क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है. इसलिए इस खेल को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है. इस खेल में अंत तक कुछ भी कह पाना नामुमकिन है. आखिरी गेंद में क्या हो जाए, ये कोई भी नहीं जानता. और इसी क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसे देखने के बाद आप इस बात से पूरी तरह सहमत हो जाएंगे.

क्रिकेट मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आम तौर पर किसी एक खिलाड़ी को ‘मैन औफ द मैच’ का खिताब दिया जाता है, लेकिन क्रिकेट इतिहास में कुछ मैच ऐसे भी हुए हैं जब किसी एक, दो या तीन खिलाड़ी को नहीं, बल्कि पूरी टीम को ‘मैन औफ द मैच’ दिया गया. जी हां, ऐसा एक नहीं दो मैचों में हो चुका है. पहला पाकिस्तान और इंगलैंड के बीच खेले गए एक दिवसीय मैच में और दूसरा दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए टेस्ट मैच में.

1 सितंबर 1996 को पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में पाकिस्तान की जीत के बाद उसके सभी 11 खिलाड़ियों को ‘मैन औफ द मैच’ का अवार्ड दिया गया और इसी वजह से ये मैच आज तक खास बना हुआ है.

इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने 50 ओवर में 246 रन बनाए, जिसका पीछा करते हुए पाकिस्तान ने 49.4 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर जीत हासिल कर ली. 5 पाकिस्तानी बल्लेबाजो ने 29 से 61 के बीच रन बनाए.

इस मैच की एक खासियत यह भी थी कि दोनों ही टीमों के किसी भी एक खिलाड़ी का प्रदर्शन बहुत शानदार नहीं रहा था. इसी वजह से किसी एक खिलाड़ी को ‘मैन औफ द मैच’ के लिए चुनना चयनकर्ताओं के लिए बहुत मुश्किल काम था. इसलिए एक खिलाड़ी की बजाय पूरी टीम को ही ‘मैन औफ द मैच’ दे दिया गया. वैसे इसमें कुछ ऐसे खिलाड़ी भी शामिल थे, जिनका प्रदर्शन बेहद खराब था.

15 जनवरी, 1999 को दक्षिण अफ्रीका और वेस्‍टइंडीज के बीच पांचवां और आखिरी टेस्‍ट मैच खेला गया. इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने वेस्‍टइंडीज को 351 रनों से पराजित कर 5-0 से यह सीरीज अपने नाम किया. इस मैच में सभी दक्षिण अफ्रीकी खिलाडियों को मैन औफ द मैच और मैन औफ द सीरीज कैलिस को चुना गया था. उस समय के दक्षिण अफ्रीकी कप्‍तान हैंसी क्रोनिये ने कहा था कि ये पूरी टीम के योगदान से जीत मिली है. इसलिए सभी को ये अवार्ड मिलना चाहिए.

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