लोग इंश्योरैंस इसलिए कराते हैं, ताकि उन का और उन के परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके, लेकिन अब तो इस ‘सुरक्षित भविष्य‘ के नाम पर भी ठगी होने लगी है. हाल ही में हरियाणा की भविष्य की ‘स्मार्ट सिटी‘ फरीदाबाद में ऐसा ही मामला सामने आया है, जिस में कुछ लोगों ने इंश्योरैंस कराने के नाम लोगों को चपत लगा दी.
इस कारगुजारी को एक गैंग अंजाम दे रहा था, जिस ने पिछले 5 महीने में 60-70 लोगों को ठग लिया. इतना ही नहीं, इसी गैंग ने सिंचाई विभाग से रिटायर हो चुके एक इंजीनियर समेत 2 लोगों को अपने झांसे में ले कर 50 लाख 72 हजार रुपए की रकम का चूना लगा दिया.
यह गिरोह दिल्ली एनसीआर से चलाया जा रहा था, जो नई इंश्योरैंस पौलिसी कराने और पुरानी पौलिसी पर ज्यादा लाभ देने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठ रहा था. इस सिलसिले में फरीदाबाद की साइबर सैल ने दिल्ली के प्रेम नगर किराड़ी में बने एक शौपिंग मौल में खोले गए दफ्तर पर छापा मारा और 5 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया, पकड़े गए आरोपियों में एक युवती भी शामिल थी.
फरीदाबाद के सैक्टर 10 में रहने वाले सिंचाई विभाग से रिटायर हो चुके एक इंजीनियर बद्रीनाथ ने बताया कि कुछ समय पहले उन के पास फोन आया था. फोन करने वाले ने उन को पौलिसी पर ज्यादा फायदा देने का दावा किया और एक नामी बीमा कंपनी का हवाला दे कर उन्हें फंसा लिया. इस के बाद उन से तक़रीबन 50 लाख रुपए हड़प लिए.
यह गैंग बेहद हाईप्रोफाइल है और इंश्योरैंस कंपनियों के ब्रोकरों को रुपए दे कर ग्राहकों का डाटा जुटा लेता है. इस के बाद अपने काल सैंटर से इन्हें काल करवाता है और इंश्योरैंस के नाम पर मिलने वाली बोनस की रकम को जल्द से जल्द रिलीज कराने का लालच देता है. इस गैंग ने रकम हड़पने के लिए फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए हुए थे और अपनी कंपनी रजिस्टर करा रखी थी. इस में काम करने वाले लड़के लड़कियां बुजुर्गों, रिटायर अफसरों, कारोबारियों वगैरह को अपनी बातों के जाल में फंसा कर उन से मोटी रकम वसूलते थे.
पुलिस ने इस गैंग के दफ्तर से 21 लैंडलाइन फोन और 6 मोबाइल फोन, एक स्मार्टफोन, आधा दर्जन से ज्यादा सिम, मुहर और बैंक खातों से तकरीबन 8 लाख रुपए बरामद किए.
यह ठगी की कोई नई वारदात नहीं है. देश के अलग अलग हिस्सों से ऐसी खबरें आती रहती हैं, फिर भी लोग फंस ही जाते हैं. इस के लिए तो उन्हें खुद ही जागरूक होना होगा. अगर कोई फोन पर आप के बैंक खाते, एटीएम नंबर व क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेने की कोशिश करे आप चौकन्ने हो जाएं. इन लोगों की बातें बड़ी लच्छेदार होती हैं और अपने ग्राहकों से बात करने के लिए इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि ग्राहक को कोई शक न हो.
लिहाजा, अपनी बैंक संबंधी कोई भी जानकारी किसी को न दें. फोन पर तो बिलकुल नहीं. याद रखिए, सफर चाहे जिंदगी का हो या सड़क का, सावधानी ही बचाव है.