उत्तर प्रदेश की राजधनी लखनऊ में कांग्रेस के रोड शो में ‘राहुल भैया’ और ‘प्रियंका दीदी’ के नारों में कांग्रेस का उत्साह देखने वाला था. कांग्रेस के समर्थन के बीच ‘चौकीदार चोर है’ के नारे भाजपा को परेशानी में डालने वाले थे. आमौसी एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय तक 100 से अधिक स्वागत द्वार बनाये गये थे. बस को रथ बनाकर पंजाब से लखनऊ लाया गया था. कांग्रेस के रोड शो में बहुत दिनों के बाद ऐसा उत्साह देखने को मिला. उत्साह केवल पुराने कांग्रेसियों में ही नहीं था उनके परिवारों में भी देखा गया. कांग्रेस कार्यकर्ता बारबार यह नारा लगा रहे थे कि राहुल गांधी देश के प्रधनमंत्री और प्रियंका गांधी प्रदेश की मुख्यमंत्री बनेंगी.
जिस कांग्रेस के कार्यक्रमों में कभी पंडाल की पूरी कुर्सियां भी न भरती हो उसके रोडशो में जुटी भीड़ बता रही है कि अगर कांग्रेस ने मेहनत की तो उत्तर प्रदेश उसके लिये उम्मीदों का प्रदेश हो सकता है. लोकसभा चुनाव की नजर से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है. ‘गांधी-नेहरू परिवार’ की जडों से जुडा प्रदेश है. रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, इलाहाबाद और फूलपुर की लोकसभा सीटों से ‘गांधी-नेहरू परिवार’ का करीबी रिश्ता रहा है. कांग्रेस के पक्ष में सबसे बडी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर हुये उसको 30 साल से अधिक का समय बीत गया है. बीतें 30 सालों में प्रदेश की जनता ने सपा-बसपा और भाजपा को बारीबारी से खूब आजमा कर देख लिया है. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश की जनता के लिये उम्मीदों वाली पार्टी हो सकती है.
प्रियंका के साथ राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस रोड शो में हिस्सा लिया. इस रोड शो की सफलता के लिये कांग्रेस के लोगों ने पूरे शहर में जनसंपर्क किया. जनसंपर्क और रोड शो के प्रचार में लगे नेताओं को देखकर यह साफ दिखा कि पुराने कांग्रेसी नेताओं में उत्साह भर गया है. कांग्रेस के लोग कम भले हो पर उनके परिवार के लोगों ने भी उनका साथ दिया. सोशल मीडिया पर प्रचार के लिये कैंपन कांग्रेस के अपने परिवार के लोगों ने शुरू की. जिसके लिये उनको कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही थी. कांग्रेसी परिवारों के बच्चों ने इस काम में मदद की. यह कुछ उस तरह का उत्साह था जैसी आजादी के लडाई में इंदिरा गांधी के साथ उनकी बच्चा टीम ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाई थी.
कांग्रेस के लोग लंबे समय से प्रियंका को पार्टी में लाने की मांग करते रहे है. अब प्रियंका के आने के बाद केवल युवाओं में ही नहीं लडकियों और महिलाओं में नया जोश दिख रहा है. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटे है. इनमें से 2014 के लोकसभा चुनाव में 73 सीटें भाजपा ने जीती थी. 2014 के लोकसभा और 2017 के विधनसभा चुनाव के बाद लोकसभा की 3 और विधनसभा की 1 सीट पर हुये उपचुनाव में एक भी सीट भाजपा नहीं जीत पाई. 5 राज्यों के विधनसभा चुनाव में एक भी राज्य भाजपा के पास नहीं गया. 2014 के लोकसभा चुनाव जैसे हालात 2019 में नहीं है. कांग्रेस को सबसे अधिक सीटे उत्तर प्रदेश से ही मिल सकती है. प्रियंका गांधी 18 पफरवरी से लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करेगी. इसके जरीये ही कांग्रेस प्रत्याशी चयन का काम करेगी.
भाजपा के साथ ही साथ सपा और बसपा की खराब होती हालत का लाभ भी कांग्रेस को मिल सकता है. कांग्रेस के साथ दलित-मुसलिम और सवर्णों का एक बड़ा वर्ग खड़ा होता दिख रहा है. जो चुनावी समीकरण में कांग्रेस की जीत का आधर बन सकता है. कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सिंह राजपूत कहते है ‘जनता को कांग्रेस केवल लड़ती हुई दिखनी चाहिये इसके बाद जनता खुद साथ आने को तैयार है. रोड शो की भीड ने दिखा दिया है कि जनता में कांग्रेस के प्रति क्या उत्साह है. अब इस उत्साह को वोट में बदलना कांग्रेस संगठन और नेताओं का काम है.’