Donald Trump :  अमेरिका में अवैध रूप से घुसे इमीग्रैंट्स का मुद्दा डोनाल्ड ट्रंप ठीक उसी तरह उछाल रहे हैं जैसे भारत में मौजूद बंगलादेशियों के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी ने उठाया था. ट्रंप मिलिट्री लगा कर, आपात स्थिति घोषित कर साढ़े 4 लाख लोगों को निकालने की घोषणा कर चुके हैं और Donald Trump के मंत्री टौम होमन का कहना है कि अवैध घुसपैठियों के साथ अगर उन के अमेरिका में पैदा हुए नाबालिग बच्चों को भी निकालना पड़ा तो वे हिचकेंगे नहीं चाहे बच्चे अमेरिकी नागरिक क्यों न हों.

 

भारतीय नागरिक संशोधन कानून, नैशनल रजिस्टर फौर सिटिजनशिप जैसी भारतीय घोषणाओं की तरह ट्रंप अमेरिका में गोरों के राज को मजबूत करना चाहते हैं. इस से अर्थव्यवस्था और समाज में खलबली मच सकती है लेकिन इस से उन के कट्टरवादी वोट पक्के होंगे, यह तय है.

 

जब भी किसी देश ने ‘हम’ और ‘वे’ की बात करनी शुरू की है, उस का पतन हुआ है. वहां दहशत और लूट का माहौल बना है. वहां ‘हम’ वालों के गैंग बन गए और उन्होंने दूसरों को न केवल खदेड़ना शुरू कर दिया, अपनों को डराना भी शुरू कर दिया कि चाहे अपने कितने ही असहमत हों, मुंह न खोलें क्योंकि विध्वंस करने को तैयार गैंग के 10-20 लोग सीधेसादे हजारदोहजार लोगों की बस्तियों को डराने व धमकाने में सफल रहते हैं.

Donald Trump के गैंग्स के असल निशाने पर वे अवैध घुसपैठिए हैं जिन में ज्यादा दक्षिणी अमेरिका के हैं, काफी भारत के हैं, कुछ मिडिल ईस्ट के हैं, कुछ काले अफ्रीका के हैं. ट्रंप के गैंग्स के निशाने पर वे सभी काले भी हैं जो सदियों पहले अफ्रीका से गुलामों की तरह अमेरिका जबरन लाए गए थे. वे दक्षिणी अमेरिकी मिश्रित खून के लेटिनो हैं जो 200 वर्षों से लगातार अमेरिका आ रहे हैं और पूरी तरह अमेरिकी नागरिकता पा चुके हैं.

 

इन से भी ज्यादा निशाने पर वे औरतें हैं जो इन्हीं कट्टरों के घरों में मांओं, पत्नियों, बहनों, दादियों की तरह रहती हैं. चर्च ने हमेशा औरतों को पुरुषों का सेवक माना है और ट्रंप का व्यक्तिगत व्यवहार हमेशा औरतों को अपना मनोरंजन का खिलौना मानता रहा है. जब अमेरिकी मिलिट्री, पुलिस, अदालतें मनमानी करेंगी तो वे इन औरतों को भी लपेटे में ले लेंगी. अभी से इन्होंने कहना शुरू कर दिया है, यह ‘माई बौडी माई चौइस नहीं चलेगा’, ‘योर बौडी, माई चौइस.’

 

डोमैस्टिक वौयलैंस, वेश्यावृत्ति, गोरी औरतों की खरीदफरोख्त वाइल्ड वैस्ट अमेरिका के काऊ बौयस की निशानी रही है. यह अब फिर उभरेगी. चर्च का नेतृत्व साथ में है ही. बाइबिल के उपदेश भरे पड़े हैं जिन में औरतों की जगह रसोई और बच्चों को पालने की है. ट्रंप के मागा समर्थक गैंग इस विषभरे पानी को हर घर को पिलाएंगे, कम से कम कोशिश तो करेंगे ही, यह पक्का है.

 

अमेरिकी अब भी क्या कमजोर हैं कि एक चुनाव में 2-3 फीसदी वोट ज्यादा पा कर चर्च की चलने लगेगी? इस में शक है. अमेरिका में आजाद विचारों, सब तरह के लोगों के साथ रहना, गन हाथों में होने के बावजूद शब्दों का महत्त्व ज्यादा होना अभी छूमंतर नहीं हुआ है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका को पूरी तरह नष्ट कर पाएंगे, ऐसा मुश्किल है, हालांकि, दुनिया में ऐसे उदाहरण हैं जहां एक खब्ती शासक ने लाखों को मरवा दिया, देश को काले अंधकार में अकेले ही धकेल दिया. हैरत यह भी कि जब तक वह खब्ती शासक सत्ता में रहा, ‘महान’ माना गया

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