प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र व भूतपूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के पौत्र उदयनिधि के सनातन कहे जाने वाले धर्म की आलोचना पर बिफरना शुरू कर दिया है. नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों के दौरान एक नेता के व्यक्तिगत बयान, जो असल में सच है और जमीनी है, को विपक्षी दलों के एक मंच ‘इंडिया’ से जोड़ कर धर्म की राजनीति फिर शुरू कर दी.

सनातन धर्म क्या और कैसा है, इस के लिए भेदभाव ढूंढ़ने की जरूरत ज्यादा नहीं. इस की खबरें तो वैसे ही आसमान से टपकती रहती हैं जैसे कबूतरों की बीटें.

ओडिशा के हिंदुओं के प्रिय पुरी के जगन्नाथ मंदिर में तीनों भगवानों की मूर्तियों को 15 सितंबर, 2023 को दिनभर भूखा रहना पड़ा क्योंकि जो भोग सुबह 8.30 बजे लगता था, शाम को 5.30 बजे लगा. कारण था पुजारियों की हड़ताल.

सर्वशक्तिमान लौर्ड जगन्नाथ के सर्व शक्तिमान पुजारियों की शिकायत थी कि एक दिन पहले एक पुजारी जिस ने 2017 में इंटरकास्ट शादी की थी, मंदिर में जबरन घुस कर पूजा कर आया था. इस पर नाराज पुरोहितों ने हड़ताल कर दी और सर्वशक्तिमान लौर्ड जगन्नाथ को भोग तक नहीं लगाया.

जब मंदिर के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर रंजन दास ने मंदिर की शुद्धि का वादा किया और अपने ही धर्म, अपनी ही जाति के एक पुजारी के प्रवेश से दूषित हो गए लौर्ड जगन्नाथ में फिर से पूजा करने का वादा किया, तो मामला सुलझ. हां, इस दौरान जगन्नाथ मंदिर में रखीं हुंडियों में पैसे पड़ते रहे क्योंकि भक्तों को नहीं रोका गया, मामला पैसे का जो था.

क्या यही सनातन धर्म है जिस का पक्ष प्रधानमंत्री रख रहे हैं जो एक पुजारी को अछूत मान लेता है जिस ने अंतर्जातीय विवाह कर लिया? क्या इसे ही बराबरी कहते हैं? क्या उस धर्म की रक्षा हो सकती है जो नीची जाति की औरत के एक पुजारी से विवाह को धर्म का एक बड़ा पाप समझता हो कि वह उक्त पुजारी को अब सर्वशक्तिमान लार्ड जगन्नाथ के लायक नहीं समझता.

इस पुजारी, जो सनातन धर्म और उस के ठेकेदारों का साथी था, को उसी के साथियों ने इसलिए रिजैक्ट कर दिया कि उस ने एक दूसरी जाति की लड़की से विवाह कर लिया. क्या यही सनातन धर्म है जो हमें आज 21वीं सदी में विरासत में मिला है और जिस के सहारे मई 2024 में या जल्दी नरेंद्र मोदी अमृतमंथन से अमृत निकालना चाह रहे हैं?

वैसे, अगर बात अमृतमंथन की करें तो क्या सनातन धर्म यह सिखाता है कि पहले दस्युओं के साथ बराबर की साझेदारी करो और फिर मोहिनी अवतार बन कर अमृत झटक ले जाओ?

सनातन धर्म के प्रचारक क्या यह बताएंगे कि जो धर्म हमें आज मिला है उस में कहां क्या विशेषता है? वैसे ईसाई, बौद्ध धर्म, इसलाम व जोरैस्ट्रियन धर्मों के मानने वालों की आज सैकड़ों खराबियां निकाली जा सकती हैं, लेकिन उन से कई गुना ज्यादा सनातन धर्म में निकाली जा सकती हैं. इस में अंगरेजों और मुगलों को दोष देने का बहाना न बनाइए. इस के लिए सिर्फ ग्रंथ पढ़ लीजिए जिन से सनातन धर्म का पानी बहता है और यह देख लें कि वह अमृत है या विष.

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