स्वयं को जानो
हम अपने को जानना कैसे सीखें? विचार से? कभी नहीं, सिर्फ कर्म से अपना फर्ज पूरा करने की कोशिश करो, तभी तुम जान पाओगे कि तुम्हारे अंदर क्या है.
सलाहमशविरा
जिस की अपनी कोई राय नहीं, बल्कि जो दूसरों की राय और रुचि पर निर्भर रहता है वह गुलाम है.
अतिशयोक्ति
जो अपनी बात को बढ़ाचढ़ा कर कहते हैं वे अपनेआप को छोटा बनाते हैं.
निर्धनता
गरीब वह नहीं जिस के पास कमी है, बल्कि वह जो अधिक चाहता है.
कार्य
दुश्मनी में आ कर किया गया या गर्व की भावना में किया गया काम महान नहीं हो सकता.
सीख
जो आदमी यह समझता है कि हर बात तुरंत उस की समझ में आ जाती है, वह कुछ भी नहीं सीख सकता.
वक्ता
जो अपने को शांत रखना नहीं जानता, कभी अच्छा नहीं बोल सकता. द्य
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