Box Office : मार्च माह का पहला सप्ताह खाली गया. जी हां! सात तारीख से शुरु हुए मार्च माह के पहले सप्ताह में एक भी नई फिल्म रिलीज नहीं हुई और अगले एक माह तक किसी बड़ी फिल्म के रिलीज होने की उम्मीद भी नहीं है. क्योंकि अब स्कूल व कालेज में परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में फिल्मकारों का आत्मविश्वास पूरी तरह से हिल चुका है.

बहरहाल, मार्च माह के पहले सप्ताह में फिल्म ‘छावा’ के निर्माता ने कुछ स्क्रीन्स पर इस की रिलीज बरकरार रखी. इस सप्ताह इसे दर्शक तो नहीं मिले, मगर ‘छावा’ के निर्माता एक रिकार्ड बनाने के लिए कुछ ब्लाक बुकिंग आदि के सहारे इसे टिका रहे हैं. जिस के बाद पूरे एक माह के अंदर ‘छावा’ द्वारा बौक्स औफिस पर 546 करोड़ एकत्र करने के दावे किए गए. इस राशि में से निर्माता की जेब में करीबन 170 करोड़ जाएंगे. पर ब्लौक बुकिंग वगैरह की राशि इस में से घट जाएगी.

तो वहीं पूरे 15 दिन के अंदर सोहम शाह की फिल्म ‘क्रेजी’ ने 11 करोड़ 85 लाख रूपए एकत्र कर लिए. इस में से निर्माता की जेब में बामुश्किल 4 करोड़ रूपए ही जाएंगे. ‘क्रेजी’ के निर्माता पर भी ब्लौक बुकिंग यानी कि फर्जी कलेक्शन के आरोप लगे हैं. यह कितनी अजीब बात है कि 20 करोड़ रूपए की लागत में बनी फिल्म ‘क्रेजी’ की इतनी बुरी दुर्गति है.

तो वहीं सब से बुरा हाल फरहान अख्तर व रितेश सिद्धवानी निर्मित फिल्म ‘सुपर ब्वौयज औफ मालेगांव’ का हुआ. पंद्रह दिनों के अंदर यह फिल्म बौक्स औफिस पर 3 करोड़ 28 लाख रूपए ही एकत्र कर सकी.

‘क्रेजी’ और ‘सुपर ब्वौयज औफ मालेगांव’ के निर्माताओं ने वैसे भी फिल्म के निर्माता मे धन खर्च जरुर किया, मगर फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने में कंजूसी बरती. इन का अपना नुकसान हुआ, पर सब से बड़ा नुकसान तो सिनेमा का हुआ, फिल्म इंडस्ट्री का हुआ. छोटेछोटे कर्मियों का हुआ. सभी जानते हैं कि फिल्म के असफल होने पर फिल्म से जुड़े छोटे कर्मियों की बकाया राशि डूब जाती है. पर इन दोनों फिल्मों से ‘पैड रिव्यू’ और ‘पैड आर्टिकल’ छापने वाले पब्लिकेशन फायदे में रहे.

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