मध्यवर्गीय परिवार का इकलौता लङका राजकुमार उर्फ राजू किशोर उम्र से ही आवारा और बिगड़ैल हो गया था. मांबाप का लाड़प्यार भी उस पर कुछ ज्यादा ही बरसता रहा, जिस कारण वह पढ़ाईलिखाई में पिछड़ा रहता और जिद से हर जरूरी व गैर जरूरी चीजें हासिल कर लेता था. इस पर घर वालों को कभीकभी कर्ज भी लेना पड़ जाता था.
राजू की एक छोटी बहन थी नेहा, जिसे वह जान से भी ज्यादा प्यार करता था. राजू कभी इंटर कालेज बंक कर के दोस्तों के साथ सिनेमा जाता, जुआ खेलता तो कभी शराबगांजे का नशा करता था. कभी जेब खर्च न हो तो चोरियां भी वह करने लगा, मसलन चेन छीनना, पर्स लूटना, मोबाइल छीन लेना आदि.
राजू के मांबाप लाडले बेटे के अंधभक्त बन चुके थे, जिस से वह और मनबढ़ सवाशेर हो चला था.
इसी तरह समय बीतता गया. जब जवानी के दिन शुरू हुए तो राजू लड़कियों की ओर आकर्षित होने लगा. स्कूलकालेज आतीजाती लड़कियों को अश्लील कमैंट्स मारता, हाथ पकड़ता, पीछा कर के छेङखानी करता था. और कहीं सुनसान रास्ते में लङकी दिखती तो उस के साथ गंदी हरकत कर के भाग जाता था.
एक बार की बात है. राजू दोस्तों संग एक खंडहरनुमा घर में ताश खेल रहा था. तभी एक लङकी उधर से गुजरी. वह बहुत खूबसूरत थी. अकेला पा कर राजू ने उसे दबोच लिया और दोस्तों के साथ मिल कर उस के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. वीडियो भी बना लिया. घटना के बाद लङकी ने रोते हुए सब की शिकायत पुलिस से करने की बात कही, तो राजू ने उस का वीडियो इंटरनैट पर लोड कर बदनाम करने की धमकी दे डाली.
यह सुन लङकी घबरा कर और जोरजोर से रोने लगी. कुछ दिन बाद उस ने बदनामी के डर से अपने घर में आत्महत्या कर ली.
राजू की ऐसी कारगुजारियां आगे भी चलती रहीं. उसे इस काम में ज्यादा रस आने लगा था. राजू के मांबाप को उस की इन करतूतों का कभी पता भी नहीं चला. दिन तेजी से गुजरते गए.
एक रोज शाम जब राजू मौजमस्ती कर के घर लौटा तो उस की प्यारी बहन नेहा रोते हुए मिली. मांबाप भी आंसू लिए दुखी नजर आए. जब उस ने इस बारे में जानना चाहा तो सचाई सुन कर जैसे उस के पैरों तले की जमीन ही खिसक गई. उस ने अपनी बहन के साथ ऐसी घटना की कल्पना कभी सपने में भी नहीं की थी.
‘नेहा के साथ दुष्कर्म. नहींनहीं, ऐसा नहीं हो सकता. कोई मेरी बहन के साथ ऐसा कैसे कर सकता है…’ बारबार मन में कौंधते इन सब विचारों से राजू परेशान हो गया था. सारी रात उसे नींद नहीं आई.
दूसरे सुबह थाने जा कर राजू के पिता ने बेटी नेहा से हुई दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखानी चाही, तो मां ने बदनामी की दुहाई दे कर उन्हें जाने से रोक लिया.
अब राजू घर में मच रही हलचल को चुपचाप सिर्फ देखता ही रहा और कुछ न कर सका.