भगवा हुईं कांग्रेसी कौलगर्ल्स कर्नाटक में विधानसभा चुनाव आ गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में 10 दिनों के मामूली अंतर से वहां के 2 दौरे किए. अलावा इस के, वहां भी राष्ट्रवाद, हिंदूमुसलिम, लव जिहाद, सनातन मंदिर और धारा 370 जैसे शब्द हर कहीं सुनाई देने लगे हैं. जल्द ही इस चुनावी शब्दकोष में यूसीसी और राष्ट्रवाद जैसे दर्जनों शब्द और जुड़ेंगे लेकिन एक नई बात पिछड़े समुदाय के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बी के हरिप्रसाद ने यह कही कि जो कांग्रेसी पार्टी छोड़ कर भाजपा में चले गए, उन की तुलना वेश्याओं से की जा सकती है जो पेट पालने के लिए जिस्मफरोशी करती हैं.

अब कौन हरिप्रसाद को बताए कि वेश्यावृत्ति कोई बुरा काम नहीं है और औरतें इसे उस मजबूरी में करती हैं जिसे मर्द पैदा करते हैं. वैसे, ऐसे भगोड़ों के लिए विभीषण शब्द सटीक है. उत्तर भारत में तो इसी का इस्तेमाल किया जाता है और अब तो वेश्याओं के घर बसाने को ले कर भी लोग उदार हो चले हैं. इस के बाद भी उन से एक पतिव्रता होने की उम्मीद करना उन के साथ एक और ज्यादती है. तीरकमान बनाम तराजू देश में कुछ और हो न हो, चलेगा, लेकिन धर्म, उस के ग्रंथ व स्थलों पर विवाद न हो. लगता है कि कहीं हम और किसी दुनिया में तो नहीं आ गए. ?ारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पार्श्वनाथ की पहाडि़यों और तीर्थस्थल सम्मेत शिखर को पर्यटन स्थल क्या घोषित किया गया, जैनियों ने पवित्रता की दुहाई देते आसमान सिर पर उठा लिया और देखते ही देखते केंद्र सरकार इस धनाढ्य समुदाय के आगे ?ाक भी गई.

इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक सच्चा आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा समुदायों और धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है. ?ां?ाट यह है कि आदिवासी पार्श्वनाथ को अपने मुरुंग देवता का हैडक्वार्टर बता रहे हैं जबकि जैनियों का दावा है कि यह उन के भगवान का मुख्यालय है. अब ये दोनों समुदाय आमनेसामने हैं. आदिवासी होने के नाते हेमंत इसे मुरुंग का होना तो बता रहे हैं लेकिन वे यह भी बेहतर जानते हैं कि ?ारखंड के जंगलों में नक्सलियों की और शहरों में जैनियों व बनियों की हुकूमत चलती है. लिहाजा विवाद बातचीत से तो सुल?ाने से रहा. सांच को आंच नहीं बलात्कार के आरोप में फंसे दिग्गज मुसलिम भाजपाई नेता शाहनवाज हुसैन की एफआईआर दर्ज न करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने भी ठुकराते उन्हें पुचकारा है कि आप सही होंगे तो बच जाएंगे. मामले में ज्यादा पेंचोखम नहीं हैं.

26 अप्रैल, 2018 को एक महिला ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की थी कि शाहनवाज ने उन का बलात्कार किया और इस के लिए बाकायदा उसे अपने छत्तरपुर स्थित फार्महाउस ले गए. पुलिस वालों को मालूम था कि आरोपी साहबों का लाडला है, लिहाजा वे पीडि़ता को घुमाते और धमकाते रहे. लेकिन पीडि़ता ने ‘इंसाफ का तराजू’ फिल्म देखी थी, सो, वह नायिका जीनत अमान की तरह अड़ गई. अब एफआईआर दर्ज होगी और कोर्ट में ट्रायल जैसे टोटके भी होंगे. कुछ या कई सालों बाद फैसला जो भी आए, हालफिलहाल तो कानूनी खामियों का खमियाजा दोनों पक्ष भुगत रहे हैं.

तल्खियां राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के कानों में कोई मंत्र तो फूंका था जिस का असर अब उतरने लगा है या असर अब दिखने लगा है, एक ही बात है क्योंकि दोनों में फिर से तूतूमैंमैं होने लगी है. यह कलह बड़ी दिलचस्प है, जिस में गहलोत ने पायलट को कोसते उन्हें कोरोना तक कह डाला. कोरोना हर कोई जानता है कि एक जानलेवा वायरस है जो एक बार मानव मात्र को संक्रमित कर दे तो ऊपर वाला भी कुछ नहीं कर पाता. इस लिहाज से तो गहलोत को पायलट का लिहाज करना चाहिए वरना कांग्रेसी नर्सिंगहोम के डाक्टर भी कुछ नहीं कर पाएंगे.

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