साल 2011 में दिल्ली प्रेस की चहेती पत्रिका ‘गृहशोभा’ का ‘गोल्डन गर्ल’ का पहला संस्करण महिला जगत की 15 नामचीन खिलाड़ियों के नाम था. तब क्रिकेटर मिताली राज भी स्पेशल दिल्ली आई थीं और उन्होंने बतौर मौडल फोटोशूट कराते हुए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू भी दिया था. तब से अब तक उन्होंने अपने उम्दा खेल से महिला क्रिकेट जगत में नई से नई ऊंचाइयां छुई हैं.
लेकिन आज क्रिकेट की यही ‘वंडर गर्ल’ खेल राजनीति की शिकार है. वो इस कदर निराश और हताश हैं कि अब क्रिकेट से संन्यास लेने पर विचार कर रही हैं.
मिताली राज ने मंगलवार, 27 नवंबर को सीओए सदस्य डायना एडुल्जी पर उनके साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया और महिला टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार के बारे में कहा कि इस पूर्व क्रिकेटर ने उन का अपमान किया.
हाल ही में हुए टी20 के महिला वर्ल्ड कैप में इंगलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले बिना किसी ठोस वजह के टीम से बाहर की गईं मिताली राज ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि डायना एडुल्जी ने उन के खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया.
याद रहे कि 35 साल की मिताली राज को वेस्टइंडीज में खेले गए वर्ल्ड ट्वेंटी20 कप में लगातार अर्धशतक बनाने के बावजूद सेमीफाइनल में खेलने का मौका नहीं दिया गया था. भारत वह मैच 8 विकेट से हार गया था.
मिताली राज ने इस पूरे घालमेल पर बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और क्रिकेट औपरेशंस जीएम सबा करीम को एक चिट्ठी लिख कर बताया, ‘अपने 20 साल के लंबे कैरियर में पहली बार मैं ने खुद को अपमानित और निराश महसूस किया. मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिए मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिए है भी या नहीं या फिर वे मेरा आत्मविश्वास तोड़ना चाहते हैं.
‘मैं टी20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ.
‘मैं पहली बार देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहती थी और मुझे दुख है कि हम ने वह सुनहरा मौका गंवा दिया.
‘मैं ने हमेशा डायना एडुल्जी पर भरोसा जताया और उन की इज्जत की. मैं ने कभी यह नहीं सोचा कि वे मेरे खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करेंगी, खासकर तब जबकि वेस्टइंडीज में जो कुछ मेरे साथ हुआ, मैं उन्हें बता चुकी थी. मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने के फैसले को उन के समर्थन से मैं काफी दुखी हूं क्योंकि उन्हें तो असलियत पता थी.’
मिताली राज यहीं पर नहीं रुकीं. उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं हुईं जब इस पूर्व क्रिकेटर रमेश पोवार ने उन्हें अपमानित महसूस कराया.
मिताली राज ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘अगर मैं कहीं आसपास बैठी होती तो वे बगल से निकल जाते थे. दूसरी खिलाड़ियों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे लेकिन जब मैं बल्लेबाजी कर रही होती थी तो नहीं रुकते थे. मैं उन से बात करने जाती तो फोन देखने लगते या फिर चले जाते.
‘यह काफी अपमानजनक था और सभी को दिख रहा था कि मुझे अपमानित किया जा रहा है. इस के बावजूद मै ने अपना आपा नहीं खोया.
‘जब हम वेस्टइंडीज पहुंचे, तब ही से सबकुछ शुरू हुआ. पहले कुछ इशारे मिले थे कि कोच पोवार का मेरे साथ व्यवहार ठीक नहीं है, लेकिन मैं ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.’
मिताली राज का यह दर्द जायज है और बीसीसीआई को इस मामले की तह तक जाना चाहिए, क्योंकि मिताली राज के खेल आंकड़े बताते हैं कि वे क्रिकेट को कितना कुछ दे चुकी हैं.
3 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली राज ने अब तक भारत की तरफ से 10 टेस्ट मैच खेले हैं और 51.00 की औसत से 633 रन बनाए हैं. इन का एक पारी में 214 का सर्वाधिक स्कोर रहा है.
इतना ही नहीं, 197 इंटरनेशनल वनडे मैच खेलने वाली इस खिलाड़ी ने 51.17 की औसत से 6550 रन बनाए हैं जिसमें 7 शतक और 51 अर्धशतक शामिल हैं. ट्वेंटी20 मैचों की बात करें तो मिताली राज ने ऐसे कुल 85 इंटरनेशनल मैच खेले हैं जिन में उन्होंने 37.42 की औसत से 2283 रन बनाएं हैं.
अब देखते हैं कि मिताली राज का यह फोड़ा गया ‘चिट्ठी बम’ कितनी दूर तक धमाका करता है.