टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद को लेकर वीरेंद्र सहवाग ने मौजूदा कोच रवि शास्त्री और भारतीय कप्तान विराट कोहली पर निशाना साधा है. सहवाग ने कहा है कि बीसीसीआई में उनकी कोई सेटिंग नहीं थी, इसलिए वह मुख्य कोच नहीं बन पाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह दोबारा कोच पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे.
कोच की दौड़ में सहवाग को रवि शास्त्री से हार का सामना करना पड़ा था. शास्त्री, कप्तान विराट कोहली की पसंद थे. हालांकि, क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली इस फैसले के सख्त खिलाफ थे.
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इस पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘देखिए, मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया, क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी. मैंने कभी भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनने के बारे में नहीं सोचा था. बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर मेरे पास आए और मुझसे औफर के बारे में विचार करने को कहा. मैंने उसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया.’
सहवाग ने दावा किया कि उन्होंने कप्तान कोहली से भी बात की थी. सहवाग ने बताया, ‘विराट ने मुझे इसके लिए आगे बढ़ने की सलाह दी थी. मुझे लगा कि यदि सभी लोग मुझसे कह रहे हैं तो मुझे इस बारे में सोचना चाहिए. न तो मैंने इस बार आवेदन करने के बारे में सोचा और न ही आगे इस बारे में कोई योजना है.’
सहवाग ने कहा कि शास्त्री से जब उनकी बात हुई तो उन्होंने बताया कि वह इस पद के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं. सहवाग ने कहा, ‘चैंपियंस ट्राफी के दौरान जब मैं इंग्लैंड में था तो मैंने रवि से पूछा था कि वह कोच के लिए आवेदन क्यों नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने मुझसे कहा कि वह दोबारा वह गलती नहीं करना चाहते जो उन्होंने पहले की थी. अगर रवि ने पहले आवेदन कर दिया होता तो मैं कभी आवेदन नहीं करता.’
वैसे सहवाग का यह निशाना उनके दोस्त और पुराने जोड़ीदार सचिन तेंदुलकर तक भी जाता है, क्योंकि मौजूदा कोच रवि शास्त्री उनकी पसंद बताए जाते हैं. सहवाग ने यह बात इसलिए कही है, क्योंकि सभी जानते हैं कि मौजूदा कोच रवि शास्त्री भारतीय कप्तान विराट कोहली की पसंद हैं. कोहली और टीम इंडिया के बाकी सदस्यों के कहने पर ही शास्त्री को कोच बनाया गया था.
दूसरी ओर, सचिन तेंदुलकर पिछले कोच अनिल कुंबले के चयन के समय भी शास्त्री को कोच बनाने के पक्ष में थे. ऐसे में इस बार कोहली के कुंबले के खिलाफ होने की वजह से शास्त्री का रास्ता आसान हो गया था.
हालांकि, कोच चुनने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के सबसे अहम सदस्य सौरव गांगुली सहवाग के पक्ष में थे. इस पद के लिए सहवाग का सबसे लंबा इंटरव्यू हुआ था, तब सारे कयास लगाए जा रहे थे कि सहवाग ही कोच बनेंगे. बताया जाता है कि उन्होंने सहवाग को कोच बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन समिति के दो अन्य सदस्यों सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के कोहली के पक्ष में आने से सहवाग कोच नहीं बन सके.
युवी-रैना के प्रदर्शन पर क्या बोले सहवाग
टीम इंडिया से बाहर चल रहे मध्यक्रम के बल्लेबाजों युवराज सिंह और सुरेश रैना के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा कि युवराज-रैना के साथ अभी उम्र है. वे दोनों मध्यक्रम के लिए बेहद जरूरी हैं. बाकी सब खिलाड़ी युवा हैं. युवराज फिटनेस टेस्ट में भले ही 16 के आंकड़े तक नहीं पहुंचे हों, लेकिन उनके आसपास तो वह पहुंच रहे हैं. उन्हें आगे मौका मिलना ही चाहिए.
धोनी को वर्ल्ड कप 2019 खेलना ही चाहिए
पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के 2019 के विश्व कप में खेलने की संभावना पर सहवाग ने कहा कि एमएस का प्रदर्शन हाल ही में बेहद शानदार रहा है. टीम को धोनी की जरूरत है उन्हें 2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहिए.
आसान नहीं होगी आस्ट्रेलिया पर जीत
आस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 सितम्बर से शुरू हो रही एकदिवसीय सीरीज के लिए सहवाग ने कहा कि टीम इंडिया को कड़ी टक्कर मिलेगी. आस्ट्रेलिया एक मजबूत टीम है. जब भी वे भारत आते हैं हम उन्हें हराना चाहते हैं. 2010 से आस्ट्रेलिया भारत में नहीं जीता है. हम उन पर बहुत भारी पड़े हैं. लेकिन ये वनडे क्रिकेट है. मैच कभी भी बदल जाता है. श्रीलंका जैसा नहीं होगा और आस्ट्रेलिया की टीम कड़ी चुनौती देगी.