रॉयल एनफील्ड इतना मशहूर ब्रांड है कि इसने बाइकिंग को बाइकर्स के लिए धर्म बना दिया. इसके दुनियाभर में प्रशंसक हैं. इस ब्रांड को विशेषतौर पर लोग लंबी ट्रिप्स के लिए इस्तेमाल करते हैं. फिर चाहे वह 300 किलोमीटर लंबी वीकएंड ट्रिप हो या फिर हिमालय पर जाने के लिए लाइफटाइम ट्रिप.
गुजरते वक्त के साथ बाजार बदला. बाजार बदला तो डिमांड बदली और डिमांड बदली तो आ गईं मॉडर्न लुक वाली मोटरसाइकिलें. इनमें लिक्विड कूलिंग, बेहतरीन इंजन, हल्की वजन और अधिक विश्वसनीयता जैसी खूबियां थीं. लोगों ने इन्हें खरीदना शुरू कर दिया.
बाजार के इस ट्रेंड को देखते हुए रॉयल एनफील्ड ने एक ऐसी एडवेंचर टुअर राइडर बाइक के साथ आने की सोची जिसमें ताकत रॉयल एनफील्ड की हो और खूबियां मॉडर्न बाइक की. आखिरकार, कंपनी ने अपनी नई मोटरसाइकिल हिमालयन उतारी. इस बाइक के आने के साथ ही बाइक कैटेगरीज़ में खुद ही एक नया सेगमेंट बन गया. इस लिहाज से हिमालयन को कोई कॉम्पटीटर नही है.
रॉयल एनफील्ड ने दावा किया कि हिमालयन को हिमालय में बखूबी टेस्ट किया जा चुका है और यह सभी पैमानों पर खरी उतरी है. लोगों ने कंपनी ने दावों पर यकीन किया और महज कुछ ही दिनों में इस बाइक की बुकिंग सातवें आसमान पर थी. लेकिन अब इस मोटरसाइकिल के ग्राहकों ने इससे जुड़ी शिकायतें की हैं. उनका कहना है कि इस बाइक में कुछ खामियां हैं.
हिमालयन संबंधी जो सबसे पहली शिकायत है, वह है कि इसका क्लच काफी हार्ड और और गियरबॉक्स का रेस्पॉन्स भी अच्छा नहीं है. 90 के दशक से रॉयल एनफील्ड की सवारी करने वाला इसे अहमियत नहीं देगा क्योंकि हिमालयन में तुलनात्मक रूप से बेहतर क्लच और गियरबॉक्स दिए जाने का प्रॉमिस किया गया था. इसमें पुराने 3 प्लेट क्चल के मुकाबले बेहतर सिस्टम दिया गया था जो कि ट्रैफिक में क्लच गर्म हो जाने के बावजूद आसानी से गियर शिफ्ट करने में मददगार था.
दरअसल, बात इतनी सी नहीं है. ग्राहक एक ऐसी मोटरसाइकिल देखते हैं जो हर पहलू पर बेहतर परफॉर्म करे. क्या रॉयल एनफील्ड हिमालयन की असफलता के पीछे यह एकमात्र कारण था? या फिर कंपनी ने इस मोटरसाइकिल को बनाने में कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी दिखाई?
इसका सीधा सा जवाब है कि रॉयल एनफील्ड ने फैन फॉलोइंग के बजाय इस बार बाजार का तवज्जो दी. कंपनी ने किसी अन्य मोटरसाइकिल ब्रांड की तरह सेल्स नंबर बढ़ाने पर फोकस रखा. ये अब बीते जमाने की बात सी लगती है जबकि लोग सूर्यास्त होने पर अपनी एनफील्ड मोटरसाइकिल पर बाइकिंग का मजा लेते थे. यह इस ब्रांड का ही चार्म था कि धीरे-धीरे अच्छी खासी संख्या में लोग इसके साथ जुड़ते गए!
लेकिन अब वक्त बदल चुका है. ग्राहक अब अपने पैसे की वैल्यू चाहता है और इसलिए वह मोटरसाइकिल खरीदते वक्त छोटे से छोट डिटेल के बारे में भी जानना चाहता है. रॉयल एनफील्ड ने हिमालयन में यही गलती की. उसने इस मोटरसाइकिल की क्वॉलिटी और इसके छोटे से छोटे डिटेल को अच्छे से नहीं टेस्ट किया. रॉयल एनफील्ड के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि उसे अपनी मोटरसाइकलों को वापस मंगाना पड़ा है. हालांकि, कंपनी अपनी कमी पर पर्दा डालने की भी कोशिश कर रही है.
सवाल सिर्फ इतना सा है कि कस्टमर्स को इस बाइक की डिलीवरी करने से पहले रॉयल एनफील्ड ने हिमालयन को अच्छे से टेस्ट क्यों नहीं किया? खैर, सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि ग्राहक रॉयल एनफील्ड से क्वॉन्टिटी के मुकाबले क्वॉलिटी की अपेक्षा रखते हैं. कंपनी को याद रखना चाहिए कि बेहतरीन बाइक क्वॉलिटी का सीधा मतलब होता है बेहतरीन सेल्स, जो कि आखिर में फैन फॉलोइंग बढ़ाने में भी मददगार है.