भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे और मुंबई के क्रिकेटर अर्जुन तेंदुलकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्हें अगले महीने श्रीलंका दौरे के लिए जाने वाली अंडर 19 टीम के लिए शामिल किया गया है. अर्जुन श्रीलंका में चार दिवसीय क्रिकेट मैच खेलेंगे. अर्जुन तेंदुलकर के बारे में अगर आप केवल यह जानते हैं कि वे सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं तो आपके पास जानने के लिए काफी कुछ है. जी हां अर्जुन केवल अपने पिता की वजह से ही खबरों में नहीं रहते वे कई वजहों से सुर्खियों में रह चुके हैं. बेशक उनके बारे में दिलचस्पी लोगों में भले ही उनके पिता की वजह से हो लेकिन वे अपनी खुद की हस्ती बनाने में बहुत आगे बढ़ चुके हैं.
अंडर कूच बिहार ट्रौफी में किया था बेहतरीन प्रदर्शन
अंडर 19 कूच बिहार ट्रौफी इंटर स्टेट क्रिकेट टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी करते हुए मुंबई टीम के लिए रेलवे के खिलाफ खेलते हुए पांच विकेट झटके थे. अर्जुन ने 11 ओवर में 44 रन देकर पांच विकेट लिए जिसकी बदौलत मुंबई ने रेलवे को एक पारी ओर 103 रनों से हराने में कामयाबी हासिल हुई. असम के खिलाफ भी अर्जुन अपनी टीम को जीत दिला चुके हैं. जिसके चलते वह असम को एक पारी और 154 रनों से पराजित कर पाए. अर्जुन ने दूसरी पारी में 15 ओवरों में 44 रन देकर 4 विकेट लिए थे. उससे एक महीने पहले अर्जुन ने मध्य प्रदेश के खिलाफ इसी टूर्नामेंट में 5 विकेट लिए थे.
अर्जुन को कई बार टीम इंडिया के साथ नेट प्रैक्टिस करते देखा गया है. उन्हें टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरुण भी गेंदबाजी करते देख चुके हैं. पिछले साल ही अर्जुन ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुई तीन एक दिवसीय मैचों की सीरीज के पहले वानखेड़ स्टेडियम में टीम इंडिया के साथ नेट पर देखा गया था. इसके अलावा अर्जुन तब भी खबरों में आए थे जब वे लौर्ड्स में इंग्लैंड की टीम को नेट प्रैक्टिस करा रहे थे जिसे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलना था. उस दौरान अर्जुन की गेंद पर जौनी बेयरस्टौ चोटिल हो गए थे. अर्जुन तेंदुलकर ने उस समय भी सुर्खियां बटोरी थी, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल से पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नेट गेंदबाज बने थे.
विदेश में भी छोड़ चुके हैं अपनी छाप
इस साल के शुरुआत में ही अर्जुन ने औस्ट्रलिया में स्प्रिट औफ ग्लोबल चैलैंज में भाग लेते हुए सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था. टी20 मैच में भारत के क्रिकेटर्स क्लब की ओर से बतौर ओपनर खेलते हुए अर्जुन ने अपने धुंआधार प्रदर्शन से केवल 27 गेंदों पर 48 रन बनाए थे और शानदार गेंदबाजी करते हुए उन्होंने चार विकेट भी झटके थे.
अर्जुन ने मैच के बाद कहा, “ मैं बचपन से ही तेज गेंदबाजी को पसंद करता रहा हूं. मुझे लगा कि भारत में तेज गेंदबाज ज्यादा नहीं है. बड़े होने के साथ साथ में मजबूत भी हो रहा हूं मैं भारत के लिए एक तेज गेंदबाज के रूप में पहचान पाना चाहता हूं.”
पिता का अधूरा सपना पूरा करने की ओर
सचिन ने क्रिकेट में वो सभी मुकाम हासिल कर लिए जो उनके सामने आए, लेकिन एक सपना जो सचिन का क्रिकेट में था वो नहीं पूरा हो पाया और उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. दरअसल, सचिन बल्लेबाज नहीं, तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. इसीलिए वह मुंबई से चेन्नई एमआरएफ पेस एकेडमी जा पहुंचे, लेकिन वहां पूर्व औस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने उनकी चाहत को खारिज कर दिया. और उन्हें बल्लेबाज बनने की सलाह दी. सचिन की हाइट छोटी थी, जिसकी वजह से लिली ने उन्हें सलाह दी कि तुम बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान क्यों नहीं लगाते..? और यहीं से सचिन के क्रिकेट जीवन की शुरुआत हुई, जिसे बाद में दुनिया ने ‘मास्टर ब्लास्टर’ का नाम दिया.
सचिन की जिंदगी में शायद यही एक अधूरा सपना था, लेकिन शायद यह किस्मत का खेल ही है कि उनका बेटा अर्जुन तेंदुलकर उनके इस सपने को पूरा करने का जरिया बना है. अर्जुन एक तेज गेंदबाज हैं और शानादार गेंदबाजी कर रहे हैं.
बेन स्टोक्स और मिचेल स्टार्क हैं अर्जुन के रोल मौडल
सचिन तेंदुलकर आज भी युवा पीढ़ी के आदर्श हैं, लेकिन अर्जुन के आदर्श उनके पिता नहीं बल्कि कोई और हैं. अर्जुन तेंदुलकर इंग्लैंड के औलराउंडर बेन स्टोक्स और औस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को अपना रोल मौडल मानते हैं. बता दें कि बेन स्टोक्स वहीं खिलाड़ी हैं जो हाल ही में कई विवादों में फंसे रहे हैं.
जब सचिन से पूछा गया कि क्या अर्जुन दूसरा सचिन साबित होगा, तो उन्होंने कहा, नहीं, उसे अर्जुन ही रहना चाहिए. उसकी तुलना किसी से नहीं होनी चाहिए. वह अर्जुन ही रहना चाहिए. सचिन ने कहा, मैं चाहूंगा अर्जुन अपने गेम पर फोकस करे. मीडिया प्रेशर की चिंता उसे नहीं होनी चाहिए. ये सब चीजें होंगी, लेकिन उसे अपने गेम और पेशन पर ही फोकस होना चाहिए. मैं चाहूंगा जो चीज मैंने अपने पिता से सीखी है, चाहे जो हो, आप अपने गेम पर फोकस रखें. ये सब चीजें तो होती ही रहेंगी. सचिन चाहते हैं कि उनका बेटा अपनी राह खुद बनाए