अगर ५-६ साल से बड़ा बच्चा बिस्तर गीला करे तो डाक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. अकसर कई मांबाप बच्चे के बिस्तर पर पेशाब करने से परेशान होते हैं, पर छोटे बच्चे जैसेजैसे बच्चे बड़े होते हैं वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण रखना सीख लेते हैं.
अगर बच्चा बिस्तर पर पेशाब कर देता है तो उसे कभी डाटें नहीं. कुछ मामलों में १०-१२ साल तक की उम्र के बच्चों में भी यह समस्या देखने को मिलती है. ऐसी स्थिति में इसे एक बीमारी माना जाता है. बड़ी उम्र के बच्चे इस बीमारी के बारे में बताने में शर्म महसूस करते हैं. इस वजह से उन का समय पर उचित इलाज नहीं हो पाता है.
छोटे बच्चे अगर बिस्तर गीला करें तो उसे बीमारी नहीं मानना चाहिए. कुछ समय के बाद वे अपने मूत्राशय पर नियंत्रण रखना सीख जाएंगे और यह समस्या अपनेआप खत्म हो जाएगी.
अहम वजह
-बच्चों के पेट में कीड़े होने या कब्ज होने से.
-नींद में पेशाब करने के सपने देखने की वजह से.
-हार्मोंस की गड़बड़ी होने से.
-डायबिटीज भी एक कारण.
-ब्लैडर की मसल्स कमजोर होने की वजह से.
-डर या तनाव के चलते.
-मौसम की वजह से – जैसे की सर्दी और बरसात में.
ये वजहें भी हैं जिम्मेदार
छोटा मूत्राशय : बच्चों का शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता. मूत्राशय उन में से एक है. हर बच्चे के शरीर की बनावट अलगअलग होती है. कुछ बच्चे जल्दी विकसित होते हैं और कुछ बच्चे समय लेते हैं. कई बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन का मूत्राशय सामान्य से छोटा होता है. इस वजह से वे रातभर पेशाब करते रहते हैं और बिस्तर गीला करते रहते हैं.
मूत्र संक्रमण : अगर बच्चे को मूत्र संक्रमण हो जाए तो बच्चे को बारबार पेशाब लगेगा. रात को सोते समय बच्चा पेशाब को नियंत्रित नहीं कर पाएगा. मूत्र संक्रमण में बच्चे को पेशाब में जलन, बुखार, बारबार पेशाब आना और पेशाब की मात्रा में कमी का होना भी शामिल है.
आनुवांशिकता : ७० फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिन मे पेशाब की समस्या पाई गई है. साथ ही, यह भी पाया गया है कि उन के मां या बाप भी बचपन में बिस्तर गीला करते थे.
हार्मोन : इनसान के शरीर में पेशाब का नियंत्रण हार्मोनों के द्वारा होता.
निदान : बच्चा बिस्तर पर पेशाब न करे इस के उपाय
-बच्चे को आदत डालिए कि सोने से पहले वह पेशाब जरूर करे.
-अगर बच्चा कभी जल्दी सो जाए तो उसे गोद में उठा कर शौच जरूर कराएं या गोदी में उठा कर खुद ही टायलेट ले जाएं.
-अगर बच्चा अकेले सोता है तो उस के कमरे में हलकी रोशनी वाला बल्ब लगाएं ताकि रात में उठ कर वह खुद भी बिना किसी मदद के शौचालय जा सके.
-जागने के बाद भी पेशाब कर ले.
-रात ८ बजे के बाद जयादा पानी पीने को न दें.
-अगर बच्चा फिर भी कभी बिस्तर पर पेशाब कर दे तो उसे मारें नहीं बल्कि प्यार से समझाएं.
-बच्चे को सोते से जगा कर कुछ भी खानेपीने को नहीं देना चाहिए.
घरेलू इलाज से निदान
तिल और गुड़ : तिल और गुड़ को साथ मिला कर उस का मिश्रण बना लें. इसे खिलाने से बच्चे का बिस्तर पर पेशाब करने का रोग खत्म हो जाएगा. तिल और गुड़ में अजवायन का चूर्ण मिला कर बच्चे को खिलाने से और भी कई फायदे होते हैं.
आंवला : १० ग्राम आंवला और १० ग्राम काला जीरा साथ मिला कर पीस लें. इस में पिसी हुई चीनी भी उतनी ही मात्रा में मिला दें. इस मिश्रण को हर दिन बच्चे को पानी के साथ खिलाने से बच्चे को बिस्तर पर पेशाब नहीं होगा.
मुनक्का : हर दिन ५-६ मुनक्का खिलाने से बच्चा बिस्तर गीला नहीं करेगा.
अखरोट और किशमिश : प्रतिदिन २-३ अखरोट और २०-२२ किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है.
दूध में एक चम्मच शहद : एक कप ठंडे फीके दूध में एक चम्मच शहद मिला कर सुबहशाम एकडेढ़ महीने तक बच्चे को पिलाइए और तिलगुड़ का एक लड्डू रोज खाने को दीजिए. अपने बच्चे को लड्डू चबाचबा कर खाने के लिए कहिए और फिर शहद वाला एक कप दूध पीने को दें. बच्चे को खाने के लिए लड्डू सुबह के समय दें. लड्डू के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता. आप जब तक चाहें बच्चे को इस का सेवन करा सकते हैं.