Gaza Crisis : युद्ध शांति के लिए नहीं होते बल्कि हर युद्ध अपने पीछे ऐसी त्रासदी छोड़ जाता है जिस में कमजोर लोगों की वेदनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती. इन कमजोरों की सिसकियां सुनने वाला भी कोई नहीं होता. यही हाल इस वक़्त गाजा में नजर आ रहा है. इजराइल और हमास के बीच दशकों की टेंशन और पिछले दो सालों की जंग में गाजा शहर पूरी तरह बर्बाद हो चुका है लाखों लोग मारे जा चुके हैं. इस जंग में बचे हुए लोग अब भूख और बदहाली की त्रासदी से जूझ रहे हैं. हालात इतने बुरे हैं कि अपने बच्चों का पेट भरने के लिए फिलिस्तीनी औरतों को अपना जिस्म तक परोसना पड़ रहा है.
युद्ध से बर्बाद गाजा में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोगों के पास खाने तक के लाले पड़े हुए हैं. घर तबाह हो चुके हैं, नौकरियां खत्म हो गई हैं. इस बीच कुछ महिलाओं ने अपने साथ हुई हैवानियत का खुलासा किया है. युद्ध से तबाह महिलाओं को अब भोजन और राहत सामग्री के बदले यौन संबंध बनाने की डिमांड की जा रही है. कई औरतें अपने बच्चों की भूख मिटाने के लिए राहत सामग्री से जुड़े मर्दों की हवस की भूख मिटाने को मजबूर हो रही हैं.
यह खुलासा एपी न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में किया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि गाजा में खाने की भारी कमी है. लगभग पूरी आबादी विस्थापित हो गई है. इस बीच कुछ महिलाओं ने दावा किया है कि राहत वितरण से जुड़े पुरुष अब उन का यौन शोषण कर रहे हैं. एक कटोरी चावल के बदले सैक्स की मांग हो रही है. बच्चों के कपड़े हासिल करने के लिए सैक्स संबंध बनाने को कहा जा रहा है. कई मजबूर औरतों के पास मर्दों की इस डिमांड को पूरी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. औरतों के सामने उन के बच्चों के भूखे और मायूस चेहरे हैं जिन के लिए वह अपने जिस्म की परवाह नहीं कर रही हैं.
रेहाना नाम की एक महिला ने बताया “मेरे चार बच्चे युद्ध में मारे गए. युद्ध के बाद बचे दो बच्चों के लिए मुझे वह सब करना पड़ा जो वैश्याएं भी नहीं कर सकतीं.” यूनाइटेड नैशनल से जुड़े कई संगठन गाजा में राहत सामग्री वितरण में लगे हैं इन संगठनों के कार्यकर्ता ज्यादातर मर्द हैं. इन मर्दों में कुछ ऐसे भी हैं जो गाजा की इस आपदा में अवसर तलाशने में लगे हैं और मजबूर औरतों का यौन शोषण कर रहे हैं. ऐसा लगता है की इंसानियत के काम में जुटे इन मर्दों में इंसानियत मर गई है. Gaza Crisis