजी मूलत: झारखंड के जमशेदपुर जिले के रहने वाले थे. कालांतर में वे मुंबई में आ कर बस गए थे और घोड़ाबाधा के सरस्वती अपार्टमेंट में परिवार सहित रहने लगे थे.

बड़ी बेटी श्वेता तिवारी ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा तो उन की किस्मत के सितारे चमक उठे. एंकरिंग से कैरियर शुरू करने वाली श्वेता तिवारी ने कई धारावाहिकों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. इस के बाद उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय कर के सफलता हासिल की.

बड़ी बहन की कामयाबी देख कर बचपन से ही अर्पिता के मन में भी फिल्मी दुनिया में जाने का शौक था. वह भी रुपहले परदे पर चमकते सितारों की तरह खुद दिखने के सपने देखने लगी थी. तब वह छोटी थी और जमशेदपुर के हिलटौप स्कूल में पढ़ती थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मुंबई में पिता के पास आ कर रहने लगी, जिस के बाद उस ने इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स किया और एक्टिंग भी सीखी.

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इसी दौर में उसे टेलीविजन पर एंकरिंग करने का मौका मिल गया. यहीं से उस के कैरियर की शुरुआत हुई. कैरियर के पहले पायदान पर कदम रखते ही उस की किस्मत के सितारे बुलंद होते गए. धीरेधीरे अर्पिता आगे बढ़ती गई. उस ने ऐंकरिंग से मौडलिंग और मौडलिंग से फिल्मी दुनिया में पांव जमाए. सफलता उस के कदम चूमती गई. अपनी मेहनत से उस ने करोड़ों रुपए कमाए थे.

बात उन दिनों की है जब अर्पिता 16-17 साल की रही होगी. तब उस के जीवन में पंकज जाधव ने कदम रखा. अर्पिता ने उसे अपने दिल में बसा लिया. दोनों एकदूसरे से प्यार करते थे. पंकज जाधव उस के पड़ोस में ही रहता था. वह बेहद खूबसूरत और कसरती बदन का लड़का था.

श्वेता तिवारी ने बताया कि अर्पिता एक कामयाब लड़की थी. लाखों कमा रही थी. जबकि पंकज जाधव बेरोजगार था. वहअपनी कमाई से पंकज को जेबखर्च देती थी.

प्रेम संबंधों का खेल बना मूल कारण

धीरेधीरे अर्पिता के मांबाप और बहनों को उस के प्रेमसंबंधों के बारे में पता चल गया था. आधुनिक खयालातों के त्रिवेणीनाथ तिवारी ने बेटी को अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया था. उन्हें उस पर पूरा भरोसा था कि वह जीवन में कोई ऐसा गलत कदम नहीं उठाएगी, जिस से घर वालों को शर्मिंदगी उठानी पड़े.

बाद के दिनों में अर्पिता ने मीरा रोड पर एक फ्लैट ले लिया. पंकज जाधव ने भी मलाड कच्चा रोड स्थित मानवस्थल बिल्डिंग में एक फ्लैट ले लिया था. दोनों अपने परिवारों से अलग अपनेअपने फ्लैट में रहते थे. अर्पिता के इस फैसले से न तो त्रिवेणीनाथ तिवारी को आपत्ति हुई और न ही किसी और को. बल्कि घर वाले उस के फैसले से खुश थे.

धीरेधीरे अर्पिता और पंकज जाधव के रिलेशनशिप को 8 साल बीत चुके थे. पंकज जाधव जहां 8 साल पहले खड़ा था, आज भी वहीं था. उस के स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं आया था. वह अर्पिता की कमाई पर ऐश कर रहा था.

अर्पिता पंकज पर शादी के लिए दबाव बना रही थी, जबकि वह शादी के लिए तैयार नहीं था. इन्हीं बातों को ले कर अकसर दोनों में झगड़ा भी हो जाता था. रोजरोज के झगड़े से अर्पिता ऊब चुकी थी. उस ने पंकज से अपने संबंधों को तोड़ने का फैसला कर लिया था.

अर्पिता की दोस्ती या प्यार पंकज जाधव से नहीं अमित हाजरा से था इस बीच दोनों के बीच एक नई कहानी ने जन्म ले लिया. इस कहानी में अर्पिता को चाहने वाला एक और प्रेमी आ गया जो अर्पिता को पंकज जाधव से कहीं ज्यादा प्यार करता था. वह कोई और नहीं, पंकज जाधव का दोस्त अमित हाजरा था. जिस बिल्डिंग में पंकज जाधव रहता था, उसी की 15वीं मंजिल पर अमित भी रहता था. पंकज के माध्यम से ही अमित का परिचय अर्पिता से हुआ था. बाद में मिलनसार अर्पिता से जल्द ही उस की दोस्ती हो गई.

अर्पिता और पंकज जाधव के रिश्ते टूटने और अलग हो जाने के बाद अमित की अर्पिता से ज्यादा नजदीकी हो गई. उस ने अर्पिता की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया. अर्पिता अमित की मंशा समझ गई थी. वह उस की ओर ध्यान देने के बजाय पंकज से संबंध सुधारने की कोशिश करने लगी. लेकिन पंकज अपनी आदतों में सुधार लाने को तैयार नहीं था.

घटना से करीब 4 दिन पहले अर्पिता और अमित हाजरा के बीच फेसबुक पर लंबी बातचीत हुई थी. अमित अर्पिता से संबंध बनाने के लिए उस पर दबाव बना रहा था. इस बात को ले कर दोनों के बीच खासा विवाद हुआ था. उस ने अर्पिता को देख लेने की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन अर्पिता ने यह बात अपने तक ही सीमित रखी. घर में किसी को नहीं बताई.

बहरहाल, अब लौट कर क्राइम सीन पर आते हैं. एक महीने की जांचपड़ताल के बाद पार्टी में मौजूद रहे अमित के नौकर ने पुलिस के सामने चौंका देने वाला बड़ा खुलासा किया. उस ने उस रात अमित हाजरा को अर्पिता के कपड़े खोलते हुए देखा था. उस ने बताया कि 10 दिसंबर की सुबह करीब साढे़ 5 बजे उस की नींद खुली. उस ने देखा कि अमित अर्पिता के बेहद करीब सो रहा था. जबकि जब वे सोने गए थे तो तीनों अलगअलग सो रहे थे.

नौकर ने सब को चौंका दिया बयान दे कर  नौकर के मुताबिक उस ने उस दिन औरों के मुकाबले कम शराब पी थी, इसलिए उस की आंखें सुबह जल्दी खुल गईं. जब उस की आंखें खुलीं तो उस ने देखा कि अर्पिता के बगल में सोया अमित उस के कपड़े हटा रहा था. नौकर को जगा देख कर वह आंख बंद कर लेट गया. नौकर को लगा कि यह सब अर्पिता की मरजी से हो रहा है, इसलिए वह चुपचाप वहां से चला गया.

नौकर के बयान ने पुलिस को बुरी तरह उलझा दिया था. हालांकि जिस हालत में अर्पिता की लाश बरामद की गई थी, उसे देख कर यही लग रहा था कि उस के साथ दुष्कर्म किया गया होगा. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सब का भ्रम तोड़ दिया. रिपोर्ट में अर्पिता के साथ कोई जोरजबरदस्ती वाली बात नहीं बताई. उस के बाद अर्पिता की मौत की गुत्थी उलझ कर रह गई. पुलिस अब भी उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई थी.

अर्पिता की मौत के बाद सभी दोस्तों ने बयान दिए थे कि अर्पिता ने खुदकुशी की है. मगर बाद में पुलिस ने इसे हत्या बताया था और अब चारों दोस्तों में से एक अमित हाजरा को 15 जनवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि जांच का दायरा बड़ा होने की बात कह कर पुलिस हत्या का मकसद अभी नहीं बता रही है.

पुलिस के मुताबिक अमित ने अलगअलग बयान बदले. पुलिस को दिए गए बयान और पौलीग्राफी टेस्ट में दिए गए बयान में अंतर पाया गया. पुलिस को शक है कि अमित हाजरा इस हत्याकांड में पुलिस को गुमराह कर रहा है. बस इसी आधार पर अमित हाजरा को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने पंकज जाधव को क्लीन चिट नहीं दी है. वह भी संदेह के दायरे में है. सबूत मिलने पर पंकज जाधव को भी गिरफ्तारी होगी. सूत्रों की मानें तो अमित हाजरा के बयान से पुलिस को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिस से हत्या में शामिल होने की पुष्टि होती है.

कथा लिखे जाने तक अमित हाजरा के वकील बी. हैटकर ने 8 फरवरी, 2018 को सेशन कोर्ट में उस की जमानत की अरजी दाखिल की, जो अदालत ने खारिज कर दी.

अमित अभी भी जेल में बंद है. बाकी के आरोपियों की जांच चल रही थी. पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही थी कि अर्पिता हत्याकांड में इन की भूमिका क्या है. फिलहाल कथा लिखे जाने तक पुलिस मौत की उलझी गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई थी.

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