सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतते हुए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिकौर्ड बनाने वाली उर्वशी रौतेला ने निर्देशक अनिल शर्मा के निर्देशन में सनी देओल के साथ फिल्म ‘सिंह साहब द गे्रट’ में हीरोइन बन कर अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी. जी हां, कम उम्र में सर्वाधिक सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतने वाली उर्वशी रौतेला दिसंबर, 2015 में भारत की तरफ से ‘मिस दीवा’ का खिताब जीतने में कामयाब रहीं. वैसे 2009 में महज 15 साल की उम्र में उर्वशी रौतेला ने सब से पहले ‘मिस टीन इंडिया’ का खिताब जीता था. 2 साल बाद ‘मिस एशियन सुपर मौडल’ और ‘मिस टूरिज्म क्वीन औफ द ईयर इंटरनैशनल’ का खिताब जीता था.
2012 में उर्वशी ने ‘मिस यूनिवर्स इंडिया’ का खिताब जीता, मगर उम्र के विवाद के कारण उन्हें इस खिताब से वंचित रहना पड़ा. यों तो अभिनेत्री के तौर पर बौलीवुड में उन्हें जो सफलता मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पाई लेकिन उन के इरादे बुलंद हैं. इन दिनों वे ‘सनम रे’, ‘द गे्रट ग्रैंड मस्ती’ और ‘अंबरसरिया’ फिल्मों को ले कर काफी उत्साहित हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के मुख्य अंश :
आप अपने यहां तक के सफर के बारे में बताइए?
सच कहूं तो मेरी जिंदगी में अब तक सबकुछ अपनेआप ही होता आया है. मैं कोटद्वार, उत्तराखंड की रहने वाली हूं. मेरे पिता बिजनैसमैन और मेरी मम्मी बिजनैस वूमन हैं. मेरे चाचा, मामा सब डाक्टर व इंजीनियर हैं. मैं साइंस स्टूडैंट रही हूं. मैं ने अच्छे स्कूलकालेज से पढ़ाई की, लेकिन बचपन से ही मैं डांस व ड्रामा में हिस्सा लिया करती थी.
मैं ने यह कभी नहीं सोचा था कि मुझे अभिनय में कैरियर बनाना है. मैं ने शेक्सपियर के कई नाटकों में अभिनय किया. इस के अलावा मैं स्पोर्ट्स में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती रही. मैं राष्ट्रीय स्तर की बास्केट बौल खिलाड़ी भी रही हूं. मैं ने 3 साल की उम्र में ही भरतनाट्यम और कत्थक डांस की बाकायदा ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. लेकिन मैं इंजीनियर बनने के बजाय अभिनेत्री बन गई.
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक ब्यूटी कौंटैस्ट जीतने वाली मैं एक मात्र भारतीय युवती हूं. 15 साल की उम्र में मैं ने ‘मिस टीन’ का खिताब जीता था. तभी से मेरे पास बड़ेबड़े बैनर्स की फिल्मों के औफर आने शुरू हो गए थे. इन फिल्मों में हिंदी के अलावा साउथ की फिल्में भी शामिल थीं. मैं ने तकरीबन 30 दक्षिण भारतीय फिल्मों के औफर ठुकराए हैं, क्योंकि तब मैं बहुत छोटी थी और मुझे पढ़ाई भी करनी थी.
मेरे मातापिता भी चाहते थे कि मैं पहले पढ़ाई पूरी करूं. 2009 से मैं लगातार कई खिताब हासिल करती आ रही हूं और 2011 में ‘इंडियन प्रीसैंस मिस एशियन सुपर मौडल’ चुनी गई. उस के बाद मैं दक्षिण कोरिया गई. वहां भी मैं ने कई खिताब जीते. दक्षिण कोरिया जाने वाली मैं पहली भारतीय लड़की थी.
मैं ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया. मेरे अभिनय कैरियर की पहली फिल्म ‘सिंह साहब द ग्रेट’ थी. इस से पहले 16 साल की उम्र में मुझे फिल्म ‘इश्कजादे’ का भी औफर मिला था, पर तब मैं ‘मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता’ में हिस्सा लेना चाहती थी. इस वजह से मैं ने यह फिल्म नहीं की थी. मुझे बौलीवुड व हौलीवुड में जैकी चैन के साथ फिल्मों में काम करने के औफर आए हैं. विदेशी मुझ से जब बौलीवुड के बारे में पूछते हैं तो मैं काफी अच्छा महसूस करती हूं. इस तरह मेरे कैरियर ने टर्न लिया, जिस के बारे में मैं खुद भी अच्छे से नहीं बता पाऊंगी.
अभिनय को कैरियर बनाने की बात आप के दिमाग में कब आई?
स्नातक की पढ़ाई पूरी होते ही मेरे पास अनिल शर्मा की फिल्म ‘सिंह साहब द ग्रेट’ का औफर आया तो मैं ने स्वीकार कर लिया. क्योंकि यह मेरे कैरियर की शुरुआत के लिए अच्छी फिल्म थी. इस फिल्म के बाद मैं ने सोनाक्षी सिन्हा के साथ अंतर्राष्ट्रीय म्यूजिक वीडियो ‘लव डोज’ में काम किया. गत वर्ष मैं कन्नड़ फिल्म में भी नजर आई थी. हाल ही में उन की फिल्म ‘सनम रे’ रिलीज हुई है, जबकि इस वर्ष हिंदी फिल्म ‘द गे्रट ग्रैंड मस्ती’ और पंजाबी फिल्म ‘अंबरसरिया’ रिलीज होंगी. बस, पहली फिल्म में काम करते ही मैं ने अभिनय को कैरियर बनाने के बारे में सोच लिया था.
आप को नहीं लगता कि बौलीवुड में जिस तरह से आप के कैरियर को आगे बढ़ना चाहिए था, उस तरह से नहीं बढ़ पाया?
मैं कछुए की चाल चल रही हूं. मुझे एकदम से शीर्ष पर पहुंचने की जल्दी नहीं है. मैं फिल्मों में अभिनय करने के साथसाथ मौडलिंग व सौंदर्य प्रतियोगिताओं में अब भी हिस्सा ले रही हूं. वैसे यदि मेरी पहली फिल्म ‘सिंह साहब द गे्रट’ बौक्स औफिस पर हिट हो जाती तो शायद मेरा कैरियर किसी अन्य मोड़ पर होता. यहां तो सबकुछ फिल्म की सफलता पर निर्भर करता है. बौलीवुड में बिना गौडफादर के इतनी सफलता मिलना या फिल्मों के औफर मिलना भी अपनेआप में बहुत बड़ी उपलब्धि है. उम्मीद है कि ‘सनम रे’ से मेरे कैरियर को गति मिलेगी.
फिल्म ‘सिंह साहब द गे्रट’ में तो आप ने अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के सनी देओल के साथ रोमांस किया था, जबकि अब आप लगभग हमउम्र पुलकित सम्राट के साथ रोमांस कर रही हैं?
फिल्म ‘सिंह साहब द ग्रेट’ करप्शन के मुद्दे पर आधारित ऐक्शन के साथ प्रेम कहानी वाली फिल्म थी, जिस में पतिपत्नी की प्रेम कहानी थी. इस फिल्म में मैं ने जिले के कलक्टर की पत्नी ‘मिनी’ का किरदार निभाया था. दूसरी बात, मेरा मानना है कि प्रेम में उम्र कोई माने नहीं रखती. मैं एक प्रोफैशनल कलाकार हूं.
तीसरी बात, हम फिल्म में किरदार निभाते हैं उस वक्त हमारे दिमाग में सामने कलाकार नहीं बल्कि फिल्म का पात्र होता है. फिल्म ‘सिंह साहब द गे्रट’ में मैं ने सनी देओल के साथ रोमांस करते हुए ऐंजौय किया था, तो वहीं फिल्म ‘सनम रे’ में मैं ने पुलकित सम्राट के साथ रोमांस करते हुए ऐंजौय किया.
फिल्म ‘सनम रे’ क्या है?
दिव्या खोसला कुमार निर्देशित यह एक रोमांटिक फिल्म है, जिस में मैं ने पुलकित सम्राट के साथ अभिनय कर ‘आकांक्षा’ का किरदार निभाया है.
चर्चा है कि ‘सनम रे’ के एक गाने में आप ने सारी सीमाएं पार करते हुए अति हौट सीन्स दिए हैं?
ऐसा बिलकुल नहीं है. इस फिल्म पुलकित सम्राट और मुझ पर एक रोमांटिक गाना है जिसे हम ने बहुत ज्यादा ठंड में फिल्माया था. इस गाने में मैं ने गुलाबी रंग की बिकिनी पहनी है, जिसे देख कर लोग इसे हौट गाना कह रहे हैं लेकिन मेरे लिए बिकिनी पहनना आम बात है और इस में कोई बुराई भी नजर नहीं आती. इसी तरह फिल्म के एक दृश्य में लोग मुझे शौवर के नीचे नहाते हुए देख सकेंगे. इस में भी कोई बुराई नहीं है. महानगरों में शौवर के नीचे खड़े हो कर नहाना तो आम बात है.
‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ को ले कर क्या कहेंगी?
यह एक एडल्ट कौमेडी फिल्म है. यह ‘मस्ती’ और ‘ग्रैंड मस्ती’ का सीक्वल है. इस में द्विअर्थी संवादों की भरमार है पर फिल्म अश्लील नहीं है. एक कलाकार के तौर पर मैं हर तरह की फिल्में करना चाहती हूं.
आप को लगता है कि बौलीवुड में सफलता के लिए खूबसूरत चेहरा होना जरूरी है?
मेरा मानना है कि खूबसूरती के बजाय टैलेंट को प्रमुखता दी जानी चाहिए. मैं चेहरे से बहुत खूबसूरत दिख सकती हूं, पर इस का यह मतलब नहीं कि मैं हर किरदार को परदे पर सही ढंग से निभा सकती हूं. मैं अपने सिद्धांतों के बल पर यहां कैरियर बनाने आई हूं, जब भी मेरे पास किसी फिल्म का औफर आता है तो मैं सब से पहले फिल्म की स्क्रिप्ट और अपने किरदार के बारे में जानना चाहती हूं.
फिल्म ‘भाग जौनी’ में आप एक आइटम सौंग में नजर आई थीं?
जी हां, मुझे आइटम नंबर करने में कोई समस्या नजर नहीं आती.
सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतने और अभिनय करने में आप क्या अंतर पाती हैं?
सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हम अपनेआप को सुंदरता के साथ पेश करते हैं जबकि अभिनय में हमें दूसरे पात्र को जीना होता है. हां, सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हमें देश के लिए लड़ना होता है. वहां एक दबाव होता है कि हमें अपने देश के लिए खिताब जीत कर लाना है, पर दोनों जगह ही हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. मैं ने तो दोनों को बहुत ऐंजौय किया है.
‘मिस दीवा 2015’ का खिताब आप के लिए क्या माने रखता है?
यह खिताब मेरे लिए बहुत माने रखता है. यों तो हर प्रतिस्पर्धा में कड़ा मुकाबला होता ही है पर ‘मिस दीवा 2015’ में प्रतिभाशाली युवतियों की संख्या बहुत ज्यादा थी. इसलिए इस में कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन इस खिताब को हासिल करने के बाद पूरे विश्व से मुझे जो संदेश मिले, उन से मेरा हौसला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया.
मगर 2015 में आप ‘मिस यूनिवर्स’ प्रतियोगिता से बाहर हो गईं?
इस का मुझे बेहद अफसोस है. ‘मिस यूनिवर्स’ का खिताब मेरे लिए बहुत महत्त्व रखता है. मैं हमेशा चाहती थी कि मुझे यह खिताब हासिल हो. हनी सिंह तो मुझे अकसर ‘मिस यूनिवर्स’ ही बुलाते हैं. सच यही है कि मैं ‘मिस यूनिवर्स’ बनना चाहती थी. 2012 में सुष्मिता सेन ने मुझे तैयार किया था. इस बार लारा दत्ता ने मुझे ‘मिस यूनिवर्स’ के लिए ग्रूम किया. मैं दोनों की ही बहुत इज्जत करती हूं.
आप सफल मौडल और अभिनेत्री हैं. ‘मिस दीवा 2015’ बनने के अनुभवों को ले कर क्या कहेंगी?
‘मिस दीवा 2015’ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बारे में मैं ने कभी नहीं सोचा था. मैं इस से पहले भी सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीत चुकी थी. कुछ प्रतियोगिताओं में कम उम्र के चलते मैं हिस्सा नहीं ले पा रही थी, पर मैं अपने देश के लिए हमेशा कुछ करना चाहती थी.
अब आप अपने व्यक्तित्व में क्या बदलाव पाती हैं?
कोई बदलाव नहीं आया. मेरा व्यक्तित्व तो पहले जैसा ही है. आज भी मुझे जोक्स सुनाना पसंद है. मगर अब मेरी जिम्मेदारियां जरूर बढ़ी हैं.
आप की जिंदगी में कोई है?
मैं सिंगल हूं. मगर जब भी मैं कहीं बाहर निकलती हूं, तो मैं अकेली कभी नहीं रहती, मेरे साथ मेरे कई दोस्त होते हैं. मुझे दोस्तों के साथ घूमने में आनंद आता है. जिस दिन मुझे प्यार करने योग्य कोई इंसान मिलेगा मैं सब को इस बारे में जरूर बताऊंगी.
निजी जिंदगी में आप किस तरह के राजकुमार की कल्पना करती हैं?
लंबे कद का, जिस में अच्छा सैंस औफ ह्यूमर हो और हमेशा मुझे हंसाता रहे.
आप के लिए प्यार के क्या माने हैं?
मेरे लिए प्यार ही सबकुछ है. जिंदगी जीने के लिए प्यार बहुत जरूरी है. आज मेरी पहली प्राथमिकता प्यार है. मुझे सिर्फ एक अच्छे जीवनसाथी की ही तलाश नहीं है बल्कि अपने परिवार के हर सदस्य और हर सहकलाकार से प्यार की चाहत है. फिलहाल मैं अकेली हूं. हर किसी के आकर्षण का केंद्र बन कर अच्छा लग रहा है. मेरा मानना है कि प्यार में सचाई होनी चाहिए.
आप की नृत्य की ट्रेनिंग अभिनय के क्षेत्र में कितनी मददगार साबित हुई है
नृत्य की ट्रेनिंग से मेरे अंदर आत्मविश्वास पैदा हुआ, अनुशासन आया. अभिनय में भी तो नृत्य है. कला की जितनी विधाएं हैं, उन सब का मिश्रण है अभिनय. नृत्य करते समय इमोशन आप की आंखों में आने चाहिए. अभिनय में कलाकार के लिए यही दोनों चीजें जरूरी हैं.
अपने को चुस्तदुरुस्त रखने के लिए क्या करती हैं?
मैं हमेशा हैल्दी फूड खाने की कोशिश करती हूं. साथ ही मैं ने रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने का नियम बनाया है. मैं हमेशा ऐक्सरसाइज भी करती हूं. मैं सभी युवतियों को यही सलाह देती हूं कि चुस्तदुरुस्त रहने के लिए डाइटिंग न करें.
एक तरफ बौलीवुड की फिल्में तो दूसरी तरफ सौंदर्य प्रतियोगिताएं. आप सबकुछ कैसे कर लेती हैं?
ये सब मेरे लिए आसान तो नहीं है, क्योंकि मेरे लिए दोनों ही अपनीअपनी जगह पर बहुत जरूरी हैं. मैं नहीं चाहती कि दोनों में से किसी पर भी कोई असर पड़े. मगर अपनी लगन के कारण दोनों चीजें मैं मैनेज कर पा रही हूं.
आप की तमन्ना क्या है?
मैं नहीं चाहती कि लोग मुझे एक स्टार की तरह पहचानें बल्कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरे बारे में कहें कि मैं अच्छा अभिनय कर सकती हूं.
किन कलाकारों के साथ काम करना चाहती हैं?
सलमान खान, आमिर खान और शाहरुख खान के साथ काम करने की तमन्ना है.
इन दिनों बौलीवुड में तमाम नए कलाकार आ रहे हैं. परिणामत: प्रतिद्वंद्विता भी बढ़ी है. आप इसे किस तरह से देखती हैं?
मुझे कोई चिंता नहीं है. मैं खुद को किसी प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा नहीं मानती. मैं कोई अपेक्षा ले कर इस इंडस्ट्री के साथ नहीं जुड़ी हूं. मैं कभी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देती कि दूसरे कलाकार क्या कर रहे हैं? मैं सिर्फ अपना काम करने में यकीन रखती हूं.
आप ने अब तक सब से बड़ी बात क्या सीखी?
मैं ने सीखा कि आगे बढ़ने के लिए आप के अंदर कमिटमैंट, पैशन और कड़ी मेहनत करने का इरादा होना चाहिए तभी हम पूरी दुनिया को जीत सकते हैं.
कुछ लोग मानते हैं कि फिल्म का समाज पर असर नहीं होता?
गलत, मैं ऐसा नहीं मानती. जब मैं फिल्म देखती हूं तो मुझ पर भी उस का असर पड़ता है, ‘भाग मिल्खा भाग’ देखने के बाद मैं बहुत इमोशनल हो गई थी.