फलों व सब्जियों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तोड़ाई, भंडारण व परिरक्षण यानी प्रिजर्व करने की नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि फलों व सब्जियों में पानी की अधिक मात्रा होने के कारण वे तोड़ाई के बाद शीघ्र खराब हो जाते?हैं. इस प्रकार कुल फलों व सब्जियों का 30-35 फीसदी भाग खराब हो जाता?है. ज्यादातर फलों व सब्जियों की तोड़ाई हरी अवस्था में की जाती?है, जिस से उन की गुणवत्ता पर उलटा असर पड़ता?है.
तोड़ाई : फलों की तोड़ाई फलों के पकने के आधार पर की जाती?है. तरबूज, खरबूजा, बेर, अंगूर, जामुन, अमरूद व नीबू वर्गीय फलों को पेड़ों पर पकाते?हैं और बाद में तोड़ते?हैं. लेकिन आम, केला, पपीता व चीकू वगैरह फलों को पकने से पहले तोड़ाई कर कमरों में पकाते?हैं. सब्जियों की तोड़ाई तब की जाती है, जब वे मुलायम व रेशा रहित होती हैं. लिहाजा सब्जियों की हरी अवस्था तोड़ाई के लिए सब से अच्छी होती?है. फलों व सब्जियों की तोड़ाई में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
* फलों व सब्जियों की तोड़ाई सुबह के समय करनी चाहिए.
* फलों व सब्जियों की तोड़ाई डंठल सहित करनी चाहिए.
* यदि फलों व सब्जियों पर कीटनाशी या फफूंदनाशी या जहरीले रसायनों का इस्तेमाल किया गया हो तो कम से कम उन्हें 1 हफ्ते बाद ही तोड़ा जाना चाहिए.
* तरबूज, खरबूजा, कद्दू व टमाटर के फलों को पकी हालात में तोड़ा जाना चाहिए.
* बीन, लोबिया, खीरा, बैगन, भिंडी, लौकी, तुरई व पत्तेदार सब्जियों को मुलायम व हरी अवस्था में तोड़ा जाना चाहिए.
* गोभी वर्गीय सब्जियों को तैयार होने पर काटें.
* प्याज, लहसुन व आलू पूरी तरह पकने पर ही खोदें.
* केला, पपीता, चीकू, आम, कटहल, शरीफा व बेल वगैरह फलों को पेड़ से पकने की हालत में तोड़ कर कमरे में पकाना चाहिए.
* अंगूर, अमरूद, जामुन, बेर, फालसा व नीबूवर्गीय फलों को पेड़ पर पकने के बाद तोड़ना चाहिए.
भंडारण : जब खेत के ज्यादा फल पकने की हालात में आ जाते हैं, तो उन्हें एकसाथ तोड़ना जरूरी हो जाता?है. ऐसे में यह जरूरी?है कि सही ढंग से तोड़ाई कर के उन का अच्छी तरह भंडारण किया जाए. अगर सब्जियों व फलों को साधारण कमरे के तापमान पर खुले हवादार स्थान पर जूट की बोरी पर रख कर पानी छिड़कते रहें तो वे 2-3 दिनों तक बहुत आसानी से रखे जा सकते?हैं. निम्न बातों का ध्यान रख कर तोड़ाई के बाद सब्जियों व फलों का जीवनकाल बढ़ाया जा सकता?है:
* भंडारण के लिए उन्हीं फलों व सब्जियों का चुनाव करना चाहिए जिन पर कीट, बीमारी, चोट व खरोंच न लगी हो.
* पत्तीदार सब्जियों को काटने के बाद भीगे कपड़े में लपेट कर रखें और समयसमय पर उन में पानी छिड़कते रहें.
* तोड़ाई के बाद खेत की गरमी को खत्म करने के लिए फलों व सब्जियों को हवादार कमरे या किसी छायादार स्थान पर रख कर गरमी खत्म होने के बाद भंडारण करना चाहिए.
* कार्बन डाई आक्साइड का 5-10 फीसदी उपचार गाजर, खरबूजा व आलू वगैरह में बेहतर रहता है, जिस से भंडारण कूवत बढ़ जाती है.
परिरक्षण : परिरक्षण द्वारा यानी प्रिजर्व कर के हम बिना मौसम के तमाम सब्जियों व फलों का प्रयोग कर के लाभ उठा सकते?हैं व उन की उपयोगिता बढ़ा सकते हैं. तमाम फलों व सब्जियों को हम निम्न कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं डब्बाबंदी के लिए सही फल व सब्जियां : आम, अमरूद, आड़ू, खुबानी, नाशपाती, लीची, स्ट्राबेरी, केला, लोकाट, अंजीर, मटर, आलू, टमाटर, करेला, बैगन, अदरक व गाजर वगैरह. चटनी व केचप के लिए मुनासिब फल व सब्जियां : टमाटर, आम, पपीता, सेब, आंवला, आलूबुखरा व कैथ वगैरह. सौस व सूप के लिए कारगर फल व सब्जियां : टमाटर व आलूबुखारा वगैरह.
पनीर के लिए सही फल : अमरूद व सेब वगैरह.
जैम के लिए मुनासिब फल : सेब, आड़ू, खुबानी, आम, अनन्नास, आलूबुखारा व पपीता वगैरह.
जैली के लिए सही फल व सब्जियां : अमरूद, कैथ, करौंदा, लोकाट, अंगूर व आलूबुखारा वगैरह.
मार्मलेड?के लिए मुनाबिस फल व सब्जियां : नीबू व संतरा वगैरह.
मुरब्बों के लिए सही फल व सब्जियां : आंवला, आम, बेल, गाजर, पपीता, बेर, नाशपाती व केला वगैरह.
कैंडी के लिए सही फल व सब्जियां : पेठा, आंवला, पपीता व अदरक वगैरह.
कुछ फलों व सब्जियों को 2 फीसदी नमक के घोल में काट कर धूप में सुखाया जा सकता?है और दूसरे मौसमों में उन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
– अभिषेक बहुगुणा व संध्या बहुगुणा