सवाल
मैं 25 साल का हूं और मेरी शादी हो चुकी है. मैं एक लड़की से भी प्यार करता हूं. वह मेरे साथ शादी करना चाहती है. हम क्या करें?

जवाब
दूसरी शादी कानूनन अपराध है. वैसे भी बीवी के होते इश्क लड़ाना कोई समझदारी की बात नहीं बल्कि अपने ही हाथों अपनी घरगृहस्थी चौपट करना है. अगर बीवी ठीकठाक है तो उसी से निभाने की कोशिश करें. कल को किसी तीसरी से प्यार हो जाए तो क्या दूसरी को भी छोड़ने की बात करेंगे?

बेहतर होगा कि अपनी माशूका को धीरेधीरे समझाएं कि वह आप को भूल कर कहीं और शादी कर सुकून से रहे. अगर उस के लिए बीवी को तलाक देंगे तो यह उस के साथ ज्यादती ही होगी और तलाक देना आसान काम है भी नहीं.

हां, अगर सचमुच माशूका के बगैर नहीं रह सकते हैं तो दोनों को आमनेसामने बैठा कर बात करें, फिर शायद अपनी गलती या भूल समझ आ जाए.

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प्यार की बदलती परिभाषा

21 वर्षीया सीमा होंठों पर प्यारी सी मुसकान लिए और हाथों में गुलाब का बड़ा सा गुलदस्ता लिए दिल्ली के आईटीओ बस स्टैंड पर किसी का इंतजार कर रही है. उसे देख यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि वह किस का इंतजार कर रही है. भले यह वैलेंटाइन डे की शाम न हो फिर भी उस के हावभाव कह रहे हैं, वह अपने दिलदार का इंतजार कर रही है. सीमा के हाथ में खूबसूरत से लिफाफे में बंद एक बड़ा डब्बा भी है, जो शायद उस के बौयफ्रैंड के लिए बर्थडे गिफ्ट होगा.

पिछले कुछ सालों में सीमा जैसी युवतियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. हालांकि प्यार चाहे आदिम युग में किया गया हो या इंटरनैट युग में, वह कभी नहीं बदला. लेकिन पिछले कुछ सालों में जिस तरह हर क्षेत्र में आमूलचूल ढंग से परिवर्तन देखने को मिले हैं, प्यार भी इन बदलावों से अछूता नहीं है. आज इजहार का तरीका बदल गया है, इकरार के अंदाज बदल गए हैं. इंटरनैट युग में हर चीज तुरतफुरत वाली हो गई है. ऐसे में भला प्यार कैसे पीछे रह सकता था? अब न कोई लड़का प्रेम प्रस्ताव देने के लिए कई दिनों का इंतजार करता है और न ही कोई लड़की उस की हामी में वक्त लगाती है.

अगर कहा जाए कि आज की तारीख में प्यार पहले की तुलना में ज्यादा वास्तविक हो गया है तो कतई गलत नहीं होगा. जी, हां. लैलामजनू, हीररांझा जैसे प्यार अब बमुश्किल ही देखने को मिलते हैं. इस का मतलब यह कतई नहीं है कि प्यार पहले के मुकाबले अब लोगों में कम हो गया है या फिर अब वादों और इरादों की जगह खत्म हो गई है. दरअसल, प्यार अब गिव ऐंड टेक की पौलिसी बन चुका है. बेशक ये शब्द थोड़े रूखे हैं लेकिन वास्तविकता यही है. ऐसा नहीं है कि यह बदलाव एकाएक देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ सालों में धीरेधीरे चल कर यह बदलाव यहां तक पहुंचा है.

इस में सब से बड़ी वजह महिलाओं का आत्मनिर्भर होना है. इन बातों को बहुत समय नहीं गुजरा है जब प्रेमी जोड़े एकसाथ बाहर घूमने जाया करते थे, लड़कियां आमतौर पर लड़कों पर पूरी तरह निर्भर होती थीं. यहां तक कि कहां घूमने जाना है, क्या खाना है जैसे सारे फैसले लड़के ही करते थे. मगर अब ऐसा नहीं है.

आज लड़कियां पढ़ीलिखी हैं, समझदार हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं. आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण ही अब वे किसी और पर फैसले नहीं छोड़तीं और न ही दूसरे के फैसले खुद पर लदने देती हैं. कहीं जाना हो, कुछ खाना हो या कोई तोहफा खरीदना हो तो वे मन मार कर नहीं रहती हैं. वे बिंदास हो कर इन बातों को अपने बौयफ्रैंड से साझा करती हैं.

यही कारण है कि अब प्यार बेफिक्री का नाम भी हो गया है. लड़कियों में बढ़ती आत्मनिर्भरता के कारण लड़कों में भी बेफिक्री की आदत आ गई है. बदलते दौर के प्यार के कारण लड़कों में बचपना भर गया है. अब तक माना जाता रहा है कि जिंदगी से जुड़े तमाम फैसले सिर्फ लड़के को ही करने होते हैं. आखिर वह भविष्य में घर का मुखिया बनता है. इसलिए जवानी के दिनों से ही उसे गंभीर होना होता है. यही वजह है कि वह हमेशा अपने संबंधों में भी गंभीर ही रहता था. लेकिन लड़कियों के फैसले लेने की ताकत ने लड़कों को बेफिक्र कर दिया है. ऐसा नहीं है कि लड़कियां परेशानियों और फैसले करने के बोझ तले दबती जा रही हैं. लड़कों ने इस संबंध में लड़कियों का हाथ बराबरी देने के लिए थामा है.

अब अजय को ही लें. 26 साल का अजय 2 साल बाद अपनी गर्लफ्रैंड रैना से शादी करने वाला है. रैना एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करती है. उस की मासिक आय इतनी है कि एक परिवार न सिर्फ गुजरबसर कर सकता है बल्कि ऐश की जिंदगी भी जी सकता है. अजय को आर्थिक रूप से घर के लिए ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. रैना महत्त्वाकांक्षी है. लेकिन जब से उस की मुलाकात अजय से हुई है तब से रैना की जिंदगी में तमाम बदलाव हुए हैं.

पहले जहां काम के चलते रैना हमेशा परेशान दिखती थी, वहीं अब प्यार ने उस में मिठास भर दी है. उन की जिंदगी से जुड़े सारे फैसले दोनों मिल कर करते हैं. 2 साल बाद शादी का फैसला भी दोनों ने मिल कर किया है. अजय तो अपने भविष्य को ले कर बेफिक्र हुआ ही है, साथ ही रैना को भी अपनी आजादी, अपने फैसलों को लेने में कोई कठिनाई नहीं होती. वह जानती है कि अजय उस का हर मोड़ पर साथ देगा. इस संबंध में वह बिलकुल बेफिक्र है.

यह बात और है कि अब भी ऐसे प्रेमी युगलों %

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