जराजरा सी बात पर तकरार करने लगे हो. ..
लगता है मुझ से बेइंतहा प्यार करने लगे हो…
किसी भी रिश्ते में प्यारमनुहार के साथसाथ छोटी-मोटी नोकझोंक और झगड़े होने स्वभाविक है और इस से प्यार बढ़ता ही है. पर ध्यान रखें यहां छोटे झगड़ों की बात की गई है जिन्हें हम 2 -1 दिन के अंदर सुलझा लेते हैं. ऐसे झगड़ों के बाद कपल्स एकदूसरे के पहले से भी ज्यादा करीब हो जाते हैं.
भारत के लगभग 44% विवाहित जोड़े यह स्वीकारते हैं कि कभीकभार होने वाला झगड़ा जरूरी है. इस से आप को अपने पार्टनर की पसंदनापसंद के साथसाथ अच्छेबुरे पहलुओं को समझने का मौका मिलेगा.
हाल ही में की गई एक नई स्टडी की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है. स्टडी के मुताबिक पार्टनर के साथ किसी बात पर हुई बहस या झगड़े से रिश्ता मजबूत बनता है.
लगभग 1000 लोगों पर किये गए सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि जो कपल्स छोटीछोटी बातों को ले कर अपने पार्टनर से झगड़ने लगते हैं वे उन लोगों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खुश रहते हैं जो पार्टनर की किसी बात पर बुरा मान कर अकेले में ही रो कर अपने आंसुओं को पोंछ लेते हैं.
स्टडी के मुख्य लेखक जोसेफ ग्रेनी के मुताबिक कई कपल्स किसी सेंसिटिव टॉपिक पर पार्टनर से लड़ाई करने से बचते हैं क्यों कि उन्हें लगता है ऐसा करने से उन का रिश्ता टूट सकता है. लेकिन स्टडी में शामिल 5 में से 4 लोगों ने माना कि पार्टनर के साथ उन का रिश्ता खराब होने की अहम वजह खराब संवाद यानी बातचीत में कमी है.
इस अध्ययन से पता चलता है कि अपनी भावनाओं को अपने पार्टनर से शेयर करना और किसी बात के बुरा लगने पर पार्टनर से झगड़ा करने से रिश्ता कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनता है. सिर्फ रिश्ते में विश्वास और प्यार होना चाहिए. यानी पतिपत्नी में होने वाले मनमुटाव उन्हें एकदूसरे के और नजदीक लाने में सहायक सिद्ध होते हैं.
झगड़ा करने वाला पार्टनर होता है ज्यादा वफादार
शोधकर्ताओं का मानना है कि रिलेशनशिप में नाराज रहने वाले पार्टनर एकदूसरे के प्रति ज्यादा वफादार होते हैं. वे अपने पार्टनर से प्यार करते हैं उन पर ध्यान देते हैं और उन की कुछ बातें जो पसंद नहीं आतीं उन में सुधार करते रहना चाहते हैं. जब कि वैसे लोग जो पार्टनर से ज्यादा मतलब नहीं रखते और उन की तरफ ध्यान ही नहीं देते सामान्यतया बेवफा होते हैं.
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जर्नल आफ बायोबिहेवरल मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक़ रिलेशनशिप में झगड़ने वाले कपल्स की लवलाइफ ज्यादा स्ट्रौन्ग होती है और वे ज्यादा वफादार होते हैं. शोधकर्ताओं ने 192 ऐसे जोड़ों पर शोध किया जो करीब 32 सालों से एकदूसरे के साथ थे. शोध में हर कपल से सवाल किया गया कि रिलेशनशिप में टकराव की स्थिति पैदा होने पर वे कैसी प्रतिक्रिया देते हैं? क्या झगड़े के बाद वे खुद को अलग कर लेते हैं या फिर स्थिति पर काबू पा लेते हैं या जो कुछ भी उन के दिमाग में चल रहा है उसे बाहर निकालना पसंद करते हैं ?
बौन्डिंग ज्यादा मजबूत होती है-
शोधकर्ताओं ने पाया कि पार्टनर के झगड़े का रिस्पौन्स उसी के अंदाज में देने वाले लोगों की लवलाइफ ज्यादा लंबी होती है. अगर आप झगड़े के दौरान अपने पार्टनर की बातों का जवाब पूरे तेवर में दे रहे हैं और अपनी बातों को पूरी तरह क्लियर कर रहे है तो निश्चित तौर पर आप की बौन्डिंग ज्यादा मजबूत होगी. झगड़े के बाद चुप रहना सही नहीं. अपने मन की भड़ास निकालें. अपनी भावनाएं बह जाने दें ताकि उन पर बातचीत कर कोई सोल्युशन निकाला जा सके.
रिसर्च में शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि झगड़े के दौरान अपने इमोशन जाहिर न करने के बजाय उन पर बातचीत करना ज्यादा बेहतर विकल्प है.
अपने पार्टनर को समझने और अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए अपनी भावनाओं को जाहिर करना भी जरूरी होता है. इस से आप का पार्टनर आप का पक्ष और आप के दिल में चल रही उलझनों को समझ पायेगा और रिलेशनशिप मजबूत होगा.
जाहिर है कि झगड़ा करना गलत नहीं मगर इस झगड़े को आप कैसे मैनेज करते हैं यह महत्वपूर्ण है.
झगड़े के बाद चुप न रहे. अपनी भावनाओं को बह जाने दे. मगर इस बात का ख्याल भी जरूर रखें कि आप झगड़े के दौरान अपनी सीमा पार न करें. क्यों कि यदि झगड़ा लंबा खिंच जाए या बात कड़वाहट और मारपीट तक पहुंच जाए तो फिर रिश्तो में मोहब्बत को सहेजना मुश्किल हो जाता है.
पार्टनर से इस तरह के कटु शब्द न कहे कि बाद में आप शब्दों से लगे इस जख्म का इलाज ही न ढूंढ पाए. ध्यान रखें कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें लड़ते वक्त भी आप को अपने पार्टनर से नहीं कहनी चाहिए:
तुम से कुछ नहीं होगा
झगड़े के दौरान यदि आप अपने पार्टनर की इंसल्ट करने लगे हैं तो ज़रा संभल जाइए. झगड़ा बढ़ रहा हो तो आप को थोड़ा रुक कर गहरी सांस लेनी चाहिए और सिचुएशन से निपटने के बारे में सोचना चाहिए न कि उसे और भी ज्यादा बिगाड़ने के बारे में. बस इस बात का ध्यान रखिए कि ऐसी कड़वी बात कभी न बोले जिस की चोट आप का पार्टनर कभी भूल न पाए. कितना भी बड़ा झगड़ा हो हमेशा एकदूसरे के लिए मन में रेस्पेक्ट होना बहुत जरूरी है.
हमें अलग हो जाना चाहिए
झगड़े के दौरान या तुरंत बाद कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचें. याद रखिए कि इस समय अलग होने की बात करना हमेशा-हमेशा के लिए आप के रिश्ते को खत्म कर देगा. आप का पार्टनर भी आप पर भरोसा नहीं करेगा क्यों कि इस से उसे ऐसा लगेगा कि थोड़ीबहुत दिक्कत आने या मतभेद होने पर ही आप भाग खड़े होने वालों में से हैं.
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तुम हमेशा ऐसा करते/करती हो
वैसे तो हर बार झगड़े का मुद्दा अलगअलग होता है पर झगड़े के वक्त पुरानी बातों को ले कर बैठ जाना बहुत ही गलत है. वह भी ऐसी बातें जिन्हें आप पहले ही सुलझा चुके हैं. उन पर फिर से बहस करना बेवकूफी है. याद रखिए अगर आप अपने पार्टनर से प्यार करते हैं तो इस तरह के गड़े मुर्दे उखाड़ने की भूल कतई न करें. इस से आप को कुछ भी हासिल नहीं होगा.
तुम्हे क्या पता मैं कितनी मुश्किल से कमाता हूं, और एक तुम हो जिसे केवल बेवजह उड़ाना आता है.
यह ऐसी लाइन है जिसे कोई भी पत्नी सुनना नहीं चाहेगी. कभी भी अपनी कमाई का रुतबा झाड़ कर पत्नी को दबाने का प्रयास न करें क्यों कि पति हो या पत्नी दोनों अपनीअपनी जिम्मेदारियां निभा रहे होते हैं। इस में तुलना करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता.
तुम बात का बतंगड़ क्यों बना रहे/रही हो
बात बड़ी हो या छोटी आप के पार्टनर को पूरा हक़ है कि वह अपना पक्ष रखे। आप को उन की बात तो सुननी ही चाहिए. कई बार आप का साथी सिर्फ ये चाहता है कि आप बस उसकी बात सुन लें. ऐसे में अपनी राय को किनारे रखकर पार्टनर के नजरिए से चीजों के देखने की कोशिश करें. इससे बात को सुलझाने में मदद मिलेगी.
तुम से बात करने का कोई फायदा ही नहीं है
अगर आप भी कुछ ऐसा ही कहते हैं तो याद रखिए कि आप बातचीत से मुंह मोड़ रहे हैं न कि वो. हां, ये अलग बात है कि कुछ लोग जिद्दी होते हैं और उन्हें समझाना मुश्किल होता है, लेकिन आपको धैर्य से काम लेना चाहिए. क्योंकि सच्चाई ये है कि आप और आपका पार्टनर एक दूसरे से लड़ रहे हैं और ऐसे में मुद्दे का समाधान तभी निकल सकता है जब आप बात करेंगे.
तुम अपने एक्स के पास वापस क्यों नहीं चले जाते/जाती ?’
झगड़े के दौरान पुराने रिश्तों के बारे में बात करना गलत है. आप के पार्टनर के दिमाग में यदि एक्स का ख्याल नहीं है तो भी इस तरह की बातें उसे यह सोचने पर विवश करेंगी कि कहीं सचमुच आप भी एक्स की तरह उन्हें छोड़ कर तो नहीं चली जाएंगी. इस तरह की बात कर के आप वास्तव में अपने जीवन साथी को खो बैठेंगी . इस लिए बेहतर होगा कि झगड़े का रुख मोड़ने और रिश्तो को उलझाने के बजाय आप समाधान निकालने का प्रयास करें.
तुम्हारे रिश्तेदार ऐसे ही हैं
अक्सर होता यह है कि जिस बात पर झगड़ा शुरू होता है उसे भूल कर हम अपने पार्टनर के रिश्तेदारों को कोसना शुरू कर देते हैं. याद रखें झगड़े के दौरान एकदूसरे के मातापिता या भाईबहन को निशाना बनाते हुए उन के बारे में कोई अप्रिय बात न कहें. इस से झगड़ा सुलझने के बजाय और उलझ सकता.