लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर आगे बढ़ते ही बर्लिंग्टन चौराहे पर दृष्टि कोचिंग सैंटर का बड़ा सा बोर्ड दिख जाएगा. करीब 10 हजार स्क्वायर फुट में यह कोचिंग सैंटर कौर्पोरेट औफिस का लुक देता है. पहले यह इमारत सुनसान और उपेक्षित सी पड़ी थी. दृष्टि कोचिंग के आते ही इमारत की रौनक बढ़ गई. इस के बाद से ही लखनऊ में बड़े शहरों की नामीगिरामी कोचिंगों के फैंचाइजी खुलने लगीं. एलन कोटा ने भी अपने 2 कोचिंग केंद्र यहां खोल दिए हैं. इस के अलावा आकाश, ध्येय और तमाम अलगअलग नामों से कोचिंगें खुल गई हैं.

केवल लखनऊ ही नहीं, उत्तर प्रदेश के 17 शहरों में कोचिंग कारोबार तेजी से बढ़ा है. ये 17 वो शहर हैं जिन को नगर निगम का दर्जा हासिल है. लखनऊ के साथ कानपुर, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर और नोएडा जैसे शहरों में खुलने वाले कोचिंग संस्थानों ने शहर का नकशा ही बदल दिया है.

लखनऊ में पहले लीला सिनेमा और आसपास कोचिंग संस्थान खुले थे. अब अलीगंज, कपूरथला, आलमबाग और गोमतीनगर में इन की संख्या बढ़ गई है. पहले कोचिंग का समय 6 बजे तक होता था. अब रात के 10 बजे तक इन का समय हो गया है.

कोचिंग पढ़ने वालों में बड़ी संख्या में लड़कियां भी आती हैं. इन में से कुछ अपने घरों में रहती हैं तो कुछ किराए के होस्टल या कमरे ले कर रहती हैं. देरशाम इन के बाहर निकलने पर छेड़छाड़ और दूसरे किस्म के अपराधों को रोकने के लिए यूपी सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए आदेश जारी किया कि वे अपनी कोचिंग शाम 7 बजे तक ही खोलें. छोटेछोटे शहरों के युवा अपने सपनों को पूरा करने यहां आते हैं. पहले जहां विद्यार्थी दिल्ली और कोटा जाते थे, अब फैंचाइजी कोचिंग यहां खुलने लगी हैं, तो वे यहीं पढ़ने लगे हैं.

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