कहतें हैं मुझको हवा हवाई से तो आप समझ ही गए होंगे की हम किस अभिनेत्री के बारे में बात कर रहे हैं, बौलीवुड की नम्बर वन श्रीदेवी, ऐसी अदाकारा जिसके बारे में जितना कहा जाए उतना कम ही लगता है, बौलीवुड में जहां अभिनेत्रियां सिर्फ शो केस की तरह पेश की जाती थी, वही श्रीदेवी ने अपनी एक्टिंग से यह साबित कर दिया की हीरोइन भी फिल्म में मुख्य किरदार होती हैं.

श्रीदेवी ने चार साल की उम्र से ही एक्टिंग करना शुरू कर दिया था, साउथ की फिल्मों में उन्होंने बाल कलाकार के रुप में काम किया और फिर अभिनेत्री बन गईं, बौलीवुड में उनकी एंट्री भी उन्हीं की तेलगू फिल्म के हिन्दी रिमेक से हुई. फिल्म सोलवा सावन सिनेमाघरों में तो नहीं चली और ना हीं किसी ने श्रीदेवी को नोटिस किया. हालकि श्रीदेवी ने इस फिल्म के पहले फिल्म जूली में छोटी बहन का किरदार निभा चुकी थी.

आखिर वह वक्त आया जब श्रीदेवी फिल्म हिम्मतवाला से सही तरीके से लौंच हुई.  इस फिल्म में जितेंद्र उनके अभिनेता थे. फिल्म सुपर हिट रही बल्कि फिल्म से ज्यादा जीतेंद्र और श्रीदेवी के स्टेप प्रसिद्ध हुए. इसके बाद तो यह जोड़ी तोहफा, मवाली, मशाल, जस्टिस चौधरी जैसी एक के बाद एक हिट फिल्में देती नजर आई.

वैसे श्रीदेवी की फिल्म हिम्मतवाला की रिलीज के बाद फिल्म सदमा जिसमें उन्होंने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई थी, जिसका दिमांगी संतुलन बच्चों जैसा था, फिल्म ने बौक्स औफिस पर अच्छा बिजनेस तो किया ही साथ ही श्रीदेवी लोगों की पसंदीदा अभिनेत्री भी बन गई. श्रीदेवी की लगातार हिट फिल्मों से उस दौर की दूसरी हीरोइन की डिमांड कम हो रही थी.

श्रीदेवी ही एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्हें बौलीवुड में फिमेल अमिताभ का नाम दिया गया, क्योंकि जिस तरह अभिताभ बच्चन के नाम पर फिल्में चलती थी, उसी तरह जिस फिल्म में श्रीदेवी हो तो सिनेमा घरों का हाउस फुल होना ही है. उनकी एक्टिंग डांसिंग और खास कर चेहरे के हाव भाव वह जिस तरीके से अपने आंखों के साथ खेलती थीं की बस देखने वाले देखते रह जाते थे.

श्रीदेवी के जीवन में यश चोपड़ा का भी अहम रोल है. चांदनी और लम्हे ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा दिया जहां शायद आज तक कोई अभिनेत्री नहीं पहुच पाई. चांदनी सुपर हिट रही पर लम्हे जो एक अलग कहानी थी. जनता को यह फिल्म रास नहीं आई पर श्रीदेवी को दोनों ही फिल्मों से काफी फायदा हुआ.

श्रीदेवी का ऐसा दौर भी आया जब उनका ग्राफ नीचे की और लुढ़कने लगा. खुदा गवाह,  गुमराह, हीर रांझा, जैसी फिल्मों के फ्लौप होने से प्रेस ने लिखना शुरू कर दिया कि अब श्रीदेवी की नंबर 1 की पोजीशन नहीं बच सकती, पर बोनी कपूर निर्देशित फिल्म जुदाई रिलीज हुई और उनकी एक्टिंग देख श्रीदेवी ने अपनी नंबर 1 पोजीशन बरकरार ही नहीं रखी, बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया की उन्हें यहां से कोई नही हटा सकता.

वैसे श्रीदेवी की जिंदगी में कई ऐसे दौर भी आए जब उनके और मिथुन चक्रवती के रिश्ते अखबारों की सुर्खियां बनें. कहा जाता है की श्रीदेवी मिथुन के साथ फिल्म ‘जाग उठा इंसान’ में काम कर रही थी, और इसी फिल्म के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा. सुनने में ये भी आया  कि मिथुन ने श्रीदेवी के साथ चुपके से शादी भी कर ली थी, उस वक्त मिथुन पहले से ही योगिता बाली के साथ शादी कर चुके थे और जब मिथुन श्रीदेवी की खबर योगिता तक पहुंची तो वह खुदकुशी करने वाली थीं, इस वजह से मिथुन श्रीदेवी से अलग हो गए.

फिर श्रीदेवी का नाम अमिताभ के साथ भी जुड़ा. लेकिन श्रीदेवी की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब उनकी फिल्में बौक्स औफिस पर फ्लौप होती जा रही थी. फिर उनकी जिंदगी में आए बोनी कपूर, अभी तक सिर्फ बोनी ही श्रीदेवी से एकतरफा प्यार करते थे. बोनी ने श्रीदेवी को अपने घर में ही पनाह दी थी. यह कहकर की श्रीदेवी उनकी मुंहबोली बहन हैं. यहां तक कि श्रीदेवी ने बोनी की पत्नी के सामने उन्हें राखी भी बांधी थी. मोना कपूर को उस वक्त झटका लगा जब श्रीदेवी गर्भवती हुईं, तब जाकर उन्हें बोनी और श्रीदेवी के संबंधों के बारे में पता चला और आखिरकार बोनी और श्रीदेवी ने शादी रचा ली. आज श्रीदेवी अपनी दो बेटियों जान्हवी और खुशी के साथ खुशियों के साथ रह रही हैं.

श्रीदेवी को 2013 में पद्मश्री से नवाजा गया. श्रीदेवी को करीब पांच बार फिल्मफेयर अवौर्ड प्रदान किया गया है. श्रीदेवी ने हिन्दी फिल्मों में ही अवौर्ड अपने नाम नहीं किए, ‍‍तमिल, तेलगू, मलयालम, केरला, आंध्र प्रदेश की फिल्मों से भी अवौर्ड अपने नाम करती रही हैं.

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