पेशे से ड्राइवर विपिन पांडे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का रहने वाला था. अकसर उसे सवारियां ले कर नागपुर जाना पड़ता था. यह रास्ता महज ढाई घंटे का था.

नागपुर में सवारियां छोड़ कर वापस छिंदवाड़ा की सवारियों की बाट जोहता विपिन खाली समय में सैक्स की जरूरत को पूरा करने के लिए कोठे पर जाने लगा था. गंगाजमुना गली ‘संतरों का शहर’ कहे जाने वाले नागपुर की बदनाम गली है, जहां कोठों पर इफरात से देह धंधा होता है. अब से कुछ महीने पहले विपिन ऐसे ही एक कोठे पर गया, तो कोठे की मालकिन परवीन ने उसे पिंकी के पास भेज दिया.

जब विपिन पिंकी के पास पहुंचा, तो उसे ठगा सा देखता रह गया. चौड़ा माथा, बड़ीबड़ी आंखों के अलावा दुनियाभर की मासूमियत पिंकी के चेहरे पर उस ने देखी, तो वह अपने आने का मकसद ही भूल गया.

पिंकी ने आने वाले इस तगड़ेरोबदार नौजवान ग्राहक की हिचकिचाहट देखी, तो वह चौंक गई. वह तो यह मान कर चल रही थी कि अब यह ग्राहक अपने पैसों की कीमत वसूलने के लिए दूसरे ग्राहकों की तरह उस पर टूट पड़ेगा.

दोनों की नजरें मिलीं और ऐसी मिलीं कि वे एकदूसरे की आंखों से होते हुए दिलों में बस गए. प्यार का इजहार होते देर न लगी. दोनों ने बहुत देर तक कुछ इस तरह दिल की बातें कीं, मानो पहले से एकदूसरे को जानते हों.

विपिन जब वहां से जाने लगा, तो पिंकी अपने दिल और जज्बातों को काबू में नहीं रख पाई और उस का हाथ पकड़ कर बोली, ‘‘दोबारा आइएगा.’’ इस पर विपिन ने दरवाजे से पलटते हुए पिंकी को अपनी बांहों में भरा और जल्द ही आने का वादा भी किया.

पिंकी के दिल में हलका सा शक था कि कहीं विपिन बाहर जा कर उसे भूल न जाए और मुमकिन है कि यह उस की कोरी हमदर्दी रही हो. उधर विपिन के दिल का हाल भी बेहाल था. पहली मुलाकात में ही पिंकी उस के दिलोदिमाग पर छा गई थी.

वादे के मुताबिक विपिन दोबारा परवीन के कोठे पर गया और इस दफा भी पिंकी की फरमाइश की तो बुढ़ाती परवीन चौंकी नहीं, क्योंकि कोठों पर आने वाले ग्राहकों की इस तासीर को वह खूब समझती थी कि कई दफा ग्राहक जिस लड़की से संतुष्ट हो जाते हैं, फिर बारबार उसी की मांग करते हैं. परवीन को कतई अंदाजा नहीं था कि उस के पिंजरे में बंद पिंकी नाम की मैना को इस तोते से इश्क हो गया है, जिस की इजाजत कोठों के सख्त उसूल नहीं देते हैं.

दर्द से भरी दास्तां

दूसरी बार जब विपिन पिंकी के पास आया, तो उस की कहानी ने विपिन को भीतर तक झकझोर दिया. राजस्थान के बूंदी जिले के गांव शंकरपुरा के कंजर समुदाय में पैदा हुई पिंकी जब महज 15 साल की थी, तब उस के मांबाप की मौत हो गई थी. चूंकि उस के पिता ने 2 शादियां की थीं, इसलिए उस की सौतेली मां उसे अपने भाई राजा उर्फ ठेला के यहां ले आई.

गुजरबसर के लिए सौतेली मां देह धंधा करने लगी और राजा अपनी बहन की दलाली कर ग्राहक ढूंढ़ढूंढ़ कर लाने लगा, तो पैसों की बरसात होने लगी. पिंकी को यह सब अच्छा नहीं लगता था. वह चाहती थी कि गुजारा तो मेहनतमजदूरी कर के भी किया जा सकता है, फिर यह गंदा धंधा क्यों?

जवान होती पिंकी पर हर किसी की नजर ठहर जाना कुदरती बात थी, पर सौतेली मां के पास आए ग्राहकों की नजरों का वह सामना नहीं कर पाती थी, जो सीधे उस के नाजुक अंगों पर जा पड़ती थीं. पिंकी अब इस बात से डरने लगी थी कि कहीं मां और मामा उस से भी यह पेशा न कराने लगें. लेकिन खामोशी से यहां रहते हुए सबकुछ देखने और सहने के अलावा उस के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था.

एक दिन सौतेले मामा ने पिंकी को बताया कि अब उसे ग्वालियर में रहने वाले मौसा के यहां जाना है, तो पिंकी की खुशी का ठिकाना न रहा, क्योंकि इस गंदगी से उसे आजादी जो मिल रही थी.

लेकिन पिंकी का यह खयाल गलत निकला. दरअसल, सौतेले मामा ने उसे मौसा के हाथों 9 लाख रुपए में बेच दिया था. मौसा पान सिंह ग्वालियर के रेशमपुरा इलाके में रहता था, जो देह धंधे के लिए बदनाम है. जल्द ही अपने 9 लाख रुपए वसूलने के लिए पान सिंह ने उस से धंधा कराना शुरू कर दिया, तो मासूम पिंकी समय से पहले ही सयानी हो गई.

कुछ महीने पिंकी अपने जिस्म के जरीए मौसा का कर्ज चुकाती रही, फिर एक दिन उसे पता चला कि अब उसे नागपुर जाना है, क्योंकि मौसा पान सिंह ने उसे वहां की मशहूर तवायफ परवीन के हाथों 15 लाख रुपए में बेच दिया है. इस तरह पिंकी गंगाजमुना गली में आ कर वहां की रौनक बन गई. चूंकि वह कम उम्र और कसे बदन की थी, इसलिए उस के पास ग्राहकों की भीड़ उमड़ने लगी थी.

फिर मचा हंगामा

विपिन ने पिंकी की कहानी सुनी, तो वह और भी जज्बाती हो उठा. एक दिन मौका देख कर वह पिंकी को ले कर कोठे से भाग गया. दोनों बैतूल जिले के मुलताई इलाके में आ गए, जहां विपिन ने 3 मार्च, 2017 को उस से कोर्ट मैरिज कर ली.

किसी की बीवी बनने का पिंकी का सपना तो पूरा हो गया था, पर वह जानती थी कि परवीन के गुरगे उन्हें छोड़ेंगे नहीं. बात सच भी थी. पिंकी के भागने की खबर से तिलमिलाई परवीन ने बड़े पैमाने पर उसे ढूंढ़ने के लिए अपने आदमी लगा दिए थे.

पिंकी को ले कर विपिन भोपाल आ गया. वहां शिवाजी नगर इलाके में उस के मौसा प्रकाश शर्मा पुलिस महकमे में थे. मौसामौसी के सामने विपिन ने यह तो मान लिया कि उस ने नागपुर की रहने वाली पिंकी से लव मैरिज कर ली है, पर उस की पूरी हकीकत नहीं बताई. प्रकाश शर्मा ने कुछ सोचसमझ कर दोनों को अपने घर पर रहने की इजाजत दे दी, तो दोनों की खुशी दोगुनी हो गई.

विपिन को भरोसा था कि कुछ दिनों की नाराजगी के बाद घर वाले भी पिंकी को बतौर बहू मंजूर कर लेंगे और इस तरह वह और पिंकी इज्जत की जिंदगी गुजारेंगे. उस का मौसेरा भाई गौरव अभी कालेज में पढ़ रहा था, जो नई भाभी को देख कर खुशी से फूला नहीं समाया था.

पिंकी अपने मौसा ससुर के यहां दिल लगा कर काम करती थी. उस का मकसद इन लोगों का दिल जीतने के अलावा खुद को एक अच्छी बहू साबित करना भी था. महज 15 दिनों में ही पिंकी अपनी गुजरी जिंदगी को भूल चली थी. विपिन ने भी एक टै्रवल एजेंसी में ड्राइवर की नौकरी कर ली थी, ताकि वे दोनों मौसा पर बोझ न बनें.

23 मार्च, 2017 की सुबह थी. प्रकाश शर्मा के घर 2 बड़ी गाडि़यां आ कर रुकीं और उन में से 16 लोग उतरे और घर में घुस कर पिंकी को ढूंढ़ने लगे. पिंकी उस वक्त गौरव का टिफिन तैयार करने के लिए रसोईघर में काम कर रही थी. उन 16 लोगों में से कुछ आवाजें उसे जानीपहचानी लगीं, तो वह पीछे के दरवाजे से भाग खड़ी हुई. वे सब उस के पुराने नातेरिश्तेदार और परवीन के गुरगे ही थे.

उन लोगों ने गौरव और उस की मां को खूब मारा. प्रकाश अपने दफ्तर और विपिन नौकरी पर जा चुका था. एक पुलिस वाले के यहां दिनदहाड़े मारपीट की वारदात होने से पड़ोसी बाहर आए, तो गुंडों ने उन्हें भी धमकाया और गौरव को अपने साथ गाड़ी में यह कहते हुए ले गए कि विपिन और पिंकी को दे कर इसे ले जाना. इस वारदात की खबर से भोपाल में हड़कंप मच गया. गुंडे गौरव को ले कर ब्यावराराजगढ़ के रास्ते राजस्थान की तरफ भाग रहे हैं, यह जानकारी पुलिस वालों को गौरव के मोबाइल फोन की लोकेशन से मिलती रही, जिस पर गुंडों का ध्यान नहीं गया था.

मामला चूंकि पुलिस महकमे में काम कर रहे मुलाजिम के बेटे को अगवा किए जाने का था, इसलिए पुलिस वालों ने चीते सी फुरती दिखाई और इस पूरे गिरोह को ब्यावरा के पास घेर कर सभी को गिरफ्तार कर लिया. इन में पिंकी के मामा और मौसा भी शामिल थे. भोपाल में जब हकीकत खुली, तो सुनने वाले हैरान रह गए कि विपिन ने एक तवायफ से शादी की है, जिस की वजह से गौरव को अगवा किया गया था.

मुजरिम गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए, पर पिंकी को ले कर तरहतरह की चर्चाएं होती रहीं. किसी ने विपिन की इस पहल को उस की बेवकूफी और नादानी बताया, तो कइयों ने उसे शाबाशी दी कि मर्द हो तो ऐसा, जिस ने जिंदगी और प्यार के सही माने समझे और एक मिसाल पेश की.

विपिन अभी भी इस बात पर टिका हुआ है कि वह पिंकी का साथ किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगा और उस से शादी की है तो निभाएगा भी. वहीं पिंकी को डर है कि जेल से बाहर आते ही परवीन के गुरगे उसे और विपिन को मार डालेंगे, इसलिए वे दोनों अब अलग कहीं रहने लगे हैं.

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