दूरसंचार क्षेत्र की प्रगति की रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है. आम आदमी किस कदर इस की गिरफ्त में है इस का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी एयरटेल ने कहा कि उस के ग्राहकों की संख्या 20 करोड़ से अधिक हो गई है. बाजार में उस के टक्कर की अन्य कंपनियां भी हैं जिन्हें मिला कर देश की आबादी के तीनचौथाई हिस्से के पास मोबाइल फोन हैं. दूरसंचार माध्यमों का जाल बिछा है तो अपराध भी इस क्षेत्र में तेजी से पांव पसारने लगे हैं.

एटीएम, बैंक खातों में हेराफेरी, औनलाइन धोखाधड़ी, टैलीफोन पर धमकी, अश्लील बातें जैसे कई अवैध काम हो रहे हैं. इन पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार का इलैक्ट्रौनिक्स सूचना तकनीक विभाग जल्द ही राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र यानी एनसीसीसी स्थापित कर रहा है. मार्च के आखिर तक इस केंद्र की स्थापना की उम्मीद है. सरकार ने यह कदम मोबाइल फोन या स्मार्टफोन को हैक कर के पैसे के लेनदेन पर सेंध लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया है. सिम का क्लोन बना कर हैकिंग की जा रही है जिस से आर्थिक अपराध बढ़ रहे हैं. मोबाइल और कंप्यूटर उपभोक्ताओं को पूरी सुरक्षा देने वाले उपकरणों को बढ़ावा देना तथा साइबर अपराध रोकना इस सैल का प्रमुख काम होगा. सरकार का एक विभाग इस तरह के अपराध पर पैनी नजर रखेगा. इस से अपराध नियंत्रित होंगे. यह अलग बात है कि अपराधी अपने अपराध के तरीके बदलते रहेंगे, इसलिए उन के तरीकों का पता लगाने के लिए एनसीसीसी देश की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में भी रहेगा.

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