Mission Impossible : इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता. वह अपने बाहुबल, बुद्धि कौशल और सूझबूझ से किसी भी इम्पौसिबल कार्य को पौसिबल कर सकता है. इंसान के इन्हीं साहसिक कारनामों पर 1996 में अमेरिका में एक ऐक्शन और रोमांचक फिल्म रिलीज हुई ‘मिशन इम्पौसिबल’. उस फिल्म में नायक की भूमिका टौम क्रूज ने निभाई थी. वह एक अमेरिकी जासूसी फिल्म थी जिस का निर्देशन ब्रायन डी पाल्मा ने किया था.

1996 में उस फिल्म ने 457.7 मिलियन डौलर (यानी लगभग 38 हजार करोड़ रुपए) की कमाई की. इस के बाद ‘मिशन इम्पौसिबल’ सीरीज की 7वीं फिल्म में मिशन फोर्स के जांबाज एजेंट ईशन हंट (टौम क्रूज) ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस को काबू करने वाली चाबी हासिल कर ली थी.

‘मिशन इम्पौसिबल : द फाइनल रेकनिंग’ इस सीरीज की 8वीं और अंतिम फिल्म है. इसे इंग्लिश के साथसाथ हिंदी में भी बनाया गया है, मगर इस में कोई इंडियन ऐक्टर नहीं है. करीब 3 दशकों पहले अपनी इम्पौसिबल मिशन फोर्स के जरिए दुनिया को बचाने के लिए ईथन हंट (टौम क्रूज) अपनी जान को दांव पर लगाने निकले हैं. 3 दशक पुरानी यह सीरीज अपने आखिरी पड़ाव पर आ पहुंची है.

1996 में दिखाया गया हैंडसम ईथन हंट यानी टौम कू्रज अब बूढ़ा दिखने लगा है. चेहरे की झुर्रियां दिखाई देती हैं. उसे जबरदस्ती जवान दिखाया गया है. हां मगर ईथन अभी भी फुरतीला है.

‘मिशन इम्पौसिल : द फाइनल रेकनिंग’ वहीं से शुरू होती है जहां करीब 2 साल पहले इस फाइनल रेकनिंग का पहला भाग खत्म हुआ था. ईथन हंट (टौम क्रूज) को वह खुफिया चाबी मिल चुकी है जिस की उसे अरसे से तलाश थी. इस दौरान एक दिन उसे अमेरिकी प्रैसिडैंट (डोनाल्ड ट्रंप नहीं) का मैसेज मिलता है. प्रैसिडैंट उसे दुनियाभर के लिए खतरा बन चुके एआई के वजूद से बचाने के मिशन पर जाने को कहती है.

एआई (आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस) के वजूद ने दुनियाभर के कई न्यूक्लियर पावर रखने वाले देशों के सिस्टम को हैक कर के अपने कब्जे में कर लिया है. जल्द ही एआई सारी दुनिया में तबाही लाने वाला है. उस दौरान ईथन हंट को उस के पास रखी चाबी के रहस्य का पता चल जाता है. फिर वह अपनी टीम के साथ समुद्र की गहराइयों में डूबी उस रूसी पनडुब्बी को तलाशने की मुहिम में जुट जाता है जिस में एआई के वजूद पर काबू पाने का रास्ता मिल सकता है. अमेरिकी प्रैसिडैंट उसे पूरा सपोर्ट करती है और ईथन दुनिया को बचाने के मिशन में कामयाब हो जाता है.

यह फिल्म 2 साल पहले रिलीज हुई ‘द डैड रेकनिंग’ का दूसरा भाग है. दूसरा भाग वहीं से शुरू होता है जहां पहला भाग खत्म हुआ था. कहानी में ईथन हंट को अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया को बचाना है.

निर्देशक क्रिस्टोफर मैकवेरी ने फिल्म को भव्य अंदाज में बनाया है. यह फिल्म एआई और न्यूक्लियर पावर के दौर में दर्शकों को इस के खतरों से चेताती है. कहानी दिलचस्प और जानकारीभरी लगती है. आएदिन समाचारपत्रों व टैलीविजन पर रूस और नाटो तथा रूस और यूक्रेन देशों में न्यूक्लियर वार की खबरें आती रहती हैं. इस फिल्म में ईथन हंट द्वारा प्लूटोनियम को गलत हाथों में पड़ने से बचाना है.

मनोरंजन के लिहाज से यह फिल्म बढि़या है और हौलीवुड की अन्य फिल्मों से अलग है. फिर भी इस में कुछ कमी रह गई है. फिल्म टौम क्रूज के बनाए अपने पैमाने पर खरी नहीं उतरती. इस में कुछ भी ऐसा नहीं है कि दर्शक अपनी सीटों से उछल पड़ें. फिल्म की पटकथा जानेमाने रास्ते पर आगे बढ़ती है.

मध्यांतर से पहले भूमिका बनाने में फिल्म को काफी वक्त लग जाता है, मगर मध्यांतर के बाद कहानी फिर से ट्रैक पर आ जाती है. समंदर में फिल्माए गए सीन लाजवाब हैं. फिल्म में ऐक्शन, कार चेसिंग से ले कर ट्रेन ऐक्सिडैंट वाले दृश्य ताली बजाने को प्रेरित करते हैं. मगर फिल्म की लंबाई ज्यादा है, इसे कम किया जा सकता था. कश्मीर में फिल्माए गए फिल्म के आखिरी ऐक्शन दृश्य फिल्म की जान हैं, हालांकि फिल्म में कहीं भी कश्मीर का जिक्र नहीं है.

फिल्म ‘मिशन इम्पौसिबल : द फाइनल रेकनिंग’ ऐसे समय में रिलीज हुई है जब चीन और तुर्की के हथियारों से पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की कोशिश की. फिल्म में दिखाया गया है कि एआई दुनिया से मानवता का सफाया करने के लिए आणविक शक्तियों वाले देशों को आपस में लड़ाने की तैयारी कर चुकी है. बड़बोले और खब्ती ट्रंप को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. फिल्म में राष्ट्रपति का बेटा साधारण सैनिक के रूप में खड़ा मिलता है, जबकि भारत जैसे देश में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के बेटे ऐश करते नजर आते हैं.

फिल्म में दूसरे कलाकारों ने भी बढि़या काम किया है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी लाजवाब है. फिल्म में कुछ सीन ह्यूमर पैदा करते हैं. एक्शन सीन लाजवाब बन पड़े हैं. पहले के पार्ट में भी ईथन हंट ने खूब एक्शन किया था. निर्देशन बढि़या है. फर्स्टहाफ में जरूरत से ज्यादा संवाद हैं. तकनीकी दृष्टि से फिल्म बेजोड़ है. अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका की लोकेशनों पर फिल्म फिल्माई गई है, जिस की सिनेमेटोग्राफी शानदार लगती है. Mission Impossible

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...