सूचना और तकनीक के इस दौर में कंप्यूटर और इंटरनैट मानव जीवन के अभिन्न अंग बन गए हैं. आज जहां सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का इस्तेमाल हो रहा है वहीं नई नई तकनीक के आगमन ने उपभोक्ता को अपनी ओर आकर्षित किया है. हमारे देश में स्मार्टफोन का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है और इसी वजह से हालिया वर्षों में इंटरनैट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. फेसबुक, व्हाट्सऐप, वीचैट, लाइन और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के जरिए लोग आपस में आसानी से जुड़ रहे हैं.

इन सब के चलते इन दिनों साइबर क्राइम की घटनाओं में भी काफी इजाफा हो रहा है. आएदिन समाचारपत्रों में हैकिंग से संबंधित खबरें जहां चिंता का विषय हैं वहीं इन की वजह से युवाओं और टीनएजर्स में हैकिंग के प्रति उत्सुकता भी बढ़ी है.

क्या है हैकिंग

वास्तव में किसी कंप्यूटर अथवा नैटवर्क की सुरक्षा को भेद कर अनधिकृत रूप से घुसपैठ करना ही हैकिंग है. हैकिंग की दुनिया काफी रोमांचकारी है और अन्य क्षेत्रों की तरह इस के भी कई सफेदसियाह पहलू हैं. जहां एक ओर एथिकल हैकर्स बड़ीबड़ी इंटरनैट कंपनियों और सरकारी संस्थानों के लिए काम करते हैं, वहीं दूसरी ओर ब्लैक हैट हैकर्स लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए नएनए तरीके ईजाद करते रहते हैं.

गौरतलब है कि इंटरनैट के इस युग में कोई सामान्य कंप्यूटर यूजर भी हैकर बन सकता है. और तो और गूगल तथा फेसबुक जैसी नामी कंपनियां हैकर्स को काफी उम्दा पैकेज औफर करती हैं. एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में अब रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. एक अच्छा हैकर बनने और इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है :

रुचि

किसी भी क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए उस क्षेत्र में रुचि होना नितांत आवश्यक है. हैकिंग के क्षेत्र में अपनी गहरी पैठ बनाने के लिए हैकर्स को नितनई तकनीक तथा उस की कार्यप्रणाली से अवगत होना पड़ता है. हैकर्स लगातार इस जुगाड़ में रहते हैं कि अति सुरक्षित कंप्यूटर प्रणाली में घुसपैठ कैसे की जाए. प्रोफैशनल हैकर्स दिनरात इंटरनैट पर हैकिंग सौफ्टवेयर और ट्रिक्स की खोज करते रहते हैं. साथ ही वे अपने सहकर्मी हैकर्स के साथ भी गुपचुप तरीके से सूचनाओं का आदानप्रदान करते हैं.

ब्रेन

यदि आप दुनिया के नामीगिरामी हैकर्स पर नजर दौड़ाएं तो आप एक चीज कौमन पाएंगे कि सभी हैकर्स प्रतिभाशाली और रचनात्मक होते हैं. कंप्यूटर के क्षेत्र में नितनई तकनीक अस्तित्व में आती हैं. हैकर अपने ज्ञान और बुद्धि के बल पर इन में छिपी खामियों का पता लगाता है. हजारोंलाखों डौलर खर्च कर बनाए गए सौफ्टवेयर और प्रोग्राम में तकनीकी खामी होना कतई सामान्य बात नहीं है. इस के बावजूद हैकर्स इन में मौजूद खामी ढूंढ़ ही लेते हैं.

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज

वास्तव में प्रत्येक डिजिटल कंप्यूटर बाइनरी अंकपद्धति पर आधारित होता है अर्थात कंप्यूटर सिर्फ ‘0’ और ‘1’ की भाषा को समझता है, लेकिन हम मनुष्यों की बोलचाल की भाषा कंप्यूटर की भाषा से एकदम भिन्न है. इस समस्या से नजात पाने के लिए ही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का विकास किया गया. प्रमुख प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जावा, सी, सी++, कोबोल, पाइथन हैं. आमतौर पर कंप्यूटर हैकर्स इन सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज के अच्छे जानकार होते हैं. इस के पीछे वजह यह है कि हैकर्स जिन वैबसाइट्स और सौफ्टवेयर्स को हैक करते हैं, उन का निर्माण इन्हीं प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज की मदद से होता है. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि फेसबुक के निर्माण में सी नामक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग हुआ है.

हैकिंग बुक्स

यह तो सर्वविदित है कि पुस्तकें ज्ञान का अथाह भंडार होती हैं. सभ्यता के विकास में पुस्तकों के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. आज जहां बाजार में विभिन्न विषयों पर अनेकानेक पुस्तकें उपलब्ध हैं वहीं इंटरनैट के आगमन के पश्चात डिजिटल रूप में भी पुस्तकें सर्वसुलभ हो गई हैं. अब इंटरनैट से किसी भी विषय से संबंधित पुस्तक को सीधे कंप्यूटर अथवा स्मार्टफोन में डाउनलोड किया जा सकता है.

इंटरनैट पर हैकिंग से संबंधित कई पुस्तकें उपलब्ध हैं जिन्हें पीडीएफ फाइल की सहायता से पढ़ा जा सकता है. इन पुस्तकों की मदद से हैकिंग से संबंधित आधारभूत बातें आसानी से सीखी जा सकती हैं. अंडरग्राउंड हैंडबुक, हैकिंग फौर डमीज, सोशल इंजीनियरिंग : द आर्ट औफ ह्यूमन ऐक्सप्लौइटेशन, जीमेल हैकिंग, हैकर्स हाईस्कूल आदि कुछ प्रमुख हैकिंग ईबुक्स हैं जिन की आप मदद ले सकते हैं.

गूगल सर्च इंजन

विश्वप्रसिद्ध सर्च इंजन गूगल का इस्तेमाल इंटरनैट पर मौजूद किसी भी विषयवस्तु की खोज के लिए किया जाता है. गूगल कई तरह से हैकिंग सीखने में मददगार साबित हो सकता है. आप गूगल के जरिए उन समस्याओं के हल प्राप्त कर सकते हैं जिन्हें सुलझाना आप के लिए मुमकिन न हो. हैकिंग सीखने के दौरान कई बार आप को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. कई बार आप की उलझनों को सुलझाने के लिए कोई मददगार नहीं मिलता, ऐसे में गूगल आप की मदद कर सकता है. विदित हो कि हैकिंग सीखने के दौरान आप जिन समस्याओं का सामना करेंगे, वे पहले भी मौजूद थीं और उन का समाधान भी ढूंढ़ा जा चुका है. इसलिए आप को सिर्फ उन समाधानों की खोज करनी है और इस के लिए आप बेहिचक गूगल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

हैकिंग वैबसाइट्स

वैब क्रांति के वर्तमान दौर में वैबसाइट्स अहम भूमिका निभा रही हैं. आज विभिन्न विषयों पर अलगअलग वैबसाइट्स मौजूद हैं, जिन का एक बड़ा पाठक वर्ग है. ब्लौगर और वर्डप्रैस के आगमन के बाद तो किसी भी सामान्य इंटरनैट यूजर के लिए ब्लौग और वैबसाइट का निर्माण करना काफी आसान हो गया है. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई ऐसे हैकर्स मौजूद हैं जो इन वैबसाइट्स के जरिए अपने अनुभवों और जानकारियों को शेयर करते हैं. उन को दी ये जानकारियां भी हैकिंग सीखने का प्रभावी माध्यम हैं. कुछ प्रमुख हैकिंग वैबसाइट्स हैं, कूल हैकिंग ट्रिक डौट कौम, अमेजिंग हैकिंग ट्रिक्स डौट कौम, गो हैकिंग डौट कौम, हैकर्स औनलाइन क्लब डौट कौम.

औपरेटिंग सिस्टम

औपरेटिंग सिस्टम एक कंप्यूटर और कंप्यूटर यूजर के बीच की कड़ी का काम करता है. आमतौर पर हम माइक्रोसौफ्ट द्वारा निर्मित विंडोज औपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करते हैं. विंडोज औपरेटिंग सिस्टम होम, औफिस, मनोरंजन और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, लेकिन अगर आप हैकिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो विंडोज औपरेटिंग सिस्टम आप की जरूरतों पर खरा नहीं उतरता. यही वजह है कि अधिकतर पेशेवर हैकर्स काली लिनक्स औपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करते हैं.

काली लिनक्स एक मुफ्त और ओपन सोर्स औपरेटिंग सिस्टम है, जिसे इंटरनैट से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. काली लिनक्स औपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह से हैकर्स को ध्यान में रख कर विकसित किया गया है. इस औपरेटिंग सिस्टम में मौजूद सौफ्टवेयर और टूल्स की मदद से मोबाइल हैकिंग, फेसबुक हैकिंग, वाईफाई हैकिंग, नैटवर्क हैकिंग, वैबसाइट हैकिंग और हार्डवेयर हैकिंग से संबंधित औपरेशंस को अंजाम दिया जा सकता है. दुनिया के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने का कोई शौर्टकट नहीं है. परिश्रम, धैर्य, बुद्धि और ज्ञान जैसे कारक ही व्यक्ति को सफल और श्रेष्ठ बनाते हैं. हैकिंग का क्षेत्र भी इस का अपवाद नहीं है. एक हैकर के लिए देर रात तक कंप्यूटर पर काम करना काफी सामान्य बात है. ऐसे में एक हैकर के पास धैर्य और इंतजार करने की क्षमता का होना नितांत आवश्यक है, क्योंकि कई बार पासवर्ड ब्रेक करने में कई घंटे, कई दिन तक लग जाते हैं. हकीकत में आज एक सामान्य इंटरनैट यूजर भी आसानी से मास्टरमाइंड हैकर बन सकता है. कई प्रोफैशनल संस्थान तो बाकायदा एथिकल हैकिंग का प्रशिक्षण और सर्टिफिकेट भी प्रदान करते हैं. इन संस्थानों की मदद से एथिकल हैकिंग में दक्षता हासिल की जा सकती है.

एथिकल हैकर्स के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. टैक्नोलौजी के क्षेत्र में कार्यरत सभी कंपनियां अपने संवेदनशील डाटा की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकर्स को जौब प्रदान करती हैं. एथिकल हैकर्स कंपनी की अनुमति से डाटाबेस में घुसपैठ करते हैं और सिस्टम में मौजूद बग को फिक्स करते हैं, जिस से कोई ब्लैक हैट हैकर डाटा को चुरा नहीं सकता. साथ ही, बैंक, सरकारी एजेंसियां, पुलिस और प्राइवेट फर्में भी एथिकल हैकर्स को आकर्षक पैकेज पर जौब प्रदान करती हैं.    

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