Ira Nupur Wedding : हाल ही में आमिर खान की बेटी आयरा खान ने लौंग टर्म बौयफ्रैंड और फिटनैस एक्सपर्ट नूपुर शिखरे से राजस्थान के उदयपुर में शादी की. दोनों ने पहले रजिस्टर्ड मैरिज की और बाद में क्रिश्चियन वैडिंग की. आमिर ने बेटी की शादी में रंग जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आयरा खान और नूपुर शिखरे ने क्रिश्चियन वैडिंग के दौरान ‘वोउज’ सेरेमनी में हमेशा एकदूसरे का साथ निभाने की शपथ ली. उस दौरान आमिर खान खूब इमोशनल हुए.

बौलीवुड के मिस्टर परफैक्शनिस्ट उस दिन रूमाल से अपने आंसू पोंछते हुए कई बार नजर आए. वहीं, उन की एक्स वाइफ रीना भी बेटी की शादी में इमोशनल नजर आईं. अब आमिर खान ससुर बन गए हैं और अपनी बेटी की अच्छी मैरिड लाइफ देख कर खुश हैं. वे खुद को एक प्राउड फादर महसूस कर रहे हैं क्योंकि एक सही जीवनसाथी का किसी भी लड़के या लड़की के जीवन में मिलना वे कठिन मानते हैं.

एक गेटटुगेदर में वे अपनी फीलिंग को शेयर करते हुए कहते हैं कि, ‘जब मेरी लड़की आयरा, नुपुर शिखरे को डेट कर रही थी तो मैं ने उस से कभी डायरैक्ट नहीं पूछा कि वह किसे डेट कर रही है क्योंकि आज के यूथ इसे पसंद नहीं करते लेकिन मुझे पता चल रहा था कि वह किसी को पसंद करती है. बाद में जब उन्होंने नूपुर की बात कही तो मुझे खुशी मिली, क्योंकि मैं उसे सालों से जानता हूं. वह एक नेकदिल का अच्छा इंसान है और उस का परिवार भी बहुत अच्छा है. आज की तारीख में एक लड़की को अच्छे जीवनसाथी का मिलना बड़ी बात होती है.

शेयर की अपनी फीलिंग्स

अपनी फीलिंग्स के बारे में आमिर ने कहा कि उन्हें एक शहनाई की धुन की तरह महसूस हो रहा है क्योंकि शहनाई में थोड़ी खुशी और गम वाला संगीत होता है और कुछ ऐसा ही उन के साथ भी हुआ है. इस समारोह में उन्होंने एक मेडली गाना अपनी आवाज में गाया, जिसे वे अधिकतर अपनी बेटी को सुनाया करते थे. बता दें कि आयरा खान, आमिर खान और उन की पहली एक्स वाइफ रीना दत्ता की बेटी हैं और बेटी की शादी में रीना ने भी बहुत बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है. शादी को अरेंज करने की भी पूरी जिम्मेदारी रीना और किरण राव ने ली है, जिस की वजह से आमिर खान कुछ रिलीफ महसूस कर रहे हैं.

हमेशा करें रजिस्टर्ड मैरिज

देखा जाए तो ऐसी इंटरकास्ट शादियां आजकल अधिकतर लड़के और लड़कियां पसंद कर रहे हैं जिस में रजिस्टर्ड मैरिज मुख्य होती है. शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना बेहद जरूरी है. भारत में अब सभी धर्मों (सिख धर्म को छोड़ कर) के लोगों के लिए शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है.

रजिस्टर्ड मैरिज के फायदे को अगर देखा जाए तो शादी के बाद पतिपत्नी बैंक में जौइंट अकाउंट खुलवाने, स्पाउज वीजा हासिल करने, जौइंट प्रौपर्टी लेने जैसे तमाम कार्यों के लिए शादी के प्रमाणपत्र का प्रयोग कर सकते हैं. मैरिज सर्टिफिकेट कई तरह की परेशानियों से भी मुक्त कर सकता है. इस का सब से ज्यादा फायदा स्त्रियों को है. शादी में धोखाधड़ी, बालविवाह और तलाक जैसे तमाम मामलों में मैरिज सर्टिफिकेट होने से स्त्री के अधिकार सुरक्षित रह पाते हैं.

कुछ सालों पहले तक भारत में हिंदू मैरिज एक्ट और मुसलिम विवाह अधिनियम के तहत विवाह का पंजीकरण अनिवार्य नहीं समझा जाता था. पारंपरिक रीतिरिवाजों या आर्य समाज से शादी कर लेना ही काफी था. मगर कई बार पारंपरिक विवाहों में कुछ रस्में नहीं निभाई जातीं या गवाह की जरूरत पड़ने पर उन की संख्या कम हो जाती है, ऐसे कई मामलों में विवाह से मुकरने जैसी घटनाएं भी सुनने में आई हैं.

मंदिर में पुजारी के सामने किए गए आर्य समाज के गंधर्व विवाह या प्रेम विवाह को भी कई बार अमान्य घोषित किया गया है, इसलिए रजिस्टर्ड शादी ही प्रेमीजोड़े को करनी चाहिए ताकि उन के विवाह को कानूनी मान्यता मिले.

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