छोटे पर्दे पर अनोखी और चुलबुली अदाकारा के रूप में जानी जाने वाली डेलनाज ईरानी कभी अपने इमेज को बदलना नहीं चाहती हैं. यही वजह है कि उन्होंने हमेशा हंसती मुस्कराती हुई भूमिका निभाई. मुंबई के पारसी परिवार में जन्मी डेलनाज अपने काम से हमेशा संतुष्ट रहती हैं.

90 के दशक से बाबा सहगल के एक म्यूजिक वीडियो से डेलनाज ने अभिनय की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में कौमिक रोल किये, साथ ही कई टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया. धारावाहिक ‘परिवर्तन’ के दौरान डेलनाज और अभिनेता राजीव पाल मिले, प्यार हुआ और फिर शादी की, लेकिन उनकी शादी-शुदा जिन्दगी अधिक दिनों तक नहीं चली और 14 साल के बाद उन दोनों ने तलाक ले लिया.

इन दिनों डेलनाज फिल्मों और छोटे पर्दे के अलावा वेब सीरीज में भी काम कर रही है. उन्हें हर नया काम और उसमें आई चुनौती को लेना पसंद है. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं.

वेब सीरीज में काम करने की वजह क्या थी?

मैंने टीवी, फिल्म, शौर्ट फिल्म आदि सब में काम किया है, लेकिन जब वेब सीरीज की बात आई तो मुझे लगा कि मैं इस फील्ड में भी काम करूं, क्योंकि आजकल डिजिटल का माध्यम बहुत बढ़ गया है. फिल्म और टीवी पर जो हम नहीं दिखा सकते, उसे वेब सीरीज पर दिखाया जा सकता है. इसकी कहानी मेरे दिल को छू गयी और मैं खुद किसी भी तरह के काम को करना पसंद करती हूं. मुझे कभी गट्स फीलिंग नहीं होती.

‘वर्जिन वुमन डायरीज’ का विषय बोल्ड और अच्छा है. इसमें मैंने एक टीनएजर लड़की की मां की भूमिका निभाई है. जो बहुत ही पारंपरिक विचार रखती है. बेटी माता-पिता का सम्मान करती है, लेकिन उसकी अपनी इच्छाएं है, जिसे वह पूरा करती है. इसके अलावा इसमें कई और सामाजिक पहलुओं पर भी संदेश दिया गया है, मसलन पीरियड्स होने पर कोई लड़की मंदिर क्यों नहीं जा सकती, कपड़े अपने मर्जी से क्यों नहीं पहन सकती आदि पता नहीं कितने ही बातों पर मनाही केवल लड़कियों के लिए होती है, जबकि लड़कों को किसी भी बात से मना नहीं किया जाता. ऐसे सवाल आज की लड़कियों में आते हैं, लेकिन माता-पिता उन्हें तार्किक उत्तर नहीं दे पाते. ऐसी ही बातों का समाधान इसमें दिखाया गया है.

अभिनय में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

कभी सोचा नहीं था कि अभिनय करूंगी. कालेज में केवल थिएटर किया करती थी. मुझे टीचर बनने का शौक था. कालेज की पढाई खत्म करने के बाद उसे भी कर लिया, क्योंकि औफर अच्छा था, लेकिन इस काम में बहुत अधिक संतुष्टि नहीं मिल रही थी, फिर भी मैंने दो साल तक पढ़ाने का काम किया और जब मौका मिला तो एक्टिंग में आ गयी.

कौमेडी में कैसे आ गयीं?

मुझे हमेशा से ह्यूमर पसंद है और उसे एन्जौय भी करती हूं. कौमेडी में टाइमिंग सही होना जरूरी होता है और इसके लिए मुझे सभी बड़े-बड़े कलाकारों का साथ मिला. इससे कौमेडी करना आसान हो गया. दर्शकों को भी मेरा चुलबुली और भोलापन वाला रूप काफी पसंद आया और मैंने एक के बाद एक धारावाहिक करते हुए 20 साल बिता दिए. ऐसे में कुछ नया करने के लिए मैं वेब सीरीज में उतरी हूं, लेकिन धारावाहिक में भी काम करती रहूंगी.

अपनी यात्रा को कैसे देखती हैं?

यात्रा अच्छी रही, बहुत अधिक मैंने कभी कुछ सोचा नहीं था, इसलिए जो भी काम मिला, उसे दिल से करती गयी. इससे मुझे ‘ग्रो’ करने का मौका मिला. जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती गयी वैसे-वैसे मेरी भूमिका भी बदलती गयी और मैंने उसे ही स्वीकार कर लिया. अभी मुझे आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की मां बनने की इच्छा है. मेरे हिसाब से हर एक कलाकार को अपनी गियर बदलने की जरुरत उम्र के साथ होती है.

इंडस्ट्री के बदलाव को कैसे देखती हैं?

बहुत बदलाव नहीं आया है. समय बदला है, इसलिए आज का विषय बदला है, पर बहुत कुछ और बदलने की जरुरत है. समाज और परिवार की सोच को बदलने की दिशा में काम कम हो रहा है. वहीं 12 घंटे का काम टीवी के लिए लगातार चल रहा है, लेकिन वहां की हाईजीन, खाने-पीने में बदलाव होने की आवश्यकता है.

पहले जो टीवी का माहौल था, वह अब नहीं है. तब एक विषय को अच्छी तरह से सोच समझकर पर्दे पर लाया जाता था. अब ‘फीलगुड’ वाला फैक्टर गायब हो गया है. कमाने की जल्दी है. मेरे बारे में भी लोगों ने कहा कि बौडी हैवी है, क्या काम मिलेगा, मुझे सीमित भूमिकाएं मिली, लेकिन दर्शकों ने इसे भी पसंद किया. फिल्म ‘कल हो न हो’ में मेरी बहुत छोटी भूमिका होने के बावजूद मुझे सबने मुझे नोटिस किया. मैं स्पष्टभाषी हूं, डिप्लोमेटिक जवाब नहीं दे सकती, यही शायद मेरे अंदर कमी है.

आपकी शादी टूट गयी, कितना मानसिक तनाव था? किसका सहयोग आपको अधिक मिला?

जब मैं राजीव से मिली थी, सब अच्छा हुआ था, लेकिन अब जब हम अलग हो गए हैं, तो इससे भी मैं संतुष्ट हूं. जो जीवन में होता है, उससे आपको सीख मिलती है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है. हम दोनों सोच समझकर अलग हुए थे, इसलिए कोई मानसिक तनाव नहीं था. इसके अलावा मैं मानसिक रूप से बहुत मजबूत हूं. मानसिक संघर्ष इस बात से थी कि मेरे पिता का भी देहांत तब हो गया था. दुःख किसे कहते हैं वह पता चला, लेकिन तभी मेरे जीवन में पर्सी कर्कारिया आये. उनकी और मेरी सोच में काफी समानता है. वे मेरे रियल सोलमेट्स हैं. उनके साथ शादी होने वाली है. वे एक इंडियन म्यूजिक डी जे हैं और इवेंट मैनेज करते हैं. इसके अलावा परिवार में मम्मी, पापा मेरे भाई और दोस्तों का काफी सहयोग था. पर्सी मेरी कमजोरी और ताकत दोनों ही हैं.

अभिनय के अलवा और क्या करना पसंद करती हैं?

मुझे संगीत सुनना, डांस करना, किताबे पढ़ने का शौक है. ट्रेवलिंग करना पसंद है, पर मुझे लम्बी दूरी की फ्लाइट्स से डर लगता है. इसलिए आस-पास की जगहों में घूम लेती हूं.

महिलाओं के लिए क्या संदेश देना चाहती हैं?

मुझे महिलाओं से कहना है कि वे अपनी लड़कियों की शिक्षा पूरी करवाएं. अपनी इच्छाएं, सोच और विचारधाराओं को कभी न छोड़े. सकारात्मक सोच बनाये रखें, अपनी कमजोरी को हमेशा अपने से दूर रखें. मैं बचपन से मोटी थी, और इसे दूर करना संभव नहीं था. ऐसे में मैंने इसे सकारात्मक रूप में लिया और इसे ही अपनी शक्ति बनाई.

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