वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तरी ध्रुवीय इलाके जैसे ग्रीनलैंड आदि के आसपास के समंदर में रहने वाली धनुषाकार सिर वाली व्हेल्स मछलियां समंदर में रहने वाली बाकी दूसरे जीवों के मुकाबले सबसे ज्यादा समय यानि करीब 200 साल तक जिंदा रहती हैं. ये मछलियां सभी समुद्री जीवों में सबसे ज्यादा सामाजिक होती हैं, तभी तो ये आपस में खूब बतियाती हैं. वैज्ञानिकों ने 2010 से लेकर 2014 तक समंदर में माइक्रोफोन लगाकर बकायदा इन मछलियों की तमाम आवाजें रिकार्ड की हैं. इस रिकौर्डिंग के दौरान ही वैज्ञानिकों ने जाना कि ये मछलियां तो सिर्फ बातें ही नहीं करतीं, बल्कि तरह तरह के गाने भी गाती हैं.
साल 2010 से लेकर 2014 के बीच वैज्ञानिकों के एक दल ने ग्रीनलैंड के आसपास के समुद्री इलाके में करीब 300 बोहेड व्हेल मछलियों पर रिसर्च की. इस दौरान अंडरवाटर माइक्रोफोन के द्वारा मछलियों की आवाजें भी रिकॉर्ड की गईं. पहले तो वैज्ञानिक सोच रहे थे, ये सिर्फ आपस में बातें कर रही हैं, लेकिन जैसे जैसे मछलियों की आवाजों का संग्रह बढ़ता गया, समझ आया कि ये मछलियों की बातचीत नहीं बल्कि उनकी गायकी की आवाजें हैं. वैज्ञानिकों ने नोटिस किया कि व्हेल की इन आवाजों में गायकी जैसे उतार चढ़ाव बहुत जबरदस्त के सुर हैं. समंदर में मछलियों की आवाजों की रिकॉर्डिंग के दौरान वैज्ञानिकों ने कुल 184 गाने रिकॉर्ड किए, जो अपने आप में नायाब खोज है.
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जर्नल बायोलॉजी में छपी रिसर्च के मुताबिक समंदर के भीतर ज्यादातर नर व्हेल ही ये गाने गाते हैं. कभी अपने नर साथियों को आवाज लगाने के लिए तो कभी मादा व्हेल को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए. गानों का ये संगीत बंसत से लेकर हल्की गर्मियों तक के मौसम में समंदर के भीतर हमेशा ही सुनाई देता है. इनमें से कुछ मछलियां गाती हैं शास्त्रीय तो कुछ गाती हैं जैज स्टाइल में. वॉशिंगटन यूनीवर्सिटी के ओशीनोग्राफर केट स्टैफोर्ड इस बारे में बताते हैं कि 12 से 16 मीटर आकार वाली हंपबैक व्हेल मछलियां समंदर के भीतर क्लासिकल म्यूजिक गाती हैं, वहीं उनसे कड़ी अधिक बड़ी यानि 18 मीटर तक आकार वाली बोहेड व्हेल जैज म्यूजिक गुनगुनाती हैं.