आईबीआई गवर्नर रघुराम राजन पर हो रहे लगातार हमलों के बीच उनके शिकागो यूनिवर्सिटी के कॉलीग लुइगी जिंगल्स राजन के बचाव में आ गए हैं. जिंगल्स ने कहा है कि राजन पर निशाना इसलिए साधा जा रहा है क्योंकि राजन 'बैंकिंग सिस्टम की अकुशलता से लड़ रहे हैं.'
गौरतलब है कि इस साल सितंबर में राजन का कार्यकाल खत्म हो रहा है और देश में उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर बहस छिड़ी हुई है. ऐसे में जिंगल्स ने अपने आर्टिकल में लिखा, 'राजन का एक नए इंडिया का सपना है. उन्होंने आरबीआई को जहां पहुंचाया है, वह उनकी कुशलता का परिचायक है न कि किसी राजनीतिक संबंधों की देन.' आरबीआई गवर्नर के रूप में राजन के दूसरे टर्म पर लुइगी ने लिखा कि राजन ने जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काम किया है, कोई और देश होता तो उनके दूसरे टर्म पर सवाल ही नहीं उठता.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनस से फ़ाइनैंस के ऑन लीव प्रफेसर रघुराम राजन पर सत्ताधारी पार्टी के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी सहित कई अन्य लोग लगातार हमले कर रहे हैं. राजन पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ब्याज दर में कटौती करने में वह विफल रहे हैं. राजन के कॉलीग जिंगल्स ने लिखा है कि राजन के आरबीआई गवर्नर रहते भारत में महंगाई दर 11% से अर्थशास्त्री घटकर 5% पर आ गया है. वहीं, देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी से बढ़कर 8% तक पहुंच गई है.
जिंगल्स ने लिखा है, 'आरबीआई गवर्नर न सिर्फ महंगाई से लड़ रहे हैं बल्कि वह बुरे कर्ज के तले दबी हुई बैंकिंग सिस्टम की इनएफ़िशंसी से भी लड़ रहे हैं.' उन्होंने लिखा है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से पब्लिक हैंड्स में है और क्रोनी कैपिटलिजम को फाइनैंस करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है जो कि देश को कई साल पीछे ले जाता है.'
जिंगल्स ने लिखा, 'एक गवर्नर के रूप में राजन ने कर्ज लेने वाले संदिग्धों से जुड़े जोखिम को कम करने काम किया. आर्थिक दृष्टिकोण से यह सर्वश्रेष्ठ समय है. देश की जीडीपी 8% की दर से बढ़ रही है, अब बैंकिंग प्रणाली के द्वारा घाटे को आसानी से कम किया जा सकता है.'