Box Office : इस हफ्ते दो नई फिल्में रिलीज हुईं, कहानी व एक्सपेरिमेंट के लिहाज से काफी बेहतर मानी गई मगर दर्शक नसीब नहीं हो पाए. जानिए कौन सी फिल्म हैं और क्या कारोबार है अब तक.
फरवरी माह के अंतिम यानी कि चौथे सप्ताह, 28 फरवरी को रिलीज हुई दोनों फिल्में ‘क्रेजी’ और ‘सुपरब्वौयज औफ मालेगांव’ को दर्शक न मिलने से बौलीवुड में एक नई बहस छिड़ गई है कि अब दर्शक अच्छे कंटैंट, अच्छी कहानी वाली फिल्में देखना ही नहीं चाहता. जबकि हकीकत यह है कि इस तरह की बात करने वाले लोगों के लिए ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’ वाली कहावत ही फिट बैठती है. मगर इन दो फिल्मों के साथ ही तीसरे सप्ताह रिलीज हुई ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ के उतर जाने का कुछ फायदा 14 फरवरी को रिलीज हुई ‘छावा’ को मिल गया. ‘छावा’ के निर्माता के दावे पर यकीन किया जाए तो ‘छावा’ ने तीसरे सप्ताह भर में लगभग 80 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए.
सब से पहले चौथे सप्ताह, 28 फरवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘क्रेजी’ की बात. इस फिल्म के लेखक व निर्देशक गिरीश कोहली वही शख्स हैं, जिन्होंने कभी ‘मौम’ और ‘केसरी’ फिल्में लिखी थीं. गिरीश कोहली ने इस बार लेखन के साथ निर्देशन भी कर लिया. फिल्म ‘क्रेजी’ के हीरो सोहम शाह हैं.
इस फिल्म में इस के अलावा केवल एक लड़की का अंत में 5 मिनट का किरदार है. सब से बड़ा सवाल यह है कि सोहम शाह को कितने लोग पहचानते हैं? 20 करोड़ की लागत में बनी यह फिल्म पूरे 7 दिन के अंदर बामुश्किल 6 करोड़ रुपए ही इकट्ठा कर सकी. इस में से निर्माता की जेब में केवल 2 करोड़ रुपए ही जाएंगे. इतनी बुरी तरह से फिल्म के असफल होने के लिए इस के निर्माता यानी कि सोहम शाह ही दोषी हैं.
सोहम शाह ने 2018 में हौरर फिल्म ‘तुम्बाड़’ का निर्माण व उस में अभिनय किया था. जिस ने उस वक्त बौक्स औफिस पर पानी तक नहीं मांगा था लेकिन 2024 में जब ‘तुम्बाड़ को री रिलीज किया गया तो उस वक्त हौरर फिल्मों का जमाना चल रहा था. ‘स्त्री 2’ स्फल हो चुकी थी. इस वजह से ‘तुम्बाड़’ ने री रिलीज पर अच्छे पैसे कमा लिए तो सोहम शाह को लगा कि अब ‘क्रेजी’ भी चल जाएगी.
‘क्रेजी’ हौरर जौनर की फिल्म नहीं है. दूसरी बात फिल्म एक अहम मुद्दे पर बनी है, पर यह मुद्दा फिल्म में अंतिम 10 मिनट में उभर कर आता है. हालांकि फिल्म काफी ग्रिपिंग है और अंत तक बांधे रखती है. पूरी कहानी मोबाइल पर हो रही बातचीत से उजागर होती है. कहानी के स्तर पर काफी झोलझाल व गलती है. सोहम शाह को कोई नहीं पहचानता. अपने घमंड में चूर सोहम शाह ने फिल्म को प्रचारित ही नहीं किया. केवल ट्रेलर लौंच किया गया.
फिल्म के लेखक व निर्देशक गिरीश कोहली भी मीडिया से छिपते नजर आए. ऐसे में लोगों को पता ही नहीं चला कि ‘क्रेजी’ क्या है, किस तरह की फिल्म है. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर दर्शक इस तरह की फिल्म से दूर ही रहेगा. पर यह खुद की गलती पर गौर करने की बजाय सारा ढीकारा दर्शक पर मढ़ रहे हैं.
बौलीवुड के गलियारों में चर्चा है कि फिल्म ‘क्रेजी’ ने बौक्स औफिस पर केवल एक करोड़ रुपए ही कमाए, बाकी तो निर्माता ने अपनी जेब से लगा दिए. सच तो सोहम शाह ही बेहतर बता सकते हैं.
दूसरी फिल्म फरहान अख्तर की कंपनी ‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’ निर्मित ‘‘सुपरबौयज औफ मालेगांव’ है. यह फिल्म अच्छी बनी है जब मालेगांव में फिल्म इंडस्ट्री शुरू हुई थी, तब जो मालेगांव की हालत थी, उसी हूबहू चित्रित किया गया. फिल्म में इमोशंस भी हैं. पर बात वही कि ‘जंगल में मोर नाचा किस ने देखा.’
इस फिल्म का कोई प्रचार नहीं हुआ. लोगों को पता ही नहीं लगा कि इस तरह की कोई फिल्म आ रही है. मालेगांव में एक फिल्म इंडस्ट्री पनपी थी, इस बात को फिल्म उद्योग या बौलीवुड से जुडे़ लोग ही जानते हैं. आम दर्शकों को इस के बारे में कुछ नहीं पता. इस फिल्म में लगभग सभी मेथड कलाकार हैं. मगर इस फिल्म के लेखक, निर्देशक व कलाकार में से किसी ने भी इस फिल्म का कोई प्रचार नहीं किया. परिणामतः 20 करोड़ की लागत में बनी यह फिल्म 7 दिन में दो करोड़ रुपए ही कमा सकी, इस में से निर्माता की जेब में कुछ भी नहीं जाएगा.