इंटरनेट पोर्नोग्राफी ने भारत में लोगों को तेजी से अपनी ओर खींचा है. ज्‍यादातर लोग अब पीसी की तुलना में स्मार्टफोन के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ रहे हैं. इसी कारण वयस्क सामग्री को अब एप के रूप में पेश किया जा रहा है. गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे एप्स मौजूद हैं और एंड्रॉयड यूजर्स हर दिन अनगिनत बार पोर्न वेबसाइट्स पर विजिट करते हैं. अश्लील सामग्री देखना पूरी तरह से व्यक्तिगत है और देश में कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है. हालांकि, ऐसे कई कारण है जिसके चलते एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर पोर्न देखने से बचना चाहिए.

1.अवैध वीएएस (वैल्यू एडेड सर्विसेज) सब‌क्रिप्‍शन:

पोर्न ज्यादातर नि: शुल्क है. हालांकि, इसको देखना महंगा साबित हो सकता है. लोकप्रिय अश्लील वेबसाइटों मुनाफा कमाने की कोशिश में अवैध वीएएस एक्टिवेट करती हैं. इसका मतलब यह है जिस समय आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर विशेष वेबसाइट ओपेन करते है तो एक वीएएस सदस्यता ऑटोमैटिक फोन में सक्रिय हो जाती है.

जूसअप पैक, कुंडली, ड्रीम गर्ल पैक, आदि के लिए मासिक या दैनिक शुल्क के साथ इस तरह सदस्यता खुद-ब-खुद सक्रिय हो जाती है. आमतौर पर प्रति दिन 5 या 35 रुपए प्रति माह रुपये कीमत होने की वजह से उपयोगकर्ता का ध्यान इस ओर नहीं जाता है.

अगर आपकी जानकारी और सहमति के बिना मोबाइल बैसेंल कम हो रहा है तो "STOP" टाइप करके 155,223 पर मैसेज करें और निर्देश का पालन करें. ट्राई द्वारा आवंटित किया गया यह यह एक टोल फ्री नंबर है. इसके लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक हल है फोन को एयरप्लेन मोड पर रखें और वाई-फाई से कनेक्ट करें. इस तरह मोबाइल डेटा के खर्च से बच सकते हैं.

2. अधिक अश्लील टिकर:

पोर्न टिकर एंड्रॉयड के साथ सदियों पुरानी समस्या है. ये एक कानूनी एंड्रॉयड एप्लिकेशन का नकली वर्जन के रूप में आते हैं. जैसे कि अगर आप एंड्रॉयड मोबाइल पर पोर्न देखी और फिर लोकप्रिय गेम डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पर गए तो अश्लील टिकर टैम्पल रन, टॉकिंग टॉम आदि के रूप में आ सकते हैं. इसलिए अगर आप बिना जांचें परखे इस पर क्लिक करते हैं तो ट्रोजन वायरस मोबाइल में डाउनलोड हो सकता है.

इसलिए हमेशा इस बात की सलाह दी जाती है कि इंकॉग्निटो मोड में ही इस तरह की वेबसाइट ब्राउज करें और "आप पर नजर रखने के लिए वेबसाइटों को अनुमति न दें".  तुरंत ही कैश क्लिर करें और बिना जांच के एप डाउनलोड ना करें.

3. सिक्योरिटी का सबसे बड़ा खतरा:

उस एंड्रॉयड फोन में पोर्न ब्राउज करना जिसमें बैंकिंग एप्लिकेशन और आपका जीमेल अकाउंट मौजूद है, सिक्योरिटी के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है. इस तरह फोन की सिक्योरिटी और प्राइवेसी किसी भी साइबर अपराधी के हित में है.

4. रैनसमवेयर:

वास्तव में इंटरनेट पर कुछ भी फ्री ऑनलाइन नहीं है. आपको या तो नकद या डेटा के रूप में सब कुछ चुकाना पड़ता है. रैनसमवेयर मालवेयर एक खतरनाक वायरस है जो डिवाइस को लॉक कर देता है और यूजर से उनकी फाइलों की रिकवरी के लिए पैसे की मांग करता है. रैनसमवेयर मालवेयर की सबसे तेजी से बढ़ती किस्म है और यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. आपकी डिवाइस की हर एक चीज शातिर साइबर आपराधी की दया पर निर्भर हो जाती है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पैसे देने के बाद भी फोन अनलॉक जाएगा. अश्लील वेबसाइटों को पहले से ही इस पर महारत हासिल है.

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