हममें से कई ऐसे लोग जो दालचीनी के बिना अपने जीवन की कल्पना भीं नहीं कर सकते हैं. इसकी महक बहुत तेज होती है. पर पिछले कुछ सालों में दालचीनी के स्वाद में थोड़ा बदलाव आया है. अब ना तो इसकी महक पहले जैसी रही है और ना ही स्वाद.
दरअसल अब दालचीनी में वो गुण नहीं रह गए हैं जो पहले मिला करते थे. पहले के लोग खुद अपने बगीचे में दालचीनी उगाते थे और फिर इसका इस्तेमाल करते थे. आज हम आपको इस लेख के ज़रिए बताने जा रहे हैं कि दालचीनी को आपको अपने गार्डन में क्यों शामिल करना चाहिए और इसके क्या फायदे हैं. आइए जानते हैं.
चींटियां पौधों को खा जाती हैं और इसलिए गार्डन से इन्हें हटाना बहुत जरूरी होता है. ये ना केवल पत्तियों को नुकसान पहुंचाकर पौधे को खराब करती हैं. अगर आपके बगीचे में भी चींटियां हो गई हैं तो इससे बचने के लिए आपको दालचीनी का पौधा लगाना चाहिए. इससे चीटियों का झुंड नहीं बन पाता है और आपके पौधे सुरक्षित रहते हैं.
भारत में जंगल मशरूम में वृद्धि भी चिंता का एक कारण है. ऐसे में इस काम के लिए आप दालचीनी का इस्तेमाल कर सकती हैं. दालचीनी का पाउडर बना लें और इसके बाद जहां भी फंगी हो वहां पर इसके पाउडर को छिड़क दें. इससे फंगस जल्दी खत्म हो जाएगी. अंकुरों को बचाए पौधों के अंकुर भी बहुत नाजुक होते हैं. इसे मौसम में बदलाव, फंगस और कई तरह के रोगों से बचाना होता है. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अत्यधिक नमी के कारण अंकुर सड़ ना जाएं.
दालचीनी में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो इन सब समस्याओं से बचाकर रखते हैं. इसके अलावा बीज वहीं रखना चाहिए जहां पर इसके विकास के लिए अनुकूल वातावरण हो. तब आपको दालचीनी की जरूरत नहीं पड़ेगी. ग्राफ्टिंग में मदद बागवानी करने वाले लोग ग्राफ्टिंग से परिचित होंगें.सामान्य सी बात है कि जब किसी पौधे का कोई हिस्सा उससे टूटकर गिर जाता है तो वो कमजोर हो जाता है. ऐसे में उसे दोबारा उगने के लिए दालचीनी से शक्ति मिलती है. इससे पौधो मजबूती से बढ़ता है. पौधे पर रोज़ दालचीनी पाउडर छिड़कने से वो फिर से तरोताजा और जिंदा हो जाता है. यह अधिकतम मात्रा में प्रतिधारण सुनिश्चित करने के लिए पौधे को पानी देने के बाद उस पर दालचीनी पाउडर छिडकें.