मैं 28 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 1 वर्ष हुआ है. समस्या यह है कि मुझे सैक्स संबंध बनाने से डर लगता है. पति मेरी समस्या को समझते हैं और मेरे साथ सहयोग करते हैं. मैं जानती हूं कि यह गलत है पर न जाने क्यों मुझे सैक्स के दौरान होने वाले दर्द से डर लगता है. क्या यह सेफ सैक्स होगा? कहीं ज्यादा ब्लीडिंग तो नहीं होगी? जैसे डर की वजह से मैं पति के साथ सैक्स संबंध बनाने से डरती हूं. क्या मेरा यह डर बेवजह है? समस्या का समाधान करें.

आप की जैसी समस्या कई महिलाओं को होती है. कई महिलाओं में यह डर दर्द का, किसी को अधिक ब्लीडिंग का तो किसी को अन्य किसी तरह की तकलीफ होने की शंका का होता है. इस के अलावा कई महिलाओं को उत्तेजना भी नहीं होती. वहीं कुछ महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट के प्रति इतनी इनसिक्योर होती हैं कि संक्रमण से डरती हैं. लेकिन ये सभी डर समय के साथ समाप्त हो जाते हैं.

जहां तक सैक्स संबंध बनाते समय दर्द की बात है, वह वेजाइनल व पेनिस की ड्राइनैस की वजह से होता है. इस से बचने के लिए सैक्स संबंध बनाने से पूर्व फोरप्ले करें. आप अपने मन में पहले से सैक्स के प्रति बैठे मिथकों को दूर करें. इस के लिए चाहें तो सैक्स काउंसलर से भी मिलें. सैक्स संबंध एक नैचुरल प्रक्रिया है, इसे बिना किसी भ्रांति के, बिना डरे एंजौय करें. कई बार इस का कारण बचपन में किसी परिचित या अपरिचित की कोई कुचेष्टा भी होती है जिस से मन में डर बैठ जाता है.

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मैं 32 वर्षीय विवाहित महिला हूं, 4 माह की गर्भावस्था है. पति चाहते हैं कि हम इस दौरान भी सैक्स संबंध बनाएं. मैं डरती हूं. क्या इस दौरान संबंध बनाना उचित होगा? कहीं इस से होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर तो कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा? गर्भावस्था के दौरान अगर सैक्स संबंध बनाने हों तो किनकिन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जानकारी दें.

आम महिला की तरह गर्भावस्था में सैक्स से जुड़ा आप का डर वाजिब है. अधिकांश माएं इस दौरान सैक्स संबंध बनाने से डरती हैं क्योंकि उन्हें लगता है इस से उन के होने वाले शिशु को नुकसान हो सकता है. कुछ स्थितियों को छोड़ कर आप गर्भावस्था के दौरान सैक्स कर सकते हैं. अगर आप को पेट में किसी प्रकार का दर्द या ऐंठन हो, पहले कभी गर्भपात हुआ हो, पहले कभी प्रीमैच्योर डिलीवरी हुई हो या योनि से अधिक रक्तस्राव होने आदि स्थिति में सैक्स न करें.

अगर थकावट या चक्कर आने जैसी स्थिति महसूस हो तो भी सैक्स न करें. सामान्यतया डाक्टर गर्भावस्था के प्रारंभिक 2 महीने और गर्भावस्था के अंतिम 1 महीने में सैक्स से दूर रहने की सलाह देते हैं. लेकिन अगर शिशु व मां पूरी तरह स्वस्थ हैं तो चिकित्सक से सलाह ले कर सही सैक्स पोजीशन अपनाकर सैक्स संबंध बनाए जा सकते हैं.

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मैं 18 वर्षीय कालेज में पढ़ने वाली छात्रा हूं. पिछले दिनों फेसबुक पर मेरी दोस्ती एक लड़के से हुई. शुरूशुरू में हम दोनों के बीच औपचारिक बात होती थी, बाद में हमारे बीच खुल कर बात होने लगी. हम दोनों जब भी खाली होते, चैटिंग करते. मुझे उस से बात करना अच्छा लगता था. लेकिन अचानक उस लड़के ने मुझ से चैटिंग करनी बंद कर दी. मैं ने जानने की कोशिश की तो उस ने कोई वाजिब जवाब नहीं दिया. मुझे उस का यह व्यवहार अजीब लगा. फिर अचानक उस ने बात करनी शुरू कर दी है. मैं तय नहीं कर पा रही हूं कि उस से बातचीत जारी रखूं या उस से नाता तोड़ लूं. मैं उसे खोना भी नहीं चाहती और उस के व्यवहार के कारण दुखी भी नहीं होना चाहती. क्या करूं, सलाह दीजिए.

अगर वह लड़का आप के पूछने के बाद भी आप से बात न करने, दूरी बनाने का कारण नहीं बताना चाहता तो आप जबरदस्ती न करें. दरअसल, फेसबुक पर होने वाली चैटिंग मात्र आकर्षण है जिसे अधिकांश युवा प्यार समझने की भूल कर बैठते हैं और उस के पीछे अपने वास्तविक लक्ष्य से भटक जाते हैं. वह लड़का आप की भावनाओं से खेल रहा है, आप के साथ टाइमपास कर रहा है. आप उस से बात करना बंद कर दें. शुरुआती दौर में यह आप के लिए थोड़ा कठिन होगा लेकिन धीरेधीरे आप उसे भूल जाएंगी. आप जितनी जल्दी उस से दूरी बना लेंगी, आप के लिए अच्छा होगा. इस समय आप के लिए फेसबुक से ज्यादा जरूरी आप का कैरियर है, उस ओर ध्यान दें. इसी में आप की भलाई है.

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मैं और मेरा बौयफ्रैंड एकदूसरे को बेहद प्यार करते हैं और विवाह करना चाहते हैं लेकिन हमारे परिवार वाले मांगलिक दोष को ले कर विवाह में समस्या पैदा कर रहे हैं. कृपया इस दोष का कोई समाधान बताएं. हालांकि हम दोनों इन बातों में विश्वास नहीं करते हैं लेकिन घर वालों को कैसे समझाएं? उपाय बताएं.

वैवाहिक मामलों में मांगलिक दोष जैसी अड़चनें पंडितपुजारियों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए गढ़ी जाती हैं. कई बार तो परिवार वाले जिस रिश्ते के लिए राजी नहीं होते, उस के लिए वे पंडितों से कहलवा कर रिश्ते जुड़ने में इस तरह से अड़चनें पैदा करते हैं. ये सब पंडितों द्वारा लोगों को गुमराह कर के पैसा ऐंठने का जरिया मात्र है. विवाह की सफलता या असफलता पतिपत्नी की आपसी समझ और सामंजस्य पर निर्भर करती है न कि व्यर्थ के अंधविश्वासों पर. आप अपने घर वालों को इस सच से अवगत कराएं और बिना किसी वहम के विवाह कर के वैवाहिक जीवन की शुरुआत करें.  

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