Delhi Police : सरकारी व सरकार के भोंपू टीवी चैनल चिल्लाचिल्ला कर कह रहे हैं कि पहलगाम में किए गए हमले के लिए पाकिस्तान से हथियार आए थे. वहीं, सरकार भी पाकिस्तान को ही दोषी मान रही है. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने 25 अप्रैल को एक सूचना दी कि उस ने भारतीय शस्त्र फैक्ट्रियों से चोरी से निकाले व बेचे गए दूर तक मार कर सकने वाले आधुनिक शस्त्रों का व्यापार कर रहे 5 लोगों को पकड़ा.

पुलिस के अनुसार, शस्त्र विक्रेता और्डनैंस फैक्ट्रियों से शस्त्र मंगाते और उन के नंबर मिटा कर उन्हें अपराधियों को दे देते है. इस से साफ है कि भारत में मौजूद किसी आतंकवादी को पाकिस्तान या दूसरे देश पर ज्यादा निर्भर रहने की जरूरत नहीं क्योंकि वे जितना उत्पात यहां मचा रहे हैं उस के लिए तो यहीं के कारखानों में बने शस्त्र नजर आ रहे हैं.

आतंकवादी ही नहीं, नक्सलियों के पास भी बहुत से शस्त्र मिलते हैं. सशस्त्र बलों के यहां से जो शस्त्र चोरी होते हैं और जिन की रिपोर्ट नहीं की जाती, वे ही आतंकवादियों के लिए काफी हैं.
जब पुलिस वालों के पास काफी शस्त्र आम चलते हुए दिख रहे हों तो यह कहना कि पहलगाम में 4-5 आतंवादियों को पाकिस्तान से ही शस्त्र मिले होंगे, असल में अपने निकम्मेपन को छिपाना भी हो सकता है.

यह नहीं भूलना चाहिए कि अकेले दिल्ली में, सुप्रीम कोर्ट को 24 अप्रैल, 2025 को दी गई जानकारी के अनुसार, 95 गैंग हैं जिन के 1,100 सदस्य हैं और सब के पास गैरलाइसैंसधारी शस्त्र हैं. इन्होंने, एडीशनल सौलिसीटर जनरल एस डी संजय के अनुसार, 10 सालों में दिल्ली व उस के आसपास 5,000 वारदातें अंजाम दीं.

जब केंद्र सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री की नाक के नीचे उन के कंट्रोल वाली दिल्ली पुलिस इतने गैंगों को निबटा नहीं सकती और वे आसानी से पनप सकते हैं तो पहलगाम में हुए हादसे में सिर्फ पाकिस्तान को 2 घंटे में दोषी ठहरा देना और खुद को क्लीन चिट दे देना जनता को मूर्ख बनाना है.

पाकिस्तान, जहां भी संभव होगा, भारत में उत्पात मचाएगा, इस में शक नहीं है. पाकिस्तान की राजनीति उसी तरह भारत के विरुद्ध मोरचा खोले रखने पर चलती है जैसी भारत की राजनीति हिंदूमुसलिम करने पर चलती है. भारत का भय दिखा कर पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था का 5-7 फीसदी सेना पर उड़ा देता है, जैसे भारत की जनता अपनी कमाई का 10-15 फीसदी हिंदूमुसलिम के नारों के बीच पनपतेचमकते मंदिरों पर और मेलों पर खर्च कर डालती है.

दोनों देश धर्म के नाम पर पैसा भी खर्च कर रहे है, जाने ले भी रहे हैं, दे भी रहे हैं ताकि एक तरफ सेना और दूसरी तरफ पुजारी मौज में रह सकें.

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