उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले सुशासन और अपराधमुक्त प्रदेश बना लेने के बड़ेबड़े दावे करते रहें मगर हकीकत यह है कि प्रदेश में न तो सुशासन है, न पुलिस का कोई डर है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि दिनदहाड़े लड़की को कार में घसीट लिया जाता है. ट्रैफिक से भरी सड़कों पर कार में ही उस के साथ गैंगरेप किया जाता है. 6 थानाक्षेत्रों से हो कर कार गुजरती है.लखनऊ से ले कर बाराबंकी तक कोई 20 किलोमीटर के रास्ते पर भागती गाड़ी पर किसी पुलिसकर्मी की नजर नहीं पड़ती जिस में एक बच्ची अपनी इज्जत बचाने की कोशिश में चीख रही थी, दरिंदों से लड़ रही थी.

उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक सेवानिवृत्त अफसर की बेटी से चलती कार में सामूहिक बलात्कार हो रहा था और पुलिस सो रही थी. 22 साल की अनुजा (परिवर्तित नाम) लखनऊ के किंग जौर्ज मैडिकल कालेज में अपने इलाज के सिलसिले में जाती थी. उस को कुछ मानसिक समस्या थी जिस का ट्रीटमैंट मानसिक रोग विभाग में चल रहा था. वह अकसर वहां जाती थी. कई बार भीड़ होने के कारण बाहर चाय की दुकान पर बैठ जाती थी. इस बीच वहां काम करने वाले मड़ियांव के सत्यम मिश्र से उस की जानपहचान हो गई. 5 दिसंबर को अनुजा इलाज के लिए अस्पताल गई और डाक्टर को दिखाने के बाद वह सत्यम की दुकान पर चाय पीने लगी.

इस दौरान उस का मोबाइल फोन बंद हो गया. अनुजा ने सत्यम से कहा तो उस ने बाजारखाला के मो. असलम (चालक) की एंबुलेंस में उस का मोबाइल फोन चार्जिंग पर लगवा दिया. कुछ देर बाद अनुजा ने अपना फोन मांगा तो सत्यम ने कहा कि चालक एंबुलेंस ले कर डालीगंज चला गया है. सत्यम ने अनुजा को बातों में फंसा कर उस को ईरिकशे से डालीगंज ले आया. वहां उस ने किसी को फोन किया और अनुजा से कहा कि एंबुलेंस आईटी चौराहे पर है.

दोनों आईटी चौराहे पहुंचे.वहां अनुजा को उस का मोबाइल फोन दिलाया मगर तभी 2 लड़के – मो. सुहैल और असलम एक वैगनार कार से वहां आए और उन्होंने सत्यम और अनुजा को कार में यह कह कर बैठा लिया कि वे उन्हें मैडिकल कालेज छोड़ देंगे. इस के बाद कार तेजी से सड़क पर भागने लगी.

केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास से आरोपियों ने 5 कैन बियर के खरीदे. लखनऊ की सीमा से निकल कर कार बाराबंकी के सफेदाबाद स्थित एक ढाबे पर पहुंची. वहां उन लोगों ने खाना खाया. सत्यम लगातार अनुजा को बातों में उलझाए रहा. ढाबे पर ही उन लोगों ने अनुजा को जबरन कोई नशीला पदार्थ पिलाया. जब वह नशे में हो गई तो उसे कार में डाल कर तीनों ने चलती कार में एक के बाद एक उस का बलात्कार किया. अनुजा नशे के बावजूद चीखती रही,खुद को बचाने के लिए लड़ती रही लेकिन दरिंदों ने उस को छोड़ा नहीं बल्कि उस की पिटाई भी की.

पहले लखनऊ से बाराबंकी तक और फिर बाराबंकी से ले कर लखनऊ तक कोई 20-25 किलोमीटर तक यह कार सड़क पर दौड़ती रही. वे युवक युवती से दरिंदगी करते रहे. उस का नग्न वीडियो बनाया और अंत में मुंशी पुलिया पर कार रोक कर तीनों बलात्कारियों ने रात साढ़े बारह बजे अनुजा को सड़क पर फेंका और निकल भागे.

यह घटना है 5 दिसंबर की. बाराबंकी के सफेदाबाद से ले कर मुंशी पुलिया तक 20 किलोमीटर की दूरी में कई थाने और पुलिस चौकियां हैं. सड़क पर अगर कहीं भी पुलिस सक्रिय होती, तो नशे में 7 घंटे तक कार दौड़ा रहे आरोपी उसी समय पकड़ में आ जाते. लेकिन प्रदेश पुलिस सो रही थी. प्रदेश के पुलिस कमिश्नर योगी सरकार की जयजय कार करते हुए अपराधमुक्त प्रदेश का बिगुल फूंकते हैं, जगहजगह बैरिकेटिंग, पिकेट, चैकिंग और मुस्तैदी का ढोल पीटते हैं मगर सचाई इस के बिलकुल उलट है.

अनुजा काफी डरीसहमी थी. मुंशी पुलिया से वह किसी तरह अपनी एक सहेली के घर पहुंची और उस को सारी बात बताई. फिर किसी तरह अपने घर पहुंची. इस के बाद रविवार को उस ने हिम्मत जुटाई और सारी बात परिवारजनों को बताई. इस के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और तीनों को पकड़ा गया.

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