Romantic Story : वर्षों की दूरियों के बावजूद समीर और अवनी के दिलों में प्यार अब भी जिंदा था. अचानक हुई मुलाकात से दोनों की आंखों में बीते समय की यादें उमड़ पड़ी थीं. क्या वैलेंटाइन डे उन के लिए एक नई शुरुआत का संदेश ले कर आया था?

वैलेंटाइन डे की शाम थी और समीर और अवनी 5 वर्षों बाद अचानक एक कैफे में आमनेसामने थे, दोनों की आंखों में बीते वक्त की यादें उमड़ पड़ीं. हैरान हो कर समीर बोला, ‘‘अवनी, तुम यहां?’’
मुसकराने की कोशिश करती हुई अवनी बोली, ‘‘हां, सोचा, जरा कौफी पी लूं. लेकिन तुम?’’
हलकी सांस लेते हुए समीर बोला, ‘‘मैं भी बस यों ही आ गया, अकेले.’’
यह सुन कर अवनी थोड़ा रुकी, फिर बोल पड़ी, ‘‘अच्छा, तुम अब भी अकेले हो?’’
समीर ने बेबाकी से कहा, ‘‘हां, शायद तुम्हारे बाद किसी से जुड़ने की हिम्मत नहीं हुई. तुम कैसी हो?’’
अवनी थोड़ा भावुक हो कर बोली, ‘‘अच्छी हूं लेकिन कुछ अधूरी सी.’’
समीर चौंकते हुए बोला, ‘‘अधूरी, क्यों?’’
अवनी ने जवाब दिया, ‘‘तुम से दूर हो कर ऐसा लगा जैसे जिंदगी का सब से खूबसूरत हिस्सा कहीं छूट गया, शादी हुई, निभाने की कोशिश की, लेकिन…रिश्ते कागज़ी थे, दिल से नहीं.’’

समीर गहरी सांस लेते हुए बोला, ‘‘मुझे हमेशा अफसोस रहा कि हम ने एकदूसरे को यों ही खो दिया. अगर हम थोड़ा और सम झदारी से सोचते तो शायद जुदाई कभी न होती.’’

अवनी नम आंखों से बोली, ‘‘हां, वक्त ने हमें अलग किया, लेकिन शायद यह भी जरूरी था. हम दोनों ने बहुतकुछ सीखा. लेकिन एक बात कभी नहीं बदली, समीर, वह है मेरा प्यार.’’

समीर ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा, ‘‘क्या इस वैलेंटाइन डे पर हम फिर से एक नई शुरुआत कर सकते हैं?’’

जवाब में अवनी उस का हाथ थामती हुई, हलकी मुसकान के साथ बोली, ‘‘शायद समय ने हमें आज फिर से मिलाने के लिए ही यहां बुलाया है. हां, समीर, मैं फिर से तुम्हारे साथ चलना चाहती हूं, इस बार हमेशा के लिए.’’

दोनों की आंखों में गजब की खुशी और उन के चेहरों पर राहत थी. सालों की दूरियां मिट गईं और वैलेंटाइन डे ने फिर से ‘दो दिलों’ को एक कर दिया.

लेखक : संजय सिंह चौहान

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...